गेहूं के बाद आटा के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा सकती है सरकार, निर्यातकों को दी चेतावनी
बुधवार को केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि गेहूं के प्रतिबंधित खाद्य सामग्री होने के कारण निर्यात के लिए गेहूं को बहुत अधिक मात्रा में आटे में तब्दील नहीं किया जाना चाहिए. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस तिमाही में करीब 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं निर्यात की गई.
यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैदा हुए संकट के बीच भारत द्वारा गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद सरकार अब गेहूं के आटे को भी प्रतिबंधित श्रेणी में लाने की तैयारी कर रही है.
बुधवार को केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने कहा कि गेहूं के प्रतिबंधित खाद्य सामग्री होने के कारण निर्यात के लिए गेहूं को बहुत अधिक मात्रा में आटे में तब्दील नहीं किया जाना चाहिए. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस तिमाही में करीब 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं निर्यात की गई.
पांडे ने कहा कि बीते 13 मई को गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद कई देशों ने भारत से गेहूं की मांग को लेकर संपर्क किया और उनके अनुरोधों पर विचार किया जा रहा है.
खाद्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव पार्थ एस. दास के अनुसार, 1 अप्रैलसे 14 जून तक भारत ने 29.70 लाख मीट्रिक टन गेहूं का निर्यात किया. इसी दौरान 2.59 लाख मीट्रिक टन आटा निर्यात किया गया. 13 मई के निर्यात प्रतिबंध के बाद भारत ने बांग्लादेश में निर्यात के लिए 1.5 लाख मीट्रिक टन गेहूं निर्यात को मंजूरी दी है.
व्यापार विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश भारत से और अधिक आयात का अनुरोध कर सकता है क्योंकि वह करीब आधार भारत तो से तो बाकी रूस और यूक्रेन ने भी करता है.
बांग्लादेश के साथ ही इंडोनेशिया, ओमान, यूएई और यमन भी राजनयिक माध्यमों से भारत से गेहूं की आपूर्ति का अनुरोध कर चुके हैं. हालांकि, अमेरिका और यूरोपीय देशों सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत के गेहूं पर लगाए गए निर्यात प्रतिबंध की आलोचना कर रहे हैं.