सस्ता सामान बेचने वाली विदेशी कंपनियों को नहीं मिलेगी एफडीआई की इजाजत
सरकार बहु-ब्रांड श्रेणी में विदेशी कंपनियों को परिचालन की इजाजत नहीं देगी तथा बाजार में प्रतिस्पर्धा समाप्त करने वाली दर पर वस्तुओं को बेचने में संलिप्त लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ये बातें कही। गोयल ने किराना दुकानों, व्यापारियों एवं खुदरा कारोबारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ यहां एक बैठक में ये बातें कही।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत विदेशी कम्पनियों द्वारा मल्टी ब्रांड रिटेल की इजाजत नहीं देगा और बी2बी के बहाने मल्डी ब्रांड रिटेल के लिए किसी प्रकार की प्रविष्टि की इजाजत नहीं दी जाएगी। वाणिज्य मंत्री ने बैठक में शामिल प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा रखे गए सभी बिंदुओं को उठाया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वस्तुओं और सेवाओं का बेहद निचले स्तर पर मूल्य तय करने की इजाजत नहीं दी जाएगी और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार छोटे और खुदरा व्यापारियों को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए हर प्रकार का समर्थन और सहायता प्रदान करेगी।
पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स के मुद्दों पर इन प्रतिनिधियों को शामिल करने तथा छोटे व्यापारियों की ताकत और कमजोरियों का पता लगाने के लिए इनके साथ बातचीत की। श्री गोयल ने छोटे स्टोरों, व्यापारियों और खुदरा व्यापारियों की ई-कॉमर्स मंच से लाभ की संभावनाओं पर विचार किया। उन्होंने छोटे और खुदरा व्यापारियों से आग्रह किया कि वे सरकारी ई-बाजार मंच पर आए, जिसने 25,000 करोड़ रुपये का कारोबार कर लिया है।
मंत्री ने सभी संबंधित पक्षों को अगले पांच दिनों में ई-वाणिज्य नीति के मसौदे पर सुझाव देने को कहा। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग को मिलने वाले सभी सुझावों पर गौर करने के बाद ही नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।