अगले महीने से 500 ट्रेनों की बढ़ जाएगी स्पीड, 2 घंटे तक का फासला होगा कम
रेलवे के नए प्लान के मुताबिक नए टाइम टेबल में करीब 50 ऐसी ट्रेनें इस तरह चलेंगी। कुल 51 ट्रेनों का समय एक से तीन घंटे तक घट जाएगा। यह 500 से ज्यादा ट्रेनों तक होगा।
इससे दो फायदे होंगे। एक तो यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में कम वक्त लगेगा दूसरा रेलवे के हर डिविजन को ट्रेन के मेंटिनेंस के लिए अतिरिक्त समय भी मिल जाएगा।
रेलवे एवरेज स्पीड बढ़ाने के साथ-साथ स्टेशन पर रुकने के वक्त में भी कमी करेगा। ट्रेन उन स्टेशनों पर नहीं रुकेगी, जहां फुटफॉल कम है। रेलवे के इस कदम से रनिंग टाइम में काफी कमी होगी।
भारत में लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ एक ही समस्या होती है और वह है टाइम की। ये ट्रेनें अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में काफी वक्त लेती हैं। लेकिन रेलवे ने एक सही कदम उठाते हुए ऐसी 500 ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का फैसला किया है। इससे इन ट्रेनों का जर्नी टाइम पहले से कम हो जाएगा। इससे दो फायदे होंगे। एक तो यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में कम वक्त लगेगा दूसरा रेलवे के हर डिविजन को ट्रेन के मेंटिनेंस के लिए अतिरिक्त समय भी मिल जाएगा। अभी हाल ही में रेलवे के नए मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रालय के अधिकारियों को इनोवेटिव टाइम टेबल पर काम करने के निर्देश दिए थे। इनमें कई नामी ट्रेनों का रनिंग टाइम 15 मिनट से 2 घंटे तक कम करने को भी कहा गया था।
रेलवे के नए प्लान के मुताबिक नए टाइम टेबल में करीब 50 ऐसी ट्रेनें इस तरह चलेंगी। कुल 51 ट्रेनों का समय एक से तीन घंटे तक घट जाएगा। यह 500 से ज्यादा ट्रेनों तक होगा। रेलवे ने एक इंटर्नल आडिट भी शुरू किया है जिसमें 50 मेल और एक्सप्रेस ट्रेन सुपरफास्ट सेवा में बदली जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह मौजूदा ट्रेनों की औसत रफ्तार बढ़ाने के रेल तंत्र को दुरूस्त करने का एक हिस्सा है। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि हमारी योजना मौजूदा ट्रेनों के मैक्सिमम यूज की है। अगर कोई ट्रेन कहीं पर वापसी के इंतजार में रुकी है, तो उस दौरान ट्रेन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
अधिकारी के मुताबिक रेलवे एवरेज स्पीड बढ़ाने के साथ-साथ स्टेशन पर रुकने के वक्त में भी कमी करेगा। ट्रेन उन स्टेशनों पर नहीं रुकेगी, जहां फुटफॉल कम है। रेलवे के इस कदम से रनिंग टाइम में काफी कमी होगी। मिसाल के तौर पर भोपाल-जोधपुर 95 मिनट पहले अपनी जर्नी खत्म कर लेगी। इसमें भोपाल-जोधपुर जैसी ट्रेन भी शामिल हैं जो 992 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब 27 घंटे का वक्त लेती हैं। नए प्लान के बाद ये गाड़ी लगभग दो घंटे कम समय लेगी। इसके अलावा गुवाहाटी-इंदौर एक्सप्रेस जो कि 2330 किलोमीटर का सफर तय करती है, अब दो एक घंटा, पंद्रह मिनट पहले पहुंचेगी।
इसमें गाजीपुर से मुंबई के बांद्रा तक जाने वाली ट्रेन भी शामिल है। रेलवे ने स्टेशनों पर ठहराव का वक्त भी टाया है। इसी तरह कम आवाजाही वाले स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं ठहरेगी। लाइन और आधारभूत संरचना की बेहतरी, स्वचालित संकेतक और 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से दूरी तय करने वाले नए लिंके—हॉफमेन बुश कोचों से ट्रेन तेजी से गंतव्य तक पहुंच सकेगी। इन नए डिब्बों के जुड़ने से ट्रेन 130Kmph की रफ्तार से दौड़ सकेगी। इसके अलावा रेलवे परमानेंट स्पीड रिस्ट्रिक्शन प्रॉसेस का भी रिव्यू कर रहा है। यानी कि रेलवे की आधारभूत संरचना में बड़े बदलाव की ओर पहला कदम उठा लिया गया है।
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