मिलिए भारत की टेक क्रांति को आगे बढ़ाने वाले इन 5 स्टार्टअप्स से
स्वास्थ्य सेवाएं खोजने वालों को रेकमेंडेशन देने से लेकर छात्रों के सवालों का समाधान करना, कंपनियों के काम को स्वचलित करना और उनके फ्लीट्स को संभालना, ये स्टार्टअप टेक्नोलॉजी के नए आयामों को परिभाषित कर रहे हैं।
टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गई है। फिर चाहे वह स्वास्थ्य सेवाओं को ढूंढने के लिए रेकमेंडेशन हो, छात्रों के सवालों का जवाब हो, कंपनियों के कार्यों को स्वचलित करना हो या फिर ट्रांसपोर्टेशन को संभालना हो, कंपनियां इस सबसे के लिए टेक्नोलॉजी पर भरोसा कर रही हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), न्यूरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), डेटा एनालिटिक्स , रोबोटिक्स जैसी नए जमाने की टेक्नोलॉजियां इन प्लेटफार्मों को शक्ति प्रदान करती हैं।
पिछले कुछ सालों में बड़े उद्यमों की तुलना में टेक स्टार्टअप ने कहीं अधिक तेज गति से टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट को बढ़ाया है।
योरस्टोरी ने विभिन्न कार्य क्षेत्रों में ऐसे टेक स्टार्टअप की सूची तैयार की है जो अपनी पेशकशों के जरिए लोगों और उद्यमों के जीवन को बदल रहे हैं।
HEAPS
हीप्स हेल्थ सॉल्यूशंस एक ग्लोबल हेल्थटेक प्लेटफार्म और SaaS (सॉफ्टवेयर-एज-ए सर्विस) प्रोवाइडर है, जिसकी स्थापना डॉ. सुमन कटरागड्डा ने की थी। यह डेटा एनालिटिक्स, एआई और एमएल जैसी आधुनिक तकनीक का लाभ उठाकर हेल्थकेयर सेवाओं की डिलीवरी और पेमेंट मॉडल्स में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।
यह स्टार्टअप मरीजों, भुगतानकर्ताओं (बीमा कंपनियों), सेवा प्रदाताओं (अस्पतालों) और बड़े कॉरपोरेट्स जैसे हितधारकों के साथ मिलकर काम करता है।
का दावा है कि उसने भारत और अमेरिका के 50 लाख मरीजों के साथ बातचीत और मेडिकल प्रोफेशनलों, स्पेशलिस्ट डाक्टरों, चिकित्सकों की एक डायवर्स टीम से लिए इनपुट और रिसर्च के आधार पर एक मजबूत प्लेटफॉर्म बनाया है।
यह प्लेटफॉर्म मरीजों के देखभाल से जुड़े प्रबंधन और तालमेल को सक्षम बनाता है। यह एमएल और एआई सुविधाओं से लैस है। साथ ही प्रत्येक मरीज या पॉलिसीधारक के लिए देखभाल से जुड़ी योजनाओं को अनुकूलित करता है।
हीप्स फिलहाल भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका में डिस्चार्ज के मरीज के देखभाल की सुविधा और हेल्थ कंप्लायंस एंड रिस्क मैनेजमेंट (HCRM) प्रदान करता है। वहीं दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश और यूएई जैसे अन्य देशों में यह सर्विस शुरू करने की प्रक्रिया में है।
मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु में ऑफिस के जरिए इस हेल्थटेक प्लेटफार्म की भारत में मौजूदगी है। साथ ही यह अपनी सहायक कंपनियों के जरिए संयुक्त राज्य अमेरिका और सिंगापुर में भी मौजूद है।
इस साल जनवरी में, कंपनी ने HNI निवेशकों और फैमिली ऑफिस से सीरीज ए राउंड में 550 मिलियन रुपये जुटाए थे। इस राउंड में सबसे अधिक निवेश मुंबई स्थित NVS वेल्थ मैनेजर्स और राजीव ददलानी ग्रुप ने किया था। कंपनी इन पैसों का इस्तेमाल अपने विस्तार में करेगी।
