डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रखी 'डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर' की नींव
पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (AHIDF) उद्यमियों, निजी कंपनियों, MSME और किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
"पशुपालन एवं डेयरी विभाग के साथ मिलकर डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर वैश्विक एवं स्थानीय उद्योग प्रतिभागियों के साथ मिलकर कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा और निवेशकों के साथ आमने-सामने चर्चा करेगा जिससे उनके दृष्टिकोण को समझा जा सके, सरकारी अधिकारियों के साथ उनकी सीधी बातचीत को सुगम बनाया जा सके, साथ ही उद्योग के अन्य निवेशकों के भी साथ जुड़ा जा सके।"
पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD), भारत सरकार ने डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और उसे सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए,अपने निवेश सुविधा प्रकोष्ठ के अंतर्गत डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना की है।
यह इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर निवेशकों के साथ इंटरफेस के रूप में काम करने के लिए गठित की गई एक क्रॉस फंक्शनल टीम है, जो निवेश चक्र में सहायता प्रदान करेगी:
•निवेश अवसरों के मूल्यांकन के लिए विशिष्ट जानकारी प्रदान करना
•सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन संबंधित सवालों का जवाब देना
•रणनीतिक साझीदारों के साथ जुड़ना
•राज्य के विभागों और संबंधित प्राधिकरणों के साथ जमीनी रूप से सहायता प्रदान करना
इसके अलावा, पशुपालन एवं डेयरी विभाग (DAHD) के साथ मिलकर डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर वैश्विक एवं स्थानीय उद्योग प्रतिभागियों के साथ मिलकर कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगा और निवेशकों के साथ आमने-सामने चर्चा करेगा जिससे उनके दृष्टिकोण को समझा जा सके, सरकारी अधिकारियों के साथ उनकी सीधी बातचीत को सुगम बनाया जा सके, साथ ही उद्योग के अन्य निवेशकों के साथ जुड़ा जा सके।
डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर द्वारा निवेशकों के बीच पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (AHIDF) के बारे में जागरूकता फैलाने का भी काम किया जाता है। AHIDF, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की प्रमुख योजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत उद्यमियों, निजी कंपनियों, MSME, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और संभाग 8 कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है।
पात्र संस्थाओं द्वारा इस योजना का लाभ डेयरी प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना, मांस प्रसंस्करण एवं संबंधित मूल्य संवर्धन बुनियादी अवसंरचना और पशु आहार संयंत्र के क्षेत्रों में नई इकाइयों की स्थापना करने अथवा मौजूदा इकाइयों का विस्तार करने के लिए उठाया जा सकता है।
•ऋण पर 3% ब्याज की छूट
•6 वर्ष अदायगी अवधि के साथ 2 वर्ष अवधि की छूट
•750 करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी
DAHD द्वारा उन सभी निजी कंपनियों, विशिष्ट उद्यमियों और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया जाता है, जो [email protected] पर डेयरी क्षेत्र में निवेश करने और इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर तक पहुंच प्राप्त करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।
भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है जिसका वैश्विक दुग्ध उत्पादन में 23% का योगदान है। पिछले 5 वर्षों में देश के वार्षिक दुग्ध उत्पादन में 6.4% (CAGR) की बढ़ोतरी हुई है। अपने सामाजिक-आर्थिक महत्व के कारण डेयरी, भारत सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। यह देश की अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान करने वाला एकमात्र सबसे बड़ा कृषि उत्पाद है और 80 करोड़ से ज्यादा किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करता है।
इसके अलावा, देश में पैकेज्ड डेयरी उत्पाद का बहुत बड़ा घरेलू बाजार हैं, जिनकी कीमत 2.7 से लेकर 3.0 लाख करोड़ रुपये है, जो दहाई अंकों की वृद्धि दिखाती है।
डेयरी क्षेत्र में बाजार में वृद्धि के लिए प्रसंस्करण, शीतलन, लॉजिस्टिक, पशु चारा इत्यादि में महत्वपूर्ण बुनियादी अवसंरचना निवेश की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, मूल्य संवर्धित डेयरी उत्पादों, जैविक/फॉर्म ताजा दूध और निर्यात जैसे क्षेत्रों में नए आकर्षक अवसर मौजूद हैं।
डेयरी क्षेत्र में पर्याप्त रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) किया जा रहा है जो कि भारतीय खाद्य क्षेत्र में FDI का लगभग 40% है। इस क्षेत्र में बुनियादी अवसंरचना के विकास को सुगम बनाने के लिए, केंद्र/राज्य सरकार द्वारा निवेश को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान किए गए हैं।
(साभार: PIB)
Edited by Ranjana Tripathi