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सरकार की मार्च 2024 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की योजना

सरकार ने देश भर के 766 जिलों में से 743 जिलों को शामिल करते हुए 9,000 से अधिक केंद्रों को चालू किया है. PMBJP केंद्रों में ऐसी दवाओं को बेचा जाता है, जिनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक कम होती है.

सरकार की मार्च 2024 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की योजना

Saturday December 31, 2022 , 3 min Read

सरकार ने शनिवार को कहा कि उसकी योजना मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana - PMBJP) केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की है. जनऔषधि केंद्रों के जरिये सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पिछले आठ वर्षों में PMBJP के जरिये लगभग 18,000 करोड़ रुपये की बचत की गई है.

सरकार ने देश भर के 766 जिलों में से 743 जिलों को शामिल करते हुए 9,000 से अधिक केंद्रों को चालू किया है. PMBJP केंद्रों में ऐसी दवाओं को बेचा जाता है, जिनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक कम होती है.

इन केंद्रों पर 1,759 दवाएं और 280 सर्जरी उपकरण उपलब्ध हैं. इनमें कार्डियोवस्कुलर, कैंसर-रोधी, डायबिटिक-रोधी, संक्रमण-रोधी, एलर्जी-रोधी, गैस्ट्रो-इन्टेस्टाइनल दवाइयां और न्यूट्रास्यूटिकल्स आदि शामिल हैं. इसके अलावा विभिन्न न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद, जैसे कि प्रोटीन पाउडर, माल्ट-बेस्ड फूड सप्लीमेंट्स आदि भी उपलब्ध हैं. वहीं, कुछ आयुष उत्पादों जैसे कि आयुरक्षा किट, बालरक्षा किट और आयुष-64 टैबलेट को प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में परियोजना की उत्पाद सूची में जोड़ा गया है.

रसायन और उर्वरक मंत्रालय के औषधि विभाग ने नवंबर 2008 में इन केंद्रों की शुरुआत की थी और PMBJP ने दिसंबर 2017 में 3,000 केंद्र खोलने का लक्ष्य हासिल किया था. मार्च 2020 में इन केंद्रों की संख्या बढ़कर 6,000 हो गई.

आधिकारिक बयान में कहा गया, ”पिछले वित्त वर्ष में केंद्रों की संख्या 8,610 से बढ़कर अब 9,000 हो गई है. सरकार ने देश भर के 766 में से 743 जिलों को शामिल करते हुए 9,000 से अधिक केंद्रों के साथ PMBJP की पहुंच को व्यापक बनाया है.”

बयान में आगे कहा गया, ”सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJPK) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है.”

जनऔषधि केंद्रों के जरिये वित्त वर्ष 2021-22 में 893.56 करोड़ रुपये मूल्य की दवाओं एवं चिकित्सा उपकरणों की बिक्री की गई थी. इस तरह ब्रांडेड दवाओं की तुलना में देशवासियों के 5,300 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली.

यह योजना स्थायी और नियमित आय के साथ स्वरोजगार का एक अच्छा स्रोत प्रदान कर रही है. PMBJP के तहत वित्तीय सहायता के रूप में जनऔषधि केंद्रों को 5.00 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है. इसके अलावा उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीप क्षेत्रों व नीति आयोग की ओर से घोषित आकांक्षी (पिछड़े) जिलों में खोले गए जनऔषधि केंद्र या फिर महिला उद्यमी, पूर्व सैनिक, दिव्यांग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की ओर से खोले गए केंद्र को 2.00 लाख रुपये का एकमुश्त अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और अवसंरचना खर्च के लिए) प्रदान किया जा रहा है.

पूरे देश के 9,000 PMBJP केंद्रों पर जन औषधि सुविधा सेनेटरी नैपकिन की बिक्री 1 रुपये प्रति पैड के हिसाब से की जाती है. इस योजना को शुरू किए जाने के बाद से 30 नवंबर, 2022 तक पूरे देश के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों पर 31.40 करोड़ जनऔषधि सुविधा सेनेटरी पैड की बिक्री की चुकी है. गुरुग्राम, चेन्नई, गुवाहाटी और सूरत में इसके चार गोदाम हैं. यह एसएपी आधारित इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली पर आधारित है, जिससे सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध आपूर्ति और तेजी से वितरण की सुविधा प्राप्त हो सके.

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