Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

तो क्या क्रिप्टोकरेंसी हो सकती है लीगल? सरकार कर रही GST लगाने की तैयारी!

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) की गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स (GST) पॉलिसी विंग क्रिप्टो इकोसिस्टम पर टैक्स लगाने के बारे में विचार कर रही है. विंग इस इकोसिस्टम का एनालिसिस कर रही है. यह क्रिप्टोकरेंसी एसेट्स के लिए माइनिंग प्लेटफॉर्म और टैक्स नेट के तहत खरीदारी को रेग्यूलेट करने के माध्यम के रूप में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (virtual digital assets - VDAs) के उपयोग जैसी अधिक गतिविधियों को लाने की तलाश कर रही है.

अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जीएसटी परिषद (GST Council) इस साल के अंत में एक सितंबर को होने वाली बैठक में मामला उठा सकती है. वर्तमान में, 18% GST केवल क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा दी जाने वाली सर्विसेज पर लगाया जाता है और इसे फाइनेंशियल सर्विसेज के रूप में समझा जाता है.

क्रिप्टो एसेट्स क्रिप्टोग्राफी के तहत प्रोटेक्टेड एल्गोरिदम-बेस्ड डिसेंट्रलाइज्ड वर्चुअल एसेट्स होती है. क्रिप्टो इकोसिस्टम में माइनिंग, एक्सचेंज सर्विसेज, वॉलेट सर्विसेज, पेमेंट प्रोसेसिंग, आदि गतिविधियां शामिल हैं.

पूरे क्रिप्टो इकोसिस्टम के कवरेज पर पॉलिसी लेटर तैयार होने के बाद, जीएसटी परिषद की कानून समिति सिफारिशों की समीक्षा करेगी.

government-legalize-cryptocurrency-cbic-gst-council-gst-on-cryptocurrency

सांकेतिक चित्र

विशेषज्ञों का कहना है कि “हम अभी भी कुछ मुद्दों की जांच कर रहे हैं जैसे कि ट्रांजेक्शन / बिजनेस की प्रकृति क्या है, वे कैसे होते हैं, जो कि शामिल संस्थाएं हैं, क्या यह हमेशा कंज्यूमर-टू-कंज्यूमर या बिजनेस-टू-कंज्यूमर है, क्या इसके रजिस्ट्रेशन का कोई प्रोसेस है आदि. इसके साथ ही, यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि कुछ ट्रांजेक्शन गुड्स हैं या सर्विसेज.”

इसके क्रिप्टो इकोसिस्टम से जुड़ी सभी जरूरी सप्लाई की पहचान करने की जरुरत है, जो कि जीएसटी के दायरे में होंगे और सही क्लासिफिकेशन के आधार पर उनकी दर लागू होगी. EY India के पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस के हवाले से कहा, "मौजूदा जीएसटी फ्रेमवर्क के तहत क्रिप्टो ट्रांजेक्शन की टैक्स योग्यता का निर्धारण करने के लिए क्रिप्टो के वर्गीकरण जैसे 'माल' या 'सेवा' या 'धन', टैक्स रेट का निर्धारण, माइनिंग, कन्वर्जन, आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों का मूल्यांकन जैसे विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देने की जरुरत है."

अग्रवाल ने आगे कहा, "हालांकि यह कहा जा सकता है कि कमीशन या फीस जैसे कुछ ट्रांजेक्शन को 'सप्लाई' बेस्ड इवेंट्स के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में होने वाली इवेंट्स के अलग-अलग फॉर्मेट्स के लिए अस्पष्टता बनी रहती है."

नियमों और विभिन्न चुनौतियों के आसपास अस्पष्टता के बावजूद वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ने भारत में तेजी से विकास देखा है. वित्त वर्ष 2023 के बजट में, सरकार ने सभी VDA ट्रांजेक्शन पर सॉर्स पर 1% टैक्स की कटौती की. TDS के अलावा, सरकार ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के कन्वर्जन से किसी भी इनकम पर 30% पर टैक्स अनिवार्य कर दिया, जिसमें कोई कटौती नहीं हुई और नुकसान का समायोजन किया गया, जो इस सेक्टर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है.