देश में 3 एयरपोर्ट्स पर शुरू हुई ‘डिजियात्रा’ प्रणाली, जानें क्या है यह और क्या है फायदा
अगले वर्ष मार्च तक हैदराबाद, पुणे, विजयवाड़ा और कोलकाता के हवाईअड्डों पर भी ‘डिजियात्रा’ का उपयोग शुरू किया जाएगा.
हवाई यात्रियों को पेपर लेस एंट्री की सुविधा देने वाली प्रणाली ‘डिजियात्रा’ (DigiYatra) गुरुवार को दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी के हवाईअड्डों पर शुरू हो गई. इस प्रणाली में यात्रियों का चेहरा ही उनकी पहचान के तौर पर काम करेगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने इसकी शुरुआत करते हुए कहा कि डिजिटल ढंग से चेहरे की पहचान कर हवाईअड्डे पर प्रवेश की सुविधा देने वाली ‘डिजियात्रा’ में यात्रियों से संबंधित आंकड़ों को डिसेंट्रलाइज्ड ढंग से सुरक्षित रखा जाएगा.
अगले वर्ष मार्च तक हैदराबाद, पुणे, विजयवाड़ा और कोलकाता के हवाईअड्डों पर भी ‘डिजियात्रा’ का उपयोग शुरू किया जाएगा. यह सुविधा घरेलू उड़ानों से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए है और दिल्ली हवाईअड्डे के टर्मिनल-3 पर उपलब्ध है.
प्रत्येक यात्री के मोबाइल फोन पर विवरण
सिंधिया ने कहा कि ‘डिजियात्रा’ प्रणाली में आंकड़ों को कूटबद्ध रूप में डिसेंट्रलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखा जाएगा. उन्होंने यह टिप्पणी यात्रियों के आंकड़ों में सेंधमारी और निजता से जुड़ी आशंकाओं के संदर्भ में की है. उन्होंने कहा, "पहले हमने एक केंद्रीकृत प्रणाली पर विचार किया जिसमें सारे आंकड़े हों लेकिन फिर निजता, डेटा चोरी के विषयों पर ध्यान गया. इसलिए हमने डिसेंट्रलाइज्ड प्रणाली को चुना, जिसमें यात्रियों का विवरण होगा जो कि प्रत्येक यात्री के मोबाइल फोन पर ही होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आपके आंकड़ों को कूटबद्ध रूप में डिसेंट्रलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखा जाएगा. आंकड़े यात्री के फोन में सुरक्षित होंगे और हवाईअड्डे पर साझा किया जाने वाला आंकड़ा यात्रा के 24 घंटे बाद ही हटा दिया जाएगा.’’
यात्रियों को क्या करना होगा
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को ‘डिजियात्रा’ ऐप पर पंजीयन करवाना होगा और अपना विवरण देना होगा. इसमें आधार के जरिए सत्यापन होगा और यात्री को अपनी तस्वीर भी लेनी होगी. ‘डिजियात्रा’ एंड्रॉयड और आईओएस मंचों पर उपलब्ध है. हवाईअड्डे के ई-गेट पर यात्री को पहले बार-कोड वाला बोर्डिंग पास स्कैन करना होगा और फिर वहां लगी ‘चेहरा पहचान’ प्रणाली यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को सत्यापित करेगी. इस प्रक्रिया के बाद यात्री ई-गेट के जरिये हवाईअड्डे के भीतर जा सकेगा. सुरक्षा जांच और विमान में चढ़ने के लिए यात्री को सामान्य प्रक्रिया का ही पालन करना होगा. सिंधिया ने कहा कि दुबई, सिंगापुर, अटलांटा और जापान के नारिता समेत विभिन्न अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर यह डिजिटल पहचान प्रणाली लगी है जिससे यात्रियों का समय बचता है.
Edited by Ritika Singh