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अडानी-हिंडनबर्ग मामला: सुप्रीम कोर्ट SEBI से इन 7 मुद्दों की जांच चाहता है

अडानी-हिंडनबर्ग मामला: सुप्रीम कोर्ट SEBI से इन 7 मुद्दों की जांच चाहता है

Thursday March 02, 2023 , 3 min Read

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) और उनके अडानी ग्रुप (Adani Group) पर शेयरों की धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज इस मुद्दे की जांच के लिए एक समिति का गठन किया. कोर्ट ने सेबी (SEBI) को अगले दो महीनों के भीतर अपनी चल रही जांच को पूरा करने के लिए भी कहा.

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि छह-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे करेंगे और इसमें केवी कामथ और नंदन नीलेकणी भी होंगे.

आदेश के अनुसार, समिति का काम होगा:

1) कोर्ट को पूरी जानकारी दी जाए और दो महीने में अदालत के समक्ष एक सीलबंद कवर में रिपोर्ट पेश की जाए. इसमें मुख्य कारण भी शामिल हैं, जिनके कारण हाल के दिनों में प्रतिभूति बाजार में अस्थिरता हुई है.

2) निवेशक जागरूकता को मजबूत करने के उपायों का सुझाव

3) यह जांच की जाए कि क्या अडानी समूह या अन्य कंपनियों के संबंध में प्रतिभूति बाजार से संबंधित कानूनों के कथित उल्लंघन से निपटने में नियामक विफलता हुई है.

4) (i) वैधानिक और/या नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए उपायों का सुझाव और (ii) निवेशकों की सुरक्षा के लिए मौजूदा ढांचे के साथ सुरक्षित अनुपालन.

"भारतीय निवेशकों को उस तरह की अस्थिरता के खिलाफ बचाने के लिए, जिसे हाल के दिनों में देखा गया है, हम विलुप्त नियामक ढांचे के मूल्यांकन के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन कर रहें हैं और इसे मजबूत करने के लिए सिफारिशें करने के लिए उपयुक्त है, “CJI ने अपने आदेश में कहा.

सेबी को अपनी चल रही जांच को जारी रखने के लिए कहते हुए, शीर्ष अदालत ने नियामक से कहा कि याचिकाओं के वर्तमान बैच में उठाए गए मुद्दों के निम्नलिखित पहलुओं की भी जांच करें:

1) क्या सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) नियम 1957 के नियम 19 ए का उल्लंघन किया गया है. (नियम कम से कम 25%की सार्वजनिक हिस्सेदारी बनाए रखने से संबंधित है).

2) क्या संबंधित दलों और अन्य प्रासंगिक जानकारी के साथ लेनदेन का खुलासा करने में विफलता हुई है, जो संबंधित पक्षों को कानून के अनुसार सेबी से चिंतित करती है.

3) क्या मौजूदा कानूनों के उल्लंघन में स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर था.

गौतम अडानी ने ट्वीट किया: अडानी समूह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता है. यह एक समय बाध्य तरीके से अंतिमता लाएगा. सत्य प्रबल होगा.

गौरतलब हो कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने 106-पेज की रिपोर्ट में अडानी समूह पर फर्जी लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं.

इन आरोपों के बाद से ही ग्रुप की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट देखी जा रही है. कई दिनों तक ग्रुप के कई शेयरों में लोअर सर्किट लगाने पड़े. बीच-बीच में किसी-किसी दिन कुछ शेयर रिकवर भी करते हैं. अडानी समूह ने खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के बीच 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है.