कभी चॉल में रहता था गौतम अडानी का परिवार, जानें अभी कौन-कौन हैं उनकी फैमिली में और क्या करते हैं
गौतम अडानी आज भले ही बेहद अमीर हैं, लेकिन उन्होंने बेहद साधारण जिंदगी का दौर भी देखा है. यहां तक कि एक बार वह किडनैप भी हो चुके हैं. ताज हमले में वह बाल-बाल बचे थे, मौत उनसे बस 15 फुट दूर थी.
भारत के सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स भी बन चुके हैं. हालांकि, अभी वह कभी दूसरे नंबर की पोजीशन पर पहुंच जा रहे हैं तो कभी तीसरे नंबर की पोजीशन खिसक आ रहे हैं. इसी बीच एक और बढ़ी खबर आई है कि उन्होंने अपने बड़े बेटे करण अडानी (Karan Adani) को भारत में सीमेंट का कारोबार (Adani Cement Business) संभालने की जिम्मेदारी दे दी है. हाल ही में अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) और एसीसी (ACC Cement) के अधिग्रहण के बाद गौतम अडानी ने सीमेंट के बिजनेस में एंट्री मारी है. भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और उनका परिवार अक्सर मीडिया में छाया रहता है, इसलिए उनके बारे में सब जानते हैं. लेकिन गौतम अडानी के परिवार के बारे में कम ही लोगों को पूरी जानकारी है. एक वक्त था जब गौतम अडानी अपने माता-पिता और 6 भाई-बहन के साथ चॉल में रहते थे और स्कूटर से चलते थे. आज के वक्त में उनके पास सुख-सुविधा की हर चीज मौजूद है.
पहले जानिए गौतम अडानी के बारे में सब कुछ
के मालिक 60 साल के गौतम अडानी के पास अभी करीब 147 अरब डॉलर की दौलत (Gautam Adani Net Worth) है. गौतम अडानी एक सामान्य से परिवार में 24 जून 1962 को जन्मे थे और उसके बाद अहमदाबाद के ही सेठ चिमनलाल नगीनदास विद्यालय ने उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई की. उसके बाद वह गुजरात यूनिवर्सिटी में कॉमर्स पढ़ने गए, लेकिन दूसरे साल में ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. उनके पिता शांतिलाल अडानी कपड़े के छोटे व्यापारी थे, जबकि मां शांता बेन हाउस वाइफ थीं.
कभी 6 भाई-बहनों के साथ रहते थे चॉल में
आज भले ही गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स बन गए हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब वह अपने माता-पिता और 6 भाई-बहनों के साथ एक छोटे से चॉल में रहते थे. गौतम के सबसे बड़े भाइयों के नाम मनसुखभाई अडानी, विनोद अडानी, राजेश अडानी, महासुख अडानी और वसंत अडानी. वहीं उनकी बहन के बारे में जानकारी मौजूद नहीं है. गौतम अडानी सबसे अलग सोच रखते थे और इसी वजह से उन्होंने पिता के बिजनेस में हाथ बंटाने के बजाय महज 17 साल की उम्र में मुंबई जाने का फैसला किया. वहां पर गौतम अडानी ने दो साल तक हीरा व्यापारी महिंद्रा ब्रदर्स के यहां काम किया. 20 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई में खुद का डायमंड ब्रोकरेज का बिजनेस शुरू किया और पहले ही साल में लाखों की कमाई की.
यूं तेजी से बढ़ने लगा बिजनेस
गौतम अडानी के बड़े भाई मनसुखभाई अडानी ने 1981 में अहमदाबाद में एक प्लास्टिक यूनिट खरीदी. उसके बाद उन्होंने गौतम अडानी को मुंबई से वापस बुला लिया. गौतम अडानी ने पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) इंपोर्ट के जरिए वैश्विक व्यापार में कदम रखा और आगे बढ़ने लगे. वह प्लास्टिक के दानों से सांचे बनाने का काम करते थे. बाद में उन्होंने 1998 में अडानी एक्सपोर्ट्स लिमिटेड की शुरुआत की, जो पावर और एग्रीकल्चर कमोडिटीज में काम करती है. आज के वक्त में एयरपोर्ट, बंदरगाह, ग्रीन एनर्जी, खान, कोयला, पावर, रियल एस्टेट, एग्री प्रोडक्ट्स, तेल और गैस, वित्तीय सेवाएं, डेटा सेंटर समेत अब सीमेंट कारोबार में तगड़ा काम कर रहे हैं.
और कौन-कौन है गौतम अडानी के परिवार में?
गौतम अडानी के अलावा उनके परिवार में 5 लोग हैं. उनकी पत्नी, दो बेटे, एक बहू और एक पोती. आइए जानते हैं उनके बारे में.
प्रीति अडानी- प्रीति का जन्म मुंबई में एक गुजराती परिवार में 1965 में हुआ था. अहमदाबाद के सरकारी डेंटल कॉलेज से उन्होंने डेंटल सर्जरी में बैचलर की डिग्री हासिल की है. गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी पेशे से एक डेंस्टिस्ट हैं, लेकिन साथ ही वह अडानी फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं. फाउंडेशन के जरिए ही वह समाज सेवा के काम करती हैं. भुज में आए भूकंप के बाद उन्होंने मुंद्रा में अडानी डीएवी स्कूल की शुरुआत की. बाद में इसका नाम बदल कर अडानी पब्लिक स्कूल कर दिया गया. जून 2009 में गौतम अडानी के साथ मिलकर उन्होंने मुंद्रा के पास भद्रेश्वर और अहमदाबाद में अडानी विद्या मंदिर की शुरुआत की. अडानी विद्या मंदिर में अंडरप्रिविलेज्ड बच्चों को मुफ्त में हायर सेकेंडरी एजुकेशन दी जाती है.