JIFFY.ai
की स्थापना इस मिशन के साथ हुई थी कि कंपनियों के जटिल बिजनेस प्रक्रियाओं को स्वचालित करके कैसे उनके बोझ को कम किया जा सके। स्टार्टअप का इंटेलिजेंट ऑटोमेशन प्लेटफॉर्म, बिजनेस यूजर्स को बदलावों को अपनाने और तेजी से इनोवेशन करने के लिए सशक्त बनाता है।
2018 में पायली घोष, कृष्णन सुब्रमण्यम, बाबू शिवदासन और सुधीर सेन ने मिलकर इस इंटीग्रेटेड प्लेटफार्म को लॉन्च किया था। जिफ्फी.एआई का दावा है कि इसका प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रॉसेसिंग और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके बिजनेस यूजर्स को शुरू से लेकर अंत तक सभी बिजनेस प्रक्रियाओं को स्वचलित करने में मदद करता है, जिससे उनकी प्रदर्शन में सुधार आता है, ऑपरेशन लागत घटता है और इनवेस्टमेंट पर तेज रिटर्न सुनिश्चित होता है।
इस प्लेटफॉर्म पर विकसित स्टार्टअप का हाइपरऐप्स (एज-ए-सर्विस) प्री-पैकेज्ड ऑटोमेशन एप्लिकेशन हैं, जिन्हें शुरू से लेकर अंत तक ऑटोमेशन में तेजी लाने के लिए पूरे उद्यम में बढ़ाया जा सकता है।
अमेरिका और भारत में स्थित यह स्टार्टअप संज्ञानात्मक एप्लिकेशन और ऑटोमेशन को आगे बढ़ाने की शक्ति में विश्वास करता है।
इस महीने, स्टार्टअप ने फिडेलिटी के वाली इन्वेस्टमेंट फर्म ऐट रोड्स वेंचर्स की अगुआई में अपनी सीरीज बी फंडिंग में 53 डॉलर मिलियन जुटाए है।
इससे पहले स्टार्टअप ने जून 2020 में नेक्सस वेंचर पार्टनर्स की अगुआई में सीरीज ए फंडिंग के दौर में 18 मिलियन डॉलर भी हासिल किए थे।
Doubtnut
तनुश्री नागोरी और आदित्य शंकर ने 2017 में
की स्थापना और बाद में इससे रवि शेखर भी जुड़ गए। यह स्टार्टअप तस्वीरों को पहचानने वाली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके छात्रों के सवालों के जवाब या समाधान देता है।गुरुग्राम मुख्यालय वाली एडटेक स्टार्टअप कक्षा 6 से कक्षा 12वीं तक के लाइव ट्यूशन क्लास, वीडियो लेक्चर, टेस्ट सीरीज और दूसरे टीचिंग सामग्री सहित 100 से अधिक पाठ्यक्रमों की पेशकश करने का दावा करता है। इस पर सीबीएसई बोर्ड और यूपी-बिहार सहित 14 दूसरे स्टेट बोर्डों के लिए कोर्स उपलब्ध है। साथ ही यह IIT/NEET/NDA की तैयारी, CTET, SSC और बैंकिंग जैसी सरकारी परीक्षाओं की तैयारी और इंग्लिश स्पीकिंग जैसे स्पेशल कोर्सों को ऑफर करने का भी दावा करता है।
प्लेटफॉर्म पर अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती और अन्य सहित नौ भाषाओं में वीडियो पेश किए जाते हैं।
स्टार्टअप का दावा है कि उसके डाउटनट प्लेटफॉर्म 25 लाख से अधिक दैनिक सक्रिय यूजर्स प्रति माह 60 करोड़ मिनट खर्च कर रहे हैं।
कंपनी अब तक सिकोइया कैपिटल इंडिया, ओमिडयार नेटवर्क इंडिया, वाटरब्रिज वेंचर्स, एसआईजी और लुपा सिस्टम्स जैसे निवेशकों से कुल 5 करोड़ डॉलर की रकम जुटा चुकी है।
LocoNav
गुरुग्राम मुख्यालय वाला एक फ्लीट मैनेजमेंट स्टार्टअप है। इसे 2016 में श्रीधर गुप्ता, विदित जैन, विकास रल्हन और अंजलि जोशी ने मिलकर लॉन्च किया था। यह एक फुल-स्टैक फ्लीट सॉफ्टवेयर कंपनी है जो दुनिया भर के उभरते और अधिक ग्रोथ वाले बाजारों में ड्राइवरों और फ्लीट मालिकों के लिए फ्लीट टेक्नोलॉजी तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने पर केंद्रित है।
