तो क्या इन दो बैंकों का निजीकरण करने की तैयारी में है सरकार?
जबकि नीति आयोग पहले ही निजीकरण के लिए विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप को दो बैंकों और एक बीमा कंपनी का सुझाव दे चुका है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks - PSBs) के निजीकरण (Privatisation) की तैयारी कर रही है. सरकार आने वाले महीनों में इसको लेकर उचित कदम उठाएगी.
2021-22 के केंद्रीय बजट में, सरकार ने वर्ष में दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति को मंजूरी दी थी.
रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. इसके अलावा, यह भी बताया जा रहा है कि भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के विनिवेश (divestmen) की भी तैयारियां चल रही है और नई बोलियां आमंत्रित की जाएंगी.
सरकार ने BPCL में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी और मार्च 2020 में बोलीदाताओं (Bidders) से रुचि की अभिव्यक्ति आमंत्रित की थी. नवंबर 2020 तक कम से कम तीन बोलियां आईं, लेकिन अन्य के बोलियां वापस लेने के बाद इस दौड़ में अब केवल एक ही कंपनी बची है.
जबकि नीति आयोग पहले ही निजीकरण के लिए विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप को दो बैंकों और एक बीमा कंपनी का सुझाव दे चुका है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक निजीकरण के लिए संभावित उम्मीदवार हैं.
प्रक्रिया के अनुसार, कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का कोर ग्रुप, इसकी मंजूरी के लिए वैकल्पिक तंत्र (Alternative Mechanism - AM) को अपनी सिफारिश भेजेगा और अंततः अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट को भेजेगा.
सचिवों के कोर ग्रुप के सदस्यों में आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, व्यय सचिव, कॉर्पोरेट मामलों के सचिव, कानूनी मामलों के सचिव, सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव और एक प्रशासनिक विभाग के सचिव शामिल हैं.
हालांकि, बैंकों के निजीकरण की इन ख़बरों को लेकर सरकार और RBI ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.