लैंगिक पूर्वाग्रहों से दूर फर्टिलिटी से जुड़ा सस्ता और सुलभ इलाज मुहैया कराता है यह टेक स्टार्टअप
'जनानी' बेंगलुरु आधारित एक फर्टिलिटी टेक स्टार्टअप है। गर्भाधान की प्रक्रिया को आसान और अधिक किफायती बनाने के लिए यह आर्टिफिशियल और कंप्यूटर विजन का इस्तेमाल करती है। साथ ही यह यौन और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी सभी समस्याओं का एक जगह समाधान मुहैया कराती है, वो भी लैगिंक तटस्थता के साथ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के भारत में हर साल 3 करोड़ जोड़े बांझपन की समस्या का शिकार होते हैं। इनमें से लगभग 30 लाख सामने आकर इसका सक्रियता से उपचार कराते हैं। हालांकि, प्रजनन संबंधी मुद्दों के बारे में और खास तौर से पुरुष बांझपन के बारे में जागरूकता और इससे संबंधित इलाज के विभिन्न विकल्पों के बारे में बेहद सीमित जानकारी उपलब्ध है।
एक हेल्थ प्रोफेशनल्स परिवार से आने वाले निलय मेहरोत्रा की हमेशा से इच्छा थी कि वह भारत के स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में अपना कुछ योगदान दें। इसी इरादे के साथ 2018 में उन्होंने उन क्षेत्रों पर शोध करना शुरू कर दिया, जहां वह एक नई हेल्थटेक सेवा पेश कर एक छाप छोड़ सकते थे।
निलय ने बताया, “चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ बात करते समय, मैंने पाया कि बाजार में बहुत अधिक टुकड़ों में बंटा था। साथ ही प्रजनन प्रबंधन और यौन रोग से जुड़ी सेवाओं को मुहैया कराने वालों की संख्या कम थी। मैंने महसूस किया कि भारत में लैगिंक पूर्वाग्रह, गलत धारणाओं और लांछन जैसी चीजें प्रजनन केयर इंडस्ट्री को सीमित कर रही हैं।”
इसने उन्हें एक लैंगिक रूप से तटस्थ और यौन प्रजनन से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान एक जगह मुहैया कराने के लिए एक टेक आधारित समाधान बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इसके लिए डॉक्टर एसएस वासन के साथ हाथ मिलाया और जून 2020 में बेंगलुरु से जनानी को शुरू किया।
इसका एक ही मकसद था: तकनीक आधारित तमाम फर्टिलिटी केयर विकल्पों को साथ लाकर एक छत के नीचे समाधान मुहैया कराना और मौजूदा अंतर को पाटना।
यह कैसे काम करता है?
जनानी का उद्देश्य बांझपन के इलाज की प्रक्रिया और गर्भाधान में सहयोग को आसान और अधिक किफायती बनाना है। यह लोगों गर्भाधान के सफर को लोगों के लिए अधिक फायदेमंद और उम्मीदों वाली बनाने की दिशा में काम कर रही है।
निलय कहते हैं, "हम गर्भाधान से लेकर स्वस्थ गर्भावस्था तक, उनकी प्रजनन यात्रा के माध्यम से रोगियों की सहायता करते हैं।"
एक मरीज कंपनी की वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकता है, जिसके बाद जनानी 24 घंटे के अंदर उनसे संपर्क करता है। इसके बाद व्यक्ति को एक फर्टिलिटी असेसमेंट टेस्ट से गुजरना होता है, जिसे चाहे तो वो अपने घर से ही कर सकता है। इस टेस्ट में पुरुषों के लिए वीर्य परीक्षण और महिलाओं के लिए रक्त हार्मोन परीक्षण शामिल हैं। विस्तृत प्रजनन मूल्यांकन परिणामों के आधार पर, व्यक्ति को एक विशेषज्ञ (पुरुषों के लिए एक पुरुष रोग विशेषज्ञ, महिलाओं के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ) को सौंपा जाता है।
जनानी प्रत्येक रोगी को एक फर्टिलिटी एडवोकेट, एक नैदानिक मनोवैज्ञानिक भी प्रदान करती है, जो उनकी प्रजनन उपचार यात्रा में उनका समर्थन करेगा। "हम समझते हैं कि बांझपन भावनात्मक रूप से कर हो सकता है, और मानसिक कल्याण सीधे यौन कल्याण से संबंधित है। इसलिए हम जनानी में इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं।
निलय का कहना है कि उनके विशेषज्ञ किसी भी नई चीज का सुझाव देने से पहले एक सहायक प्राकृतिक गर्भावस्था (एएनपी) के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं। इसके लिए दो से तीन महीने की निगरानी और अंडोत्सर्ग चक्र के साथ करीब से काम करने की जरूरत होती है।
