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2 NRI युवाओं ने केरल के सरकारी स्कूल में बनाई 5,000 किताबों की लाइब्रेरी

आर्ट और म्यूज़िक के शौक से पैसे इकट्ठे करके दुबई के दो एनआरआई युवाओं ने केरल में बनाई लाइब्रेरी...

2 NRI युवाओं ने केरल के सरकारी स्कूल में बनाई 5,000 किताबों की लाइब्रेरी

Thursday July 13, 2017 , 3 min Read

दुबई में रहने वाले दो भारतीय मूल के दो युवाओं ने केरल के एक स्कूल की लाइब्रेरी की न केवल मरम्मत की बल्कि 5 हजार किताबें भी दान कीं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने किया इस लाइब्रेरी का उद्घाटन।

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दुबई के अनिरुद्ध और आमिर कुदेल ने अपने सोशल सर्विस प्रॉजेक्ट के तहत स्कूल को गिफ्ट की एक लाइब्रेरी।

लाइब्रेरी स्थापित करने के प्रॉजेक्ट की कुल लागत 1.25 लाख आई। दोनों युवाओं ने अपने आर्ट और म्यूजिक के टैलेंट से ये पैसे इकट्ठे किए। आमिर को पेंटिंग करने का शौक है वह दुबई में अपनी पेंटिंग्स का एग्जिबिशन करते हैं वहीं अनिरुद्ध गिटार बजाते हैं। दोनों ने दुबई में एक कार्यक्रम करके पैसे इकट्ठे किए। उन्होंने लगभग 4,000 किताबें खरीदीं। इनमें से अधिकतर किताबें अंग्रेजी में हैं।

किताबें कुछ कहना चाहती हैं, तुम्हारे पास रहना चाहती हैं॥

किताबों में चिड़िया चहचहाती हैं, किताबों में खेतियाँ लहलहाती हैं

सफदर हाशमी

दुबई में रहने वाले भारतीय मूल के दो युवाओं ने केरल के एक स्कूल की लाइब्रेरी की न केवल मरम्मत की बल्कि 5 हजार किताबें भी दान कीं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। पूरी तरह से कंप्यूटर से लैस इस 'अक्षरम' लाइब्रेरी को अनिरुद्ध और आमिर कुदेल ने सेटअप किया। उन्होंने अपने सोशल सर्विस प्रॉजेक्ट के तहत इस लाइब्रेरी को स्कूल को गिफ्ट किया। एक छोटे से सांस्कृतिक समारोह के दौरान शशि थरूर ने लाइब्रेरी स्कूल को सौंप दी।

केरल के मलप्पुरम में वेंगारा गवर्नमेंट वोकेशनल हायर सेकंडरी स्कूल में यह लाइब्रेरी स्थापित की गई है। आमिर और अनिरुद्ध का कोच्चि और मलाप्पुरम से पुराना वास्ता रहा है। ये दोनों युवा दुबई में 12वीं के छात्र हैं। ये काम उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा है। दुबई में उनके कई साथी मॉरिशस के गांवों में बच्चों की मदद करने निकले तो इन्होंने अपने देश के गरीब छात्रों के लिए कुछ करने के बारे में सोचा। आमिर ने कहा, 'हमने सोचा कि हम अपने देश के लोगों के बजाय किसी दूसरे देश में लाइब्रेरी स्थापित करने क्यों जाएं। हमने इस स्कूल को इसलिए चुना क्योंकि यहां हमारे दादाजी ने पढ़ाई की थी।'

लाइब्रेरी स्थापित करने के प्रॉजेक्ट की कुल लागत 1.25 लाख आई। दोनों युवाओं ने अपने आर्ट और म्यूजिक के टैलेंट से ये पैसे इकट्ठे किए। आमिर को पेंटिंग करने का शौक है वह दुबई में अपनी पेंटिंग्स की एग्जिबिशन करते हैं, वहीं अनिरुद्ध गिटार बजाते हैं। दोनों ने दुबई में एक कार्यक्रम करके पैसे इकट्ठे किए। उन्होंने लगभग 4,000 किताबें खरीदीं। इनमें से अधिकतर किताबें अंग्रेजी में हैं। कुछ और किताबें जो मलयालम और अंग्रेजी में हैं वे दान करने वालों से इकट्ठा की गईं। आमिर ने कहा कि प्रॉजेक्ट के तहत हमने एक कमरे की भी व्यवस्था की, जहां पर सारी किताबों का डेटाबेस सुरक्षित रखा जा सकता है।

आमिर के दादा पी के कुन्हालिकुट्टी एमपी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुस्लिम लीग के नेता रहे हैं। आमिर ने बताया कि वह जिस इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं, वहां यह पाठ्यक्रम का हिस्सा होता है और हर किसी छात्र को सोशल सर्विस प्रॉजेक्ट के तहत ऐसे काम करने पड़ते हैं।

वाकई किताबें हमारी दोस्त होती हैं और किताबें ही समाज में बदलाव का रास्ता बनाती हैं। इन दो युवाओं की बदौलत न जाने कितने बच्चों की जिंदगी में परिवर्तन आ जाएगा। ऐसे युवाओं को सलाम करना तो बनता है।

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