करण अडानी- गौतम अडानी के बड़े बेटे हैं करण अडानी, जिन्होंने अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से इकॉनोमिक्स में ग्रेजुएशन किया है. उनका जन्म 7 अप्रैल 1987 को अहमदाबाद में हुआ था. 2009 में उन्होंने अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड में काम करना शुरू किया और 2016 में वह कंपनी के सीईओ बन गए. साथ ही वह अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड के एक डायरेक्टर भी हैं. इसके अलावा उन्हें अब गौतम अडानी ने सीमेंट कारोबार की जिम्मेदारी देते हुए एसीसी लिमिटेड का चेयरमैन बना दिया है. 2008 में वह फोर्ब्स इंडिया की Tycoons of Tomorrow की लिस्ट में भी शामिल हुए थे।
जीत अडानी- गौतम अडानी के छोटे बेटे का नाम जीत अडानी है, जिनका जन्म 7 नवंबर 1997 को हुआ था. बड़े भाई करण की तरह ही उन्होंने भी विदेश से पढ़ाई की है. वह यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से ग्रेजुएशन करने के बाद 2019 में भारत लौट आए और कंपनी की जिम्मेदारी संभालने लगे. मौजूदा वक्त में वहह अडानी ग्रुप के फाइनेंस से जुड़े फैसलों को देखते हैं।
परिधि अडानी और अनुराधा अडानी- गौतम अडानी के बड़े बेटे करण अडानी की पत्नी हैं परिधि अडानी. 2013 में करण की शादी भारत में कॉरपोरेट लॉ के दिग्गज वकीलों में से एक सिरिल श्रॉफ की बेटी परिधि श्रॉफ से हुई थी. परिधि भी पेशे से एक वकील हैं. परिधि ने मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी किया हुआ है. उन्होंने मुंबई यूनिवर्सिटी से बीकॉम भी किया हुआ है. परिधि अडानी सिरिल अमरचंद मंगलदास के गुजरात ऑफिस की हेड हैं. वह अपने करियर की शुरुआत में इकनॉमिक टाइम्स और सीएनबीसी-टीवी18 में इंटर्नशिप भी कर चुकी हैं. करण और परिधि को जुलाई 2016 में एक बेटी हुई थी, जिसका नाम अनुराधा अडानी है.
करीब 35 साल पहले किडनैप हुए थे गौतम अडानी
आज दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी 1997 में किडनैप हो गए थे. उन्हें छोड़ने के लिए किडनैपर्स ने 15 लाख करोड़ रुपये की फिरौती मांग थी. 1 जनवरी 1998 को पुलिस ने इस मामले में एक चार्जशीट भी फाइल की थी. अडानी की कार को कुछ स्कूटर सवार बदमाशों ने जबरन रुकवाया और फिर वैन से कुछ लोग आए फिर गौतम अडानी को किडनैप कर के ले गए. लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स को इस घटना के बारे में बताते वक्त गौतम अडानी ने कहा था कि उनकी जिंदगी में 2-3 बेहद खराब वाकये रहे हैं, उनकी किडनैपिंग उन्हीं में से एक है. वह इस घटना के बारे में लोगों के बताने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं.
ताज हमले में बाल-बाल बचे थे, महज 15 फुट दूर थी मौत
गौतम अडानी की जिंदगी में दूसरा सबसे भयानक हादसा था 2008 में मुंबई के ताज होटल में हुआ आतंकी हमला. 26 नवंबर 2008 को वह मुंबई के ताज होटल में दुबई पोर्ट के सीईओ मोहम्मद शराफ डिनर के लिए गए थे. तभी वहां आतंकी हमला हुआ, जिसमें 160 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. वह ऊंचाई पर थे, इसलिए उन्होंने देखा कि कैसे आतंकियों ने होटल में घुसते ही गोलियां चलानी शुरू कर दीं. हालांकि, होटल स्टाफ ने तुरंत ही अपने मेहमानों की मदद की और बेसमेंट तक ले गए. वहां काफी घुटन हो रही थी तो उन्हें स्टाफ की मदद से एक फ्लोर ऊपर के चैंबर में ले जाया गया.
गौतम अडानी को याद है कि वहां करीब 100 लोग थे, हर कोई इधर-उधर छुपने की कोशिश कर रहा था. उस दौरान गौतम अडानी अपने परिवार से भी बात कर रहे थे और साथ ही होटल के बाहर खड़े अपने ड्राइवर और कमांडो से भी बात कर रहे थे. 26 नवंबर की पूरी रात गौतम अडानी को बेसमेंट में ही गुजारनी पड़ी और गुरुवार को सुबह सुरक्षा बलों ने करीब 8.45 बजे उन्हें बाहर निकाला. गौतम अडानी उस हादसे को याद करते हुए कहते हैं कि मैंने 15 फुट की दूरी से मौत को देखा है.