उन्होंने बताया, “एएनपी के लिए, हम केवल हमारे इन-हाउस पेटेंट वाले फर्टिस्युटिकल्स की पेशकश करते हैं, जो जनानी द्वारा विकसित किए गए फर्टिलिटी-न्यूट्रास्यूटिकल्स की एक पूरी सीरीज है। वे एक विस्तृत वैज्ञानिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट का परिणाम हैं, जिसकी अगुआई डॉ. वासन करते हैं।"
डॉ. वासन का कहना है कि ये प्रोडक्ट खास तरीके के प्रजनन-संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं। वह कहते हैं, "वे बिल्कुल जरूरतों के मुताबिक होते हैं क्योंकि ये प्रजनन मूल्यांकन परीक्षण के बाद की जांच पर आधारित होते हैं। इन्हें फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की ANP प्रक्रिया में सहायता के लिए सुझाया जाता है।"
वह कहते हैं कि अगर ANP विफल रहता है तभी वे असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (ART) का सुझाव देते हैं। उन्होंने बताया, “अगर पुरुष में प्रजनन संबंधी समस्याएं हैं, तो इसका मतलब है कि अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (IUI); वहीं यदि महिला को स्वास्थ्य समस्या है, तो हम इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के साथ आगे बढ़ते हैं।"
ANP के चरण तक, यह प्रक्रिया पूरी तरह से आभासी रहती है और मरीज की सुविधा के मुताबिक उसके घर में की जाती है। एआरटी चरण में अल्ट्रासाउंड स्कैन के लिए एक मरीज को हमारे पार्टनर लैब में जाने की जरूरत पड़ती है। संस्थापकों का उद्देश्य प्रजनन उपचार को एक आसान डिजिटल अनुभव में बनाना है और वे इसलिए एक ऐप पर भी काम कर रहे हैं।
विशेषज्ञों की टीम
निलय ने देहरादून स्थित यूपीईएस से ऑटोमोटिव डिजाइन में स्नातक की है और वह गंभीर उद्यमी हैं। वह इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और डिजिटल स्पेस में महारत रखते हैं। साथ ही दो IoT और AI कंपनियों के संस्थापक निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे हैं। ये कंपनियां है CharIoT और SenRa। वह आईईटी IoT पैनल के सदस्य भी है और उन्हें वर्ल्ड इनोवेशन कांग्रेस द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। वह विनिर्माण क्षेत्र के डिजिटलीकरण में शानदार कार्य करने करने वाले शीर्ष 50 सीईओ में भी शामिल रहे हैं।
अपने आइडिया पर दो साल तक काम करने बाद वह अपने एक करीबी दोस्त से सुझाव लेने बैंगलोर आए थे। यहां उनके दोस्त ने उन्हें डॉ. वासन से मिलवाया जो तब मणिपुर फर्टिलिटी के चेयरमैन थे। वासन एक विश्व-प्रसिद्ध एंड्रोलॉजिस्ट हैं और दक्षिण एशियाई सोसाइटी ऑफ सेक्सुअल मेडिसिन के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं।
निलय कहते हैं, “मैंने डॉ. वासन से संपर्क किया; वह उत्साही थे और उन्होंने एक प्रारंभिक सलाहकार के रूप में मुख्य भूमिका निभाई। उनका करीब 40 वर्षों का अनुभव को है और उन्होंने इसके साथ महसूस किया कि डिजिटल परिवर्तन ही आगे का रास्ता है। उन्होंने मेरे आइडिया में दम देखा और आखिरकार को-फाउंडर के रूप में हमारे साथ जुड़ गए।"
जनानी ने 25 से अधिक पार्टनर डॉक्टर्स को जोड़ा, खासतौर से प्रजनन क्षेत्र के विशेषज्ञों को। कोर टीम में तीन और विशेषज्ञ इन-हाउस डॉक्टर और 2 क्लीनिकल परामर्शदाता/मनोवैज्ञानिक भी शामिल हैं।
मार्केट साइज और रेवेन्यू
फॉर्च्यून बिजनेस इनसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर इनफर्टिलिटी (बांझपन) मार्केट का आकार लगभग 36 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत का मार्केट कैप 30 प्रतिशत से अधिक है। सभी लिगों में यौन रोग और बांझपन की समस्या को देखे तो भारत में 50 अरब डॉलर से अधिक का बाजार है।
निलय बताते हैं, “इसके बावजूद इस उद्योग में सबसे बड़ी चुनौती प्रजनन क्षमता के बारे में समझ की कमी और बांझपन के इलाज से जुड़ी सीमित जागरूकता है। बांझपन को अभी भी ज्यादातर सिर्फ महिलाओं की समस्या के रूप में देखा जाता है। इसलिए, अधिकांश बांझपन देखभाल केंद्र महिला केंद्रित हैं।"
