आखिर ऐसा क्या खास है लैंको अमरकंटक में, जो अंबानी-अडानी से लेकर सरकार भी चाहती है खरीदना?
लैंको अमरकंटक पावर भारी कर्ज तले डूबी कंपनी है. अब ये नीलाम हो रही है. इसे खरीदने के लिए गौतम अडानी से लेकर मुकेश अंबानी और मोदी सरकार तक लाइन में खड़े हैं.
कर्ज में डूबी एक कंपनी है, जिसका नाम है लैंको अमरकंटक पावर (Lanco Amarkantak Power). फिलहाल ये बिक रही है. सवाल ये है कि जिसके ऊपर भारी कर्ज है, उसे खरीदेगा कौन? आपको जानकर शायद हैरानी हो, लेकिन दिग्गज अरबपति कारोबारियों से लेकर सरकार तक की निगाह इस कंपनी पर है. इस कंपनी के लिए भारत के सबसे अमीर और दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी (Gautam Adani) भी लाइन में हैं. भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) भी बोली लगा रहे हैं. वहीं सरकारी कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (Power Finance Corporation) भी इसी ताक में है कि कैसे यह कंपनी उसकी झोली में आ गिरे. इसके लिए वह REC लिमिटेड के साथ मिलकर बोली लगा रही है. बता दें कि लैंको अमरकंटक पावर पर इस वक्त कुल 17 बैंकों का करीब 14,632 करोड़ रुपया का कर्ज है.
किसने लगाई कितने की बोली?
शुरुआत करते हैं गौतम अडानी से. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए गौतम अडानी ने 1800 करोड़ रुपये की बोली लगाई है. यह पैसे बॉन्ड के रूप में होंगे, जिन्हें 5 सालों में 8 फीसदी ब्याज के साथ चुकाया जाएगा.
वहीं दूसरी ओर पावर फाइनेंस ने REC लिमिटेड के साथ मिलकर 3400 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, लेकिन ये पैसे उन्होंने 20 साल में चुकाने का प्रस्ताव रखा है.
बिजनस स्टैंडर्ड की खबर की मानें तो इसके लिए मुकेश अंबानी ने 1960 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जो अडानी से अधिक है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि मुकेश अंबानी ने यह डील कैश अपफ्रंट में करने की पेशकश की है. यानी देखा जाए तो उनकी बोली सबसे ज्यादा मजबूत है.
आखिर ऐसा क्या है इस कंपनी में?
लैंको अमरकंटक पावर कंपनी छत्तीसगढ़ के कोरबा-चांपा स्टेट हाईवे पर कोयला आधारित थर्मल पावर प्रोजेक्ट चलाती है. यह तीन चरणों में प्रस्तावित था. पहले चरण में 300-300 मेगावॉट की 2 यूनिट बनी हुई हैं, जिनसे बिजली बनाई जाती है. पहली यूनिट 2009 में बनी थी और दूसरी 2010 में. इन यूनिट से हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को बिजली सप्लाई की जाती है. इसके अलावा दूसरे चरण में दो यूनिट बन रही हैं, जिनकी क्षमता 660 मेगावॉट की है. वहीं तीसरे चरण में भी 660 मेगावॉट क्षमता की दो यूनिट बननी हैं, जिन पर काम नहीं शुरू हुआ है. इस पूरे प्लांट का कुल मिलाकर 1920 मेगावॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है.
गौतम अडानी क्यों खरीदना चाहते हैं ये कंपनी?
इस कंपनी को गौतम अडानी इसलिए खरीदना चाहते हैं क्योंकि उन्हें भविष्य में इस प्लांट से मोटा मुनाफा कमाने का रास्ता दिख रहा है. वैसे भी कुछ समय पहले ही अडानी पावर (Adani Power) ने कर्ज के बोझ तले दबी डीबी पावर लिमिटेड (DB Power) को खरीदने की घोषणा की थी. बता दें कि डीबी पावर के पास छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में पहले से ही 600 मेगावॉट के थर्मल पावर प्लांट की दो इकाइयों का मालिकाना हक है. ऐसे में छत्तीसगढ़ में लैंको अमरकंटक की यूनिट भी खरीद लेंगे तो उनका मुनाफा और बढ़ जाएगा.
मुकेश अंबानी के दिमाग में क्या चल रहा है?
पिछले कुछ महीनों से देखने को मिल रहा है कि गौतम अडानी और मुकेश अंबानी एक दूसरे के आमने-सामने आ रहे हैं. हालांकि, सालों से बिजनस कर रहे दोनों दिग्गज कभी एक दूसरे के आमने-सामने नहीं आए. पहले 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में, फिर बायोगैस प्लांट लगाने में और अब पावर प्लांट को खरीदने में दोनों अरबपति टक्कर में हैं. इस बार मुकेश अंबानी जिस तरह से सबसे भारी और असरदार बोली लगा रहे हैं, यूं लग रहा है मानो वह थर्मल पावर सेक्टर में घुसने को बेताब हैं. अगर मुकेश अंबानी कोयले से पावर प्रोडक्शन करने वाली कंपनी लैंको अमरकंटक को खरीद लेते हैं तो आईबीसी कोड के तहत यह इस ग्रुप की तीसरी बड़ी खरीद होगी. इससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिलायंस इन्फ्राटेल और टेक्सटाइल कंपनी आलोक इंडस्ट्रीज को IBC कोड के तहत ही खरीदा है.