सरकार ने इंडियन ओवरसीज बैंक में 4,360 करोड़ रुपये की पूंजी डाली
सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के लिये सरकार से चालू वित्त वर्ष में 4,360 करोड़ रुपये की पूंजी मिली है। आईओबी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय ने अगस्त महीने में बैंक में 3,800 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी। इसमें अब 560 करोड़ रुपये की वृद्धि की गयी है।
आईओबी ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा,
‘‘बैंक को 25 दिसंबर, 2019 की तारीख का पत्र मिला है। इसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी के रूप में 4,360 करोड़ रुपये जारी किये जाने के बारे में जानकारी दी गयी है।’’
बैंक ने सरकार के इस निवेश के बदले तरजीही आधार पर इक्विटी शेयर (विशेष प्रतिभूति / बांड) जारी किया है।
इसके अलावा सरकार ने यूको बैंक में 2,142 करोड़ रुपये डालने की मंजूरी दी है। इसकी घोषणा इस साल अगस्त में की गयी थी। दोनों बैंक रिजर्व बैंक की तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के दायरे में हैं।
आईओबी को 30 सितंबर 2019 को समाप्त तिमाही में 2,253.64 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में बैंक को 487.26 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
इसके पहले इंडियन ओवरसीज़ बैंक ने आरबीआई के रेपों दर से जुड़े ब्याज पर कर्ज़ देने कि घोषणा कि थी। बैंक ने गृह ऋण, वाहन ऋण समेत तमाम अन्य ऋण को इसी ब्याज दर पर देने का फैसला किया था।
सार्वजनिक क्षेत्र की इस बैंक के शेयरों में हाल ही में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ की गई थी, जिसके चलते दूसरी तिमाही में बैंक का घाटा बढ़ गया था।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इंडियन ओवरसीज़ बैंक को शुद्ध रूप से 2,253.65 करोड़ का घाटा हुआ था, जबकि बैंक को इस वीट वर्ष की पहली तिमाही में 342 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
बैंक ने बाज़ार को दी जानकारी के अनुसार जुलाई से सितंबर की तिमाही में बैंक की आय 5 हज़ार 24 करोड़ के करीब रही थी, जबकि इसी अवधि में पिछले साल इंडियन ओवरसीज़ बैंक ने 5 हज़ार 348 करोड़ रुपये की कमाई की थी। हालांकि फिलहाल सरकार की तरफ से जारी की गई राशि से बैंक को काफी मदद मिलेगी।