Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

किसान दिवस: जानिए क्या है इसका इतिहास और महत्व

चौधरी चरण सिंह ने जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। चौधरी चरण सिंह किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने के लिए जाने जाते हैं। वह हमेशा किसानों के साथ खड़े रहे और किसान-हितैषी नीतियों पर काम किया।

किसान दिवस: जानिए क्या है इसका इतिहास और महत्व

Wednesday December 23, 2020 , 2 min Read

भारत हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस (National Farmers Day) मनाता है। यह दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की याद में मनाया जाता है।


चौधरी चरण सिंह ने एक बार कहा था, "सच्चा भारत अपने गांवों में बसता है।"


उन्होंने भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा दिये गये नारे 'जय जवान जय किसान' को फॉलो किया और इस तरह किसान नेता के रूप में जाने गए।


चौधरी चरण सिंह ने जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। चौधरी चरण सिंह किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को शुरू करने के लिए जाने जाते हैं। वह हमेशा किसानों के साथ खड़े रहे और किसान-हितैषी नीतियों पर काम किया।

भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की याद में ‘किसान दिवस’ मनाया जाता है (फोटो साभार: HelloTravel)

भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की याद में ‘किसान दिवस’ मनाया जाता है (फोटो साभार: HelloTravel)

उन्होंने 1939 में विधानसभा में कृषि उपज बाजार बिल (Agricultural Produce Market Bill) जैसे किसान समर्थक बिल पेश किए, 1952 में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया और 1953 में जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया।


चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में मेरठ के नूरपुर में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने कृषि अर्थव्यवस्था के महत्व और अर्थव्यवस्था में किसान की स्थिति को पहचाना और उसका सम्मान किया।


चौधरी चरण सिंह हमेशा सादगी में विश्वास करते थे और सादा जीवन जीते थे। उन्होंने भारतीय किसानों के मुद्दों पर कई किताबें लिखी हैं और उनके लिए समाधान भी सुझाए हैं।


भारत सरकार ने उनके योगदान को मान्यता दी है और उन्हें कई बार सम्मानित किया है।


चौधरी चरण सिंह के स्मारक को किसान घाट के नाम से जाना जाता है। उनकी जयंती को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे का नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया है। मेरठ विश्वविद्यालय का नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कर दिया गया है।


आपको बता दें कि साल 2001 में सरकार ने 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया, ताकि देशवासियों में जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके कि किसान, समाज और समग्र सामाजिक और आर्थिक विकास में योगदान करते हैं। इस दिन सरकार लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों जैसे चर्चा, प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं आदि का आयोजन करती है।