Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

24 वर्षीय नांगजाप के सफाई अभियान की तारीफ कर रहा है पूरा देश

मेघालय के 24 वर्षीय नांगजाप थाबाह के अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया सपोर्ट...

24 वर्षीय नांगजाप के सफाई अभियान की तारीफ कर रहा है पूरा देश

Monday July 17, 2017 , 4 min Read

हम अपना घर बड़े करीने से और दिल लगाकर साफ करते हैं, लेकिन जब बात हमारे गली मोहल्लों की आती है तो अधिकतर लोग साफ-सफाई की जिम्मेदारी को अपने घरों तक ही सीमित रखते हैं। गली के बाहर लगे कूड़े के ढेर की बगल से दौड़कर निकलते हैं, कि कहीं उसकी बदबू से हमारा मूड न खराब हो जाए और फिर वहां से आगे बढ़कर हम लोग म्यूनिसपॉ़लिटी, सरकार, पड़ोसियों को कोसने लगते हैं।

फोटो साभार: menxp

फोटो साभार: menxp


24 साल के नांगजाप थाबाह ने अपने शहर को साफ रखने के ल‍िए चलाया एक म‍िशन। अपने मिशन से जोड़ रहे हैं दूसरे लोगों को। उनके इस अभियान को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया है सपोर्ट।

हमें लगता है कि सरकार कुछ सफाई करवाती ही नहीं और पड़ोसी ही हैं जो सारा कचरा यहां पटक जाते हैं। हम सिस्टम और सोसायटी को दोष देने लगते हैं और ये भूल जाते हैं कि इस सिस्टम और सोसायटी का एक हिस्सा हम भी हैं।

साफ-सफाई, एक ऐसी चीज जो जरूरत भी है और जरूरी भी। हम सब चाहते हैं कि हमारा घर-आंगन एकदम चकाचक रहे। हम अपना घर बड़े करीने से और दिल लगाकर साफ करते हैं, लेकिन जब बात हमारे गली मोहल्लों की आती है तो अधिकतर लोग साफ-सफाई की जिम्मेदारी को अपने घरों तक ही सीमित रखते हैं। गली के बाहर लगे कूड़े को ढेर के बगल से दौड़कर निकलते हैं, कि कहीं उसकी बदबू से हमारा मूड न खराब हो जाए और फिर वहां से आगे बढ़कर हम लोग म्यूनिसपॉ़लिटी, सरकार, पड़ोसियों को कोसने लगते हैं। हमें लगता है कि सरकार कुछ सफाई करवाती ही नहीं और पड़ोसी ही हैं जो सारा कचरा यहां पटक जाते हैं। हम सिस्टम और सोसायटी को दोष देने लगते हैं और ये भूल जाते हैं कि इस सिस्टम और सोसायटी का एक हिस्सा हम भी हैं। हम अपने-अपने घरों का कचरा सड़क पर नहीं फेंकेगें तो गंदगी होगी ही नहीं, अगर राह चलते चिप्स का पैकिट हवा में उड़ाना बंद कर देंगे तो हमारे आस-पास का इलाका साफ-सुथरा लगेगा। हमें सिर्फ अपने घरों की चिंता होती है। हम ये नहीं सोचते कि अगर हम घर के साथ साथ आस-पड़ोस में सफाई रखेंगे तो भला हमारा ही होगा। गंदगी से होने वाली तमाम बीमारियां हमसे हमेशा के लिए दूर रहेंगी।

एक युवा ने उठाया है बीड़ा

वैसे ये सारी बातें हम सब को ही पता है, लेकिन वही हमारा एटीट्यूड कि एक हमारे सुधर जाने से क्या होगा। लेकिन शिलांग के एक शख्‍स ने यह सोच पूरी तरह झूठी स‍ाब‍ित कर दी है। मेघालय के 24 साल के नांगजाप थाबाह ने अपने शहर को साफ रखने के ल‍िए #NoLitterShillong नाम का एक म‍िशन चलाया है। वह दूसरों को भी इसके ल‍िए प्रेरित करते हैं। उनके इस अभ‍ि‍यान को पीएम नरेन्‍‍‍‍द्र मोदी ने भी काफी सपोर्ट क‍िया है।

नांगजाप का कहना है कि 'यह हमारे देश के प्रधान मंत्री का सपना है। सपने को पूरा करने में हमें उनकी पूरी मदद करनी चाह‍िए।'

ये भी पढ़ें,

2 NRI युवाओं ने केरल के सरकारी स्कूल में बनाई 5,000 किताबों की लाइब्रेरी

फोटो साभार: Indiatimes

फोटो साभार: Indiatimes


नांगजाप लोगों को जोड़ रहे हैं अपने मिशन से

नांगजाप खास तौर पर लोगों से इस मुहिम में शामिल होने की गुहार भी कर रहे हैं। इसके ल‍िए उन्‍होंने #AdoptaNeighbourhood नाम का एक हैशटैग बनाया है। वह इस म‍िशन पर ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को शामिल करने की बात कर रहे हैं। सोशल मीड‍िया पर कई लोग इसके साथ जुड़े हैं। यह नरेन्‍द्र मोदी के सफाई अभ‍ियान का एक ह‍िस्‍सा है। नांगजप चाहते हैं कि अपने आस-पास की सफाई को गंभीरता के साथ ल‍िया जाए। वह इसे एक कम्‍युन‍िटी के तौर पर जोड़ना चाहते हैं। यह म‍िशन सिर्फ यहीं तक सीम‍ित नहीं है। इस पर उनके भाई बहन के अलावा कम्‍युन‍िटी के बाकी लोग भी इसके साथ काम कर रहे हैं।

नांगजाप को मिल रही हैं खूब सारी तारीफें

हालांकि इस काम को वह रोज तो नहीं करते हैं, फिर भी हफ्ते में कम से कम एक बार जरूर शिलांग की सड़कों पर निकलते हैं। सोशल मीड‍िया पर बाकी लोग भी इसके साथ जुड़ रहे हैं। ट‍्विटर और फेसबुक पर कई हजार लोगों ने इनके इस व‍िशेष काम को सराहा है और उन पर ढेरों र‍िएक्‍शन भी द‍िए हैं। उनकी इस मुहिम में ज्‍यादा से ज्‍यादा लोग जुड़ रहें है।

ये भी पढ़ें,

गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए ट्रेन में भीख मांगता है ये प्रोफेसर