11 और हवाईअड्डों को लीज पर देने की तैयारी में सरकार, इससे पहले 8 में 7 हवाईअड्डे अडानी को मिले थे
सिंधिया ने कहा कि देश के हवाई यात्रियों की संख्या अगले पांच वर्षों में सालान लगभग 40 करोड़ होने की उम्मीद है, जबकि सरकार 11 और हवाई अड्डों को पट्टे पर देना चाहती है.
देश के 8 हवाईअड्डों को लीज यानी पट्टे पर देने के बाद केंद्र सरकार अब 11 अन्य हवाईअड्डों को लीज पर देने की तैयारी कर रही है. केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है.
इकॉनमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में सिंधिया ने कहा कि देश के हवाई यात्रियों की संख्या अगले पांच वर्षों में सालान लगभग 40 करोड़ होने की उम्मीद है, जबकि सरकार 11 और हवाई अड्डों को पट्टे पर देना चाहती है.
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता विमानन बाजार बना हुआ है, क्योंकि विमानन इंडस्ट्री कोविड-19 के झटकों के बाद एक बार फिर से सुधार की राह पर है.हालांकि विमानन कंपनियां वैश्विक आपूर्ति की कमी के बीच क्षमता बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही हैं.
उन्होंने आगे कहा कि 2014 से पहले 74 हवाई अड्डों से, अब हमारे पास लगभग 145 हवाई अड्डे और वाटरड्रोम हैं. हमारे पास लगभग 400 विमानों का बेड़ा था जो बढ़कर 700 विमानों का हो गया है. मुझे लगता है कि हमें सालाना लगभग 200 विमानों को बढ़ाने में सक्षम होना चाहिए.
अभी तक लीज पर दिए गए 8 में से 7 अडानी को मिले
बता दें कि, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने अभी तक आठ हवाई अड्डों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) के तहत परिचालन, प्रबंधन और विकास की खातिर पट्टे पर दिया है. इनमें से सात हवाई अड्डों का प्रबंधन गौतम अडानी की स्वामित्व वाली मैसर्स अडानी एंटरप्राइजेज लि. (Adani Enterprises) द्वारा किया जाता है.
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरूवनंतपुरम और मेंगलुरू को सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत परिचालन, प्रबंधन एवं विकास के लिए पट्टे पर दे दिया है. इनमें से सात हवाई अड्डों- मुंबई, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरूवनंतपुरम और मेंगलुरू का प्रबंधन मैसर्स अडानी एंटरप्राइजेज लि. द्वारा किया जाता है.
2025 तक 25 हवाईअड्डों को लीज पर देने की योजना
पिछले साल अगस्त में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मौद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) की घोषणा की थी. एनएमपी के जरिये वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की मुख्य संपत्तियों के माध्यम से छह लाख करोड़ रुपये की कुल मौद्रीकरण क्षमता होने का अनुमान है.
इस योजना के तहत कुल 25 हवाई अड्डों और चार हवाई अड्डों के संयुक्त उपक्रमों में एएआई की बाकी हिस्सेदारी बेचने पर विचार किया जा रहा है. इन परिसंपत्तियों की बिक्री से 2022-25 तक मिलने वाला कुल अनुमानित मूल्य 20,782 करोड़ रुपये है. इसमें से 10,000 करोड़ रुपये का मौद्रिक मूल्य हवाई अड्डों के निजी संयुक्त उपक्रम में एएआई की हिस्सेदारी को बेचने से मिलने का अनुमान है.
हाल ही में, केंद्र सरकार ने दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु हवाई अड्डों का परिचालन करने वाले निजी संयुक्त उद्यमों में एएआई की हिस्सेदारी की प्रस्तावित बिक्री को फिलहाल टाल दिया है. दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों का परिचालन करने वाले संयुक्त उपक्रमों में एएआई की 26-26 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वहीं हैदराबाद तथा बेंगलुरु हवाई अड्डों का परिचालन करने वाले संयुक्त उपक्रमों में उसकी हिस्सेदारी 13-13 प्रतिशत है.
Edited by Vishal Jaiswal