देशभर में लागू हुई ‘एक देश, एक राशन कार्ड योजना’, जानिए क्या हैं इसके फायदे?
'एक देश, एक राशन कार्ड' योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के पात्र लाभार्थी पूरे देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान से अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर अनाज उठा सकते हैं. फिर भले ही उनका राशन कार्ड किसी भी राज्य या जिले में बना हो.
असम में संचालित होने के साथ ही एक देश, एक राशन कार्ड (One Nation, One Ration Card) पूरे देश में लागू हो गया है. खाद्य मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि असम देश का 36वां ऐसा राज्य बन गया है जिसमें ONORC को लागू किया है.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ONORC प्रोग्राम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक लागू हो गया है और जिसके देशभर में खाद्य सुरक्षा सुविधाजनक बन गई है.
'एक देश, एक राशन कार्ड' योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के पात्र लाभार्थी पूरे देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकान से अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर अनाज उठा सकते हैं. फिर भले ही उनका राशन कार्ड किसी भी राज्य या जिले में बना हो.
2019 में शुरू की गई थी योजना:
बता दें कि, अगस्त, 2019 में ONORC को लागू करने की योजना शुरू की गई थी. खाद्य मंत्रालय का लक्ष्य मार्च 2021 तक देशभर में इस योजना को लागू करना था.
हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण इस योजना को पूरे देश में लागू करने में देरी हुई. हालांकि, इसने कोविड-19 महामारी के दौरान पिछले दो सालों में खासकर प्रवासी मजदूरों को बड़े पैमाने पर सब्सिडाइज्ड खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई. इस योजना के तहत लाभार्थी की बायोमेट्रिक पहचान के लिए राशन की दुकानों को फिंगर प्रिंट पहचान मशीन से लैस किया गया है.
40,000 करोड़ रुपये के खाद्यान्न वितरित किए गए:
2019 के बाद से, पोर्टेबिलिटी के माध्यम से खाद्य सब्सिडी में लगभग 40,000 करोड़ रुपये के बराबर खाद्यान्न पहुंचाने के लिए लगभग 71 करोड़ पोर्टेबल ट्रांसजैक्शन किए गए.
खाद्य मंत्रालय का कहना है कि लाभार्थियों की सुविधा के अनुसार सब्सिडाइज्ड एनएफएसए और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण आवास योजना (PMGKAY) के तहत हर महीने 3 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजैक्शंस दर्ज किए जा रहे हैं.
मंत्रालय ने आगे कहा कि कोविड-1 महामारी के दौरान अप्रैल, 2020 से अब तक 64 करोड़ पोर्टेबल ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए हैं जिसमें पोर्टेबिलिटी के माध्यम से 36,000 करोड़ सब्सिडाइज्ड खाद्य सामग्री वितरित की गई है. 64 करोड़ में से 27.8 करोड़ मार्च, 2020 में शुरू की गई PMGKAY के तहत दर्ज किए गए थे.
सरकार ने शुरू किया ‘मेरा राशन’ मोबाइल ऐप्लिकेशन शुरू किया:
ONORC योजना का लाभ अधिक लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए सरकार ने मेरा राशन मोबाइल ऐप्लिकेशन भी शुरू किया है. यह ऐप लाभार्थियों को बहुत सी जरूरी रियल टाइम जानकारियां मुहैया करा रहा है. गूगल प्ले स्टोर से इस 20 लाख से अधिक बार डाउनलोड किया जा चुका है.
पहले राशन कार्ड को लेकर क्या नियम था:
इससे पहले राशन कार्ड के मामले में नियम यह था कि व्यक्ति का राशन कार्ड जिस जिले का बना है, उसी जिले की राशन दुकानों से उसे राशन मिल सकता था. उस राशन कार्ड से किसी अन्य जिले में राशन नहीं लिया जा सकता था. लेकिन एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड लागू होने के बाद एक ही राशन कार्ड से देश के किसी भी कोने में सस्ता राशन खरीदा जा सकता है.