Gautam Adani के 5 टिप्स, जिनसे वो बने दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स, कम ही लोग जानते हैं इनके बारे में
Gautam Adani यूं ही देश के सबसे अमीर और दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स नहीं बने. इसके लिए उन्होंने कुछ बातों या यूं कहें कुछ नियमों का सख्ती से पालन किया है. आइए जानते हैं गौतम अडानी के पैसे कमाने के 5 टिप्स.
Gautam Adani को कौन नहीं जानता. आज वह देश के सबसे अमीर शख्स हैं और दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स हैं. फरवरी के महीने में ही उन्होंने मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) को पछाड़ते हुए देश के सबसे अमीर शख्स का खिताब हासिल किया था. उनकी नेटवर्थ (Gautam Adani Net Worth) तेजी से बढ़ी है और आज की तारीख में करीब 130 अरब डॉलर पर पहुंच चुकी है. गौतम अडानी ने यूं ही इतना बड़ा मुकाम हासिल नहीं किया, बल्कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कुछ बातों पर खास ध्यान दिया है. आप इन बातों को उनके मंत्र कह सकते हैं या सिद्धांत भी समझ सकते हैं. आइए जानते हैं गौतम अडानी के 5 टिप्स (Gautam Adani 5 Tips), जिनके चलते उन्होंने अरबों की दौलत कमाई है.
1- बिजनस मजबूत होने तक नहीं जुटाते फंड
गौतम अडानी की एक खास बात ये है कि वह अपने किसी बिजनस के लिए तब तक किसी निवेशक या पब्लिक से पैसे नहीं जुटाते, जब तक वह मुनाफा देना ना शुरू कर दे. इसकी दो बड़ी वजहें हैं. पहली तो ये कि वह दूसरों पर रिस्क थोपने के खिलाफ रहते हैं. यहां तक कि अगर कोई डील गड़बड़ हो जाती है तो भी वह अपने पार्टनर की मदद करने की कोशिश करते हैं. वह बिजनस मजबूत होने तक किसी दूसरे को हिस्सेदारी नहीं बेचते. इसकी एक बड़ी वजह ये भी है कि जब बिजनस शुरुआती दौर में होता है तो उसकी वैल्युएशन कम होने की वजह से कम पैसों में ही अधिक हिस्सेदारी बेचनी पड़ती है. वहीं गौतम अडानी पहले बिजनस को मजबूत करते हैं और उसका रेवेन्यू बेस बना लेते हैं, जिससे उसकी वैल्युएशन बढ़ जाती है. ऐसे में वह कम हिस्सेदारी बेचकर ही अधिक फंड जुटा पाते हैं.
2- रिलेशनशिप बनाना और उसे मेंटेन करना
गौतम अडानी रिलेशनशिप बनाने और उसे मेंटेन रखने में खूब माहिर हैं. वह अगर किसी डील को करना चाहते हैं तो आसानी से पीछे नहीं हटते. हालांकि, इसके लिए वह सामने वाली पार्टी पर दबाव नहीं बनाते, बल्कि उसके साथ बैठकर उसे डील के फायदे समझाकर मनाने की कोशिश करते हैं. अडानी विल्मर को ही देख लें तो इस 50:50 वेंचर में कभी भी गौतम अडानी ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने और अपने पार्टनर को दबाने की नहीं सोची. वह सिर्फ कॉरपोरेट वर्ल्ड में ही अच्छे रिलेशन नहीं बनाते, बल्कि निजी तौर पर और सियासी गलियारे में भी अच्छे रिलेशन के लिए जाने जाते हैं. तभी तो भले ही सरकार कांग्रेस की हो, भाजपा की हो, टीएमसी की हो या किसी और पार्टी की हो, तमाम राज्यों में उन्होंने अपना बिजनस सेटअप किया है.
3- ईमानदारी से बिजनस
कहते हैं रेस जीतने के दो तरीके हैं. या तो तेज दौड़ो या फिर जो आपसे तेज दौड़ रहा हो उसे पीछे खींचने या गिराने की कोशिश करो. गौतम अडानी अपने किसी भी कॉम्पटीशन को पीछे खींचने के बजाय उससे तेज दौड़ने में भरोसा रखते हैं. वह बिजनस में पूरी ईमानदारी दिखाते हैं. अगर कभी उन्हें किसी शेयर होल्डर से हिस्सेदारी खरीदनी होती है तो वह उसे मार्केट प्राइस से भी अधिक कीमत देते हैं. जब उन्होंने गुजरात सरकार से मुंद्रा पोर्ट में हिस्सेदारी छोड़ने को कहा था, तब भी उन्होंने मार्केट प्राइस से अधिक कीमत चुकाई थी.
4- वादे के पक्के
एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते वक्त गौतम अडानी ने कहा था कि उन्होंने अपने पिता से दो कोर वैल्यू सीखी हैं. इनमें से एक है कमिटमेंट यानी प्रतिबद्धता. गौतम अडानी कहते हैं जो वादे आप करो उसके लिए अपने आप से और दूसरों से कमिटमेंट यानी प्रतिबद्धता जरूर रखो. ऐसा करने से ही आप आगे बढ़ सकते हैं.
5- ओवर एनालिसिस से बचें और जल्दी फैसला लें
गौतम अडानी ने अपने पिता से जो दूरी कोर वैल्यू सीखी वह ये है कि ओवर एनालिसिस से बचते हुए जल्द ही फैसला लेना चाहिए. उनका मतलब है कि ऐसा ना हो आप किसी मामले पर एनालिसिस ही करते रह जाएं और बाजी दूसरा शख्स मार ले. दूसरों से आगे रहने के लिए जल्दी फैसला लेना बहुत जरूरी है. यही वजह है कि जैसे ही भारत में सरकार ने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देना शुरू किया, गौतम अडानी ने तुरंत फैसला लेते हुए इस सेक्टर में तगड़ा निवेश करने की ठान ली.
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