Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

ड्यूटी के दौरान DCP पिता और IPS बेटी की हुई मुलाकात तो पिता ने किया सैल्यूट

ड्यूटी के दौरान DCP पिता और IPS बेटी की हुई मुलाकात तो पिता ने किया सैल्यूट

Wednesday September 05, 2018 , 3 min Read

हैदराबाद के डेप्युटी कमिश्नर एआर उम्माहेश्वर सर्मा बीते तीन दशक से पुलिस सेवा में हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में उनका अपनी बेटी सिंधु सर्मा से आमना-सामना हो गया जो कि आईपीएस है और उसी राज्य में जगतियाल जिले की एसपी के पद पर तैनात है।

image


'वह मेरे विभाग की वरिष्ठ अधिकारी है और उसे देखते ही मैंने सैल्यूट किया। घर पर हमारे बीच बाप-बेटी का रिश्ता होता है और हम वैसे ही बात करते हैं लेकिन ड्यूटी के वक्त हम सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहे होते हैं।'

सोच कर देखें, वो लम्हा कैसा होगा जब जब एक आईपीएस बेटी ड्यूटी निभाते वक्त अपने डीसीपी पिता के सामने संयोगवश आ जाए और पिता ने उसे देखते ही सैल्यूट कर दे। यह कोई कोरी कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है। हैदराबाद के डेप्युटी कमिश्नर एआर उम्माहेश्वर सर्मा बीते तीन दशक से पुलिस सेवा में हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में उनका अपनी बेटी सिंधु सर्मा से आमना-सामना हो गया जो कि आईपीएस है और उसी राज्य में जगतियाल जिले की एसपी के पद पर तैनात है।

डीसीपी सर्मा ने कहा कि बेटी सिंधु को ड्यूटी पर देखकर उन्हें गर्व की अनुभूति हुई। सर्मा इन दिनों मलकागिरी इलाके के अंतर्गत रचाकोंडा पुलिस कमिश्नरी में डीसीपी के पद पर तैनात हैं और उनकी सर्विस में अब केवल एक साल बचा हुआ है। अगले वर्ष वह रिटायर होने वाले हैं। वहीं उनकी बेटी सिंधु 2012 बैच की आईपीएस अधिकारी है। हाल ही में तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की तरफ से कोंगारा कलान में एक जनसभा का आयोजन किया गया था जहां दोनों की मुलाकात हुई।

डीसीपी सर्मा ने कहा, 'ऐसा पहली बार हुआ कि हम दोनों एक साथ ड्युटी पर मिले। इसके पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। मैं खुद को काफी सौभाग्यशाली समझता हूं कि मुझे बेटी के साथ काम करने का मौका मिला।' सर्मा ने अपना करियर बतौर सब-इंस्पेक्टर शुरू किया था और हाल ही में उन्हें आईपीएस रैंक पर प्रोन्नति मिली। इस अनमोल क्षण से गौरवान्वित पिता ने कहा, 'वह मेर् विभाग की वरिष्ठ अधिकारी है और उसे देखते ही मैंने सैल्यूट किया। घर पर हमारे बीच बाप-बेटी का रिश्ता होता है और हम वैसे ही बात करते हैं लेकिन ड्यूटी के वक्त हम सिर्फ अपनी ड्यूटी निभा रहे होते हैं।'

सिंधु उस वक्त जनसभा में महिला सुरक्षा का दायित्व संभाल रही थींष उन्होंने कहा, 'इस लम्हे ने मुझे जितनी खुशी दी, मैं बयां नहीं कर सकती। यह हम दोनों के लिए सौभाग्य की बात थी कि हमने साथ में काम किया।' वाकई जैसा लम्हा ये था उसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता और सबके नसीब में ये लम्हे होते भी नहीं हैं। सिंधु 2012 बैच की आईपीएस अफसर हैं जिन्हें 357वीं रैंक हासिल हुई थी।

यह भी पढ़ें: केरल बाढ़: साइकिल खरीदने के लिए गुल्लक में रखे पैसों को किया दान, हीरो ने दी नई साइकिल