NSE की ‘निगरानी’ के बाद Adani Enterprises के शेयरों में आई गिरावट; ग्रुप के 5 शेयरों में लगा अपर सर्किट
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Ltd - AEL) के शेयर गुरुवार के शुरुआती सत्र में बीएसई पर 3% से अधिक गिरकर 1,944 रुपए प्रति शेयर हो गए. जबकि अडानी पावर (Adani Power) और अडानी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयरों में 5% अपर सर्किट लगा. बताया जा रहा है कि ये स्टॉक एक्सचेंज एनएसई द्वारा लगाए गए शॉर्ट-टर्म एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) फ्रेमवर्क का असर है. इस बीच, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी भी 5% के अपर सर्किट पर पहुंच गई.
NSE के एक सर्कुलर के मुताबिक, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पावर और अडानी विल्मर को गुरुवार से शॉर्ट-टर्म एडिशनल सर्विलांस मैकेनिज्म फ्रेमवर्क (विशेष निगरानी) में रखा गया है. हाल ही में NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) ने सोमवार को बताया कि अडानी एंटरप्राइजेज को शॉर्ट-टर्म एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया गया है.
अडानी एंटरप्राइजेज सहित अडानी समूह की तीन फर्मों को पिछले महीने एनएसई और बीएसई द्वारा शॉर्ट-टर्म एडिशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) फ्रेमवर्क के तहत रखा गया था. अडानी एंटरप्राइजेज के अलावा, एक्सचेंजों द्वारा सूचीबद्ध अन्य दो व्यवसाय, अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (APSEZ) और अंबुजा सीमेंट्स थे. हालांकि, 13 फरवरी को APSEZ और अंबुजा सीमेंट्स को ASM फ्रेमवर्क से बाहर कर दिया गया.
फ़्लोरिडा स्थित और ऑस्ट्रेलिया में सूचीबद्ध निवेश कंपनी GQG Partners Inc. ने प्रमुख अडानी एंटरप्राइजेज सहित समूह की चार फ़र्मों में 1.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी हासिल करने के बाद, अडानी के शेयरों में कुछ रिकवरी देखी जा रही है.
समूह की घोषणा के बाद कि उसने ₹7,374 करोड़ (900 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक) की शेयर-आधारित फंडिंग चुका दी है और महीने के अंत तक ऐसे सभी बकाया ऋणों का भुगतान कर देगा.
जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) संभवतः अडानी समूह (Adani Group) में अपने निवेश का विस्तार कर सकते हैं. फर्म के फाउंडर राजीव जैन (Rajiv Jain, founder, GQG Partners) ने संकटग्रस्त अडानी समूह में करीब 1.9 अरब डॉलर डालने के एक सप्ताह बाद बुधवार को कहा. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जैन ने सिडनी में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "संभावना है कि हम शायद और अधिक हिस्सेदारी खरीद लेंगे क्योंकि हम आम तौर पर एक स्थिति शुरू करते हैं और फिर चीजें कैसे चलती हैं और कमाई कैसे होती है इसके आधार पर हम निर्णय लेते हैं."
न्यूयॉर्क स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी की एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और टैक्स चोरी के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था, जिसमें कहा गया था कि इसने समूह की फर्मों में अडानी परिवार के स्टॉक स्वामित्व की सीमा को अस्पष्ट कर दिया था. हालांकि समूह ने आरोपों से इनकार किया है.