जनानी का लक्ष्य एक शुरू से लेकर अंत तक सभी समस्याओं का समाधान प्रदाता के रूप में खुद को स्थापित करने का है। इसके लिए कंपनी ने 'जनानी.लाइफ' नाम से एक बी2सी प्रजनन देखभाल ब्रांड और 'जनानी.एआई' नाम से एक बी2बी एआई समाधान जैसे कई प्रोडक्ट लॉन्च किए हैं।
ब्रांड ने अप्रैल 2021 में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर बैंगलोर से अपना पूर्ण रूप से ऑपरेशन शुरू किया। लॉन्चिंग के समय उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराने वाले पहले 500 पुरुषों (वीर्य परीक्षण) और 500 महिलाओं (हार्मोन-आधारित बांझपन परीक्षण) को मुफ्त फर्टिलिटी (प्रजनन) टेस्ट कराने का ऑफर दिया।
स्टार्टअप का दावा है कि लॉन्च के चार दिनों के भीतर 140 से अधिक लोग मुफ्त प्रजनन परीक्षणों के लिए उससे जुड़े। निलय कहते हैं, "नि: शुल्क प्रजनन परीक्षण को जनानी ने देश में बिना लैंगिक भेदभाव वाले यौन स्वास्थ्य प्रजनन देखभाल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया।"
वह कहते हैं कि मौजूदा वित्त वर्ष में स्टार्टअप के चालू विकास दर के आधार पर कम से कम 14 करोड़ रुपये के एआरआर की उम्मीद है।
निलय कहते हैं, “जनानी ने बेंगलुरु में 30 से अधिक प्रमुख आईवीएफ केंद्रों के साथ प्रेफर्ड पार्टनर के रूप में समझौता किया। अनुबंध के अनुसार हम अब नामों का खुलासा नहीं कर सकते। हम गुणवत्ता वाले अस्पतालों में भी काम करते हैं, और हमारी टीम में विशेषज्ञ डॉक्टर हैं।"
कोविड-19 का असर
बेंगलुरु में अचानक से कोरोना मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए, जनानी की टीम ने अपने रोगियों और विशेषज्ञों को सुरक्षित रखने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरती है। संस्थापकों ने भी हालात सुधरने तक घर जाकर प्रजनन क्षमता टेस्ट करने की सुविधा को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
निलय कहते हैं, “हम अब एक तकनीशियन की आवश्यकता के बिना, वीर्य संग्रह और विश्लेषण के लिए एक नई तकनीक विकसित करने पर काम कर रहे हैं जो रोगियों के घरों में किया जा सकता है। यह इंडस्ट्री में एक सफलता होगी।”
वह कहते हैं कि हेल्थटेक स्टार्टअप में 80 से अधिक मरीज हैं, जो बेहतर प्रजनन इलाज चाहते हैं। वे कहते हैं, "हम अपने मरीजों के साथ लगातार संपर्क में हैं क्योंकि हमारी पेशकश मुख्य रूप से आभासी यानी वर्चुअल है।"
फंडिंग और भविष्य की योजना
संस्थापकों का लक्ष्य जननी को एक वैश्विक उत्पाद बनाना है। वर्तमान में इसकी उपस्थिति सिर्फ बेंगलुरु में है। यह अगले कुछ महीनों में मुंबई और हैदराबाद में अपनी सेवाओं का विस्तार करने की योजना बना रही है।
निलय कहते हैं, “इसके साथ ही हम जनानी को अन्य देशों में लॉन्च करने पर भी काम कर रहे हैं। हमें दुनिया भर के तमाम चैनल पार्टनर्स से बहुत अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली है।"
यह फर्टिलिटी टेक स्टार्टअप अब निवेशकों का भी ध्यान आकर्षित कर रहा है। मार्च 2021 में, इसने सीड फंडिंग के तौर वेंचर कैटालिस्टों की अगुआई में में 8 करोड़ रुपये का फंड जुटाया। इस दौर में निवेश करने वाले मुख्य निवेशकों में अपोलो हॉस्पिटल्स, इन्फ्लेशन पॉइंट वेंचर्स और लेट्स वेंचर जैसे प्रमुख शामिल हैं। इसके अलावा 9यूनिकॉर्न्स और एएल जैसे मौजूदा निवेशक भी इसमें शामिल रहे।
इससे पहले अक्टूबर 2020 में इसने 9यूनिकॉर्न्स की अगुवाई में 1.5 करोड़ रुपये का प्री-सीड इन्वेस्टमेंट जुटाया था। अर्चना प्रियदर्शनी और श्वेता राऊ सहित कई निवेशकों ने एंजेललिस्ट के दौर में अगुआई किया। आईवीएफ विशेषज्ञ नंदिता पलशकर, एस्टिर वीसी के पार्टनर किशोर गंजी जैसे निवेशकों ने भी इसमें भाग लिया।
संस्थापकों का मानना है कि देश में ऐसे कई आईवीएफ क्लीनिक हो सकते हैं, जिनका अधिकतर ध्यान महिलाओं पर हैं। लेकिन जनानी अपनी तरह का पहला पूर्ण रूप से डिजिटल प्रजनन देखभाल मुहैया कराने वाला स्टार्टअप है।
निलय कहते हैं, “प्रजनन संबंधी चर्चाएं ज्यादातर महिलाओं तक ही सीमित होती हैं। हम उम्मीद करते हैं कि फर्टिलिटी टेस्ट अधिक आरामदायक और सभी के लिए सुलभ हो।"
Edited by Ranjana Tripathi