रिलायंस ने पेश किया इंटरनेशनल कॉलिंग एप
इस ऑफर के तहत 100 रुपये से इस एप पर लॉगइन करने वाले 200 रुपये तक की बात कर सकेंगे।
रिलायंस ग्लोबल कॉल (आरजीसी) ने एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग एप पेश किया है जिससे किसी नंबर पर सीधे अंतरराष्ट्रीय कॉल की जा सकेगी। इसके लिए अब टोल फ्री या पिन नंबर डायल करने की भी जरूरत नहीं होगी।
रिलायंस कम्युनिकेशंस की अनुषंगी आरजीसी इंडिया ने इस एप के ग्राहकों के लिए शुरूआती पेशकश की है। इस ऑफर के तहत 100 रुपये से इस एप पर लॉगइन करने वाले 200 रुपये तक की बात कर सकेंगे। इस एप से कॉल करने पर ग्राहकों को 1.4 रुपये प्रति मिनट के हिसाब से भुगतान करना होगा।
सभी पोस्टपेड और प्रीपेड मोबाइल एवं लैंडलाइन सेवाओं पर यह सुविधा उपलब्ध रहेगी।
उधर दूसरी तरफ अनिल अंबानी प्रवर्तित रिलायंस ग्रुप ने सिस्को जेसपर के साथ तीन दिन पहले ही रणनीतिक भागीदारी की घोषणा की थी, जिसके तहत वह एक नया उद्यम अनलिमिट शुरू करने वाले हैं और भारत में उद्यमी ग्राहकों के लिए इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) सेवा उपलब्ध करायेंगे। रिलायंस ग्रुप के समूह प्रबंध निदेशक अमिताभ झुनझुनवाला ने कहा था, कि ‘भारत में कनेक्टेड डिवाइसों की संख्या 2020 तक बढ़कर लगभग तीन अरब होने का अनुमान है, जो कि इस समय 20 करोड़ है। इस लिहाज से भारत में आईओटी सेवाओं के लिए बड़ी संभावनाएं हैं।’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा था, कि देश में आईओटी सेवाओं से कारोबार भी 5.6 अरब डालर से बढकर 2020 तक 15 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। रिलयांस के इस नये उद्यम अनलिमिटेड का मुख्य कार्याधिकारी जुएरगन हेस को बनाया गया है।
साथ ही दूरसंचार कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अनुषंगी इकाई टावरकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर गठित की है। सूत्रों की मानें, तो कंपनी अपनी मोबाइल टावर इकाई को अलग इकाई बनाने की प्रक्रिया में है। आरकॉम ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘कंपनी ने 17 नवंबर 2016 को नई अनुषंगी इकाई टावरकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लि. गठित की, जिसका पंजीकृत कार्यालय मुंबई में है।’
टावरकॉम के पास 95 प्रतिशत शेयर पूंजी है जो 10-10 रुपये के 9,500 शेयर हैं।
आरकॉम ने अपनी दूरसंचार टावर कारोबार में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी कनाडा की ब्रूकफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रुप को बेची। यह सौदा 11,000 करोड़ रुपये के नगद भुगतान पर हुआ है। कंपनी इस राशि का उपयोग कर्ज में कमी लाने में कर रही है।