क्या Flatheads की दोबारा शुरुआत करेंगे गणेश बालाकृष्णन? शार्क टैंक में की थी बंद करने की घोषणा
आज नेशनल स्टार्टअप डे पर बालाकृष्णन ने YourStory से बात करते हुए कहा कि अगर हमें दोबारा से वापस आना है तो हमें बहुत कुछ करना पड़ेगा. मैं अभी इसे सही तरीके से आगे ले जाने के बारे में सोच रहा हूं. हालांकि, उसके लिए सबसे पहले कुछ चीजों पर काम करना पड़ेगा.
बिजनेस रियलटी शो शार्क टैंक सीजन-2 में फंडिंग हासिल करने के लिए पहुंचने वाले ऑन्त्रप्रेन्योर गणेश बालाकृष्णन (Ganesh Balakrishnan) देशभर में चर्चा का विषय बन चुके हैं. जहां शार्क टैंक में चीजें उनकी उम्मीद के अनुसार नहीं होने पर उन्होंने अपना बिजनेस बंद करने की घोषणा कर दी, तो वहीं उसके बाद देशभर में उन्हें भारी समर्थन मिला.
एपिसोड ऑन एयर होने के बाद उन्हें इतना समर्थन मिला कि उनकी कंपनी
के जूते खरीदने के लिए लोगों में होड़ मच गई. दावा है कि एपिसोड आने के बाद पर मौजूद उनके सभी शूज बिक गए.आज नेशनल स्टार्टअप डे पर बालाकृष्णन ने YourStory से बात करते हुए कहा कि अगर हमें दोबारा से वापस आना है तो हमें बहुत कुछ करना पड़ेगा. मैं अभी इसे सही तरीके से आगे ले जाने के बारे में सोच रहा हूं. हालांकि, उसके लिए सबसे पहले कुछ चीजों पर काम करना पड़ेगा.
उन्होंने बताया कि लोगों का काफी सपोर्ट आ रहा है. वे कह रहे हैं कि मेरे जूतों के अगले सेट के लिए वे क्राउडफंडिंग करने के लिए तैयार हैं. यह मेरे सामने एक शॉर्ट टर्म रास्ता है. मैं इस पर काम करने को लेकर अपने सप्लायर से बात करने जा रहा हूं.
उन्होंने आगे कहा कि हाल फिलहाल में मैं कुछ ऐसे फैसले ले सकता हूं, जो चौंकाने वाले हो सकते हैं. अब एक बात तो तय है कि फ्लैटहेड्स शूज एक या दूसरे फॉर्म में सर्वाइव करने जा रहा है. हमें केवल यह तय करना है कि सही रास्ता क्या है. इसके बावजूद अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
वहीं, एक लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने कहा कि हम 900 जूतों के लिए प्री-ऑर्डर शुरू कर रहे हैं, और 600 ऑर्डर मिलने के बाद ही हम प्रोडक्शन शुरू करेंगे.
शॉर्क टैंक में क्या हुआ?
फ्लैटहेड्स शूज के फाउंडर गणेश बालाकृष्णन शार्क टैंक के एक शो में पहुंचे हुए थे. बालाकृष्णन ने फंडिंग की मांग की थी और कहा कि कि उनके पास कंपनी को बचाने के लिए भी पैसे नहीं है. अगर उन्हें फंडिंग नहीं मिलती है तो उन्हें बिजनेस छोड़कर जॉब करनी पड़ेगी.
शार्क टैंक में बालाकृष्णन को एक ऑफर
के फाउंडर पीयूष बंसल और की फाउंडर विनीता सिंह की ओर से दिया गया था, वे 33 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 75 लाख रुपये की फंडिंग दे रहे थे, जिसके लिए बालाकृष्णन ने इनकार कर दिया. उनका ऑफर फ्लैटहेड्स की वैल्यूएशन 2.25 करोड़ रुपये लगा रहा था, लेकिन उन्होंने 25 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन रखी थी.इसके बाद बालाकृष्णन अपने संघर्ष के बारे में बताते हुए भावुक हो गए थे. उन्होंने अपना बिजनेस बंद करने की घोषणा करते हुए कहा कि मौका मिलने पर वे दोबारा बिजनेस शुरू करेंगे.