लोकोनव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) से लैस प्लेटफॉर्म के जरिए लोकोनव सभी फ्लीट मालिकों और ऑपरेटरों को ड्राइवर व गाड़ी की सेफ्टी के साथ-साथ ऑपरेशन दक्षता और लागत में बचत हासिल करने में मदद करता है।
स्टार्टअप फिलहाल दुनिया भर के 40 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति का दावा करता है।
पिछले साल, इसने क्विट कैपिटल, एंथेमिस ग्रुप, सिकोइया कैपिटल इंडिया, फंडामेंटल, आरआईटी कैपिटल पार्टनर्स, असंबद्ध वेंचर्स, विलेज ग्लोबल और अन्य प्रमुख निवेशकों से सीरीज बी राउंड में 3.7 करोड़ डॉलर जुटाए थे।
Ripplr
को 2019 में अभिषेक नेहरू और संतोष डाबके ने शुरू किया था और अब इसकी मालिक और ऑपरेटर, इंटेलिजेंट रिटेल प्राइवेट लिमिटेड है। यह ब्रांडों के भारत का प्लग-एन-प्ले इंटीग्रेटेड डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क ऑफर करता है
यह एक AI-संचालित फुल-स्टैक डिस्ट्रीब्यूशन स्टार्टअप है जो ब्रांडों को डिस्ट्रीब्यूशन-एज-ए-सर्विस (DaaS) सेवा ऑफर करता है और देश के कम-एसेट वाले टेक-आधारित डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का निर्माण कर रहा है।
बेंगलुरु मुख्यालय वाला यह स्टार्टअप डिजिटल और ऑफलाइन दोनों तरह की एंड-टू-एंड क्षमताओं का निर्माण कर रहा है जो ब्रांडों को उनके टारगेट बाजार में प्रोडक्ट की टेस्टिंग से लेकर सभी भौगोलिक इलाकों में सैंकड़ों बड़े फॉर्मेट रिटेल स्टोरों से लेकर हजारों छोटे स्टोरों तक डिस्ट्रीब्यूशन के दायरे को बढ़ाने में मदद करता है।
रिपलर, ब्रांडों को डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़े कार्यों का डिजिटलीकरण करने और उन्हें संभालने, वित्तीय और बैकएंड ऑपरेशन को संभालने, विजिबिलिटी बनाने और लॉजिस्टिक के लिए एक मैनेजमेंट लेयर बनाने में उनकी मदद करता है।
यह ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली एनसीआर, पुणे और हुबली के छह शहरों में 10 माइक्रो वेयरहाउस के साथ 30,000+ रिटेल स्टोर के डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का दावा करता है। साथ ही इन छह मेट्रो शहरों और 30 पार्टनर ऑफिसों में एक लॉजिस्टिक नेटवर्क है।
स्टार्टअप में फिलहाल 300 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं और अपने बिजनेस की लगातार बढ़ती जरूरतों और ग्रोथ को देखते हुए यह कई और लोगों को हायर करने की सोच रहा है।
इस ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म ने दक्षिण भारत में एक संगठित मल्टी-ब्रांड अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर बनने के लिए सालाना रिकरिंग रेवेन्यू (ARR) में 500 करोड़ रुपये का ऐलान किया था। यह पिछले एक साल में सात गुना बढ़ने का दावा करता है और अगले 12 महीनों में इसने 2,000 करोड़ रुपये के रेवेन्यू को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
पिछले साल, इसने कई निवेशकों से अलग-अलग दौर में कुल 1.5 करोड़ डॉलर जुटाए।
Edited by Ranjana Tripathi