इसके बाद शादी डॉट कॉम (Shadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल ने उनकी तारीफ करते हुए नौकरी का ऑफर दे दिया. हालांकि, बालकृष्णन ने इससे भी इनकार कर दिया.
लोगों का जमकर मिल रहा समर्थन, अमेजन पर सारे जूते बिके
एपिसोड के आने के बाद लोग बालाकृष्णन की तारीफ कर रहे हैं और जूते खरीदकर उनको सपोर्ट कर रहे हैं. लिंक्डइन पर बालाकृष्णन ने एक पोस्ट के जरिए कहा है कि उनके जूते खरीदने के लिए काफी संख्या में लोग आने लगे हैं. उन्होने कहा कि एपिसोड के आने के बाद उनके सभी जूते अमेजन पर ही नहीं बल्कि देशभर में बिक चुके हैं और लोग अब और डिमांड कर रहे हैं.
इंडिया में अभी भी उनके फ्लैटहेड्स शूज खरीदना चाहने वाले लोगों के लिए उन्होंने कहा कि यहां तो सभी जूते बिक चुके हैं तो आप अमेरिका या दुबई के अपने दोस्तों से संपर्क करके और उनसे मंगा सकते हैं.
कौन हैं बालकृष्णन?
बालाकृष्णन ने 1999 में IIT-बॉम्बे से बी.टेक की डिग्री और 2008 में IIM बैंगलोर से बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा किया। साल 2018 में उन्होंने IIT-बॉम्बे के अपने बैचमेट उत्कर्ष बिरादर के साथ मिलकर फ्लैटहेड्स की शुरुआत की थी. कंपनी की वेबसाइट का दावा है कि फ्लैटहेड्स शूज भारत में पहला फुटवियर ब्रांड है, जो शूज बनाने में बांस का इस्तेमाल करता है.
अपना बिजनेस शुरू करने से पहले उन्होंने कुछ कॉरपोरेट्स में भी काम किया है. उन्होंने इससे पहले दो और बिजनेस स्टार्टअप की शुरुआत की थी. उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, इससे पहले उन्होंने मोबाइल पेमेंट प्रोडक्ट Momoe और सॉफ्टवेयर कंपनी Windsleeve Technologies की स्थापना की थी.
बालाकृष्णन के पास लोग भेज रहे अपनी कहानियां
YourStory से बात करते हुए बालाकृष्णन ने बताया कि बहुत से लोगों ने मुझे मैसेजेज भेजे. वे लोग अपने निजी और वास्तविक अनुभव और संघर्ष शेयर कर रहे हैं. वे बता रहे हैं कि वे भी ऐसी स्थिति में थे, उन्होंने दो स्टार्टअप्स शुरू किए लेकिन वे चल नहीं पाए. हमें बहुत ही बुरी स्थिति में वहां से निकलना पड़ा, इस दौरान मेरी फैमिली मेरा सपोर्ट कर रही थी. अब वहां से बाहर निकलकर मैं अपना काम कर रहा हूं.
उन्होंने बताया कि तो इस तरह से मैंने उनकी हिम्मत देखी. मेरे लिए भी यह हिम्मत देने वाली चीजें हैं. ऐसे एक नहीं बल्कि बहुत से मैसेजेज मेरे पास आए. वहीं, बहुत से लोगों ने कहा कि मैं भी ऐसी ही स्थिति में हूं, संघर्ष कर रहा हूं और विकल्प तलाश रहा हूं. लेकिन आपने मुझे यह सोचने का एक नजरिया दिया है कि मैं अपनी जिंदगी में क्या कर रहा हूं.
Edited by Vishal Jaiswal