केंद्र का बड़ा फैसला: घरेलू कच्चे तेल पर घटाया गया विंडफॉल टैक्स, डीजल-विमान के ईंधन के निर्यात पर बढ़ाई ड्यूटी
सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादन किए जाने वाले कच्चे तेल (Crude) पर विंडफॉल टैक्स घटा दिया है. इसके साथ ही डीजल और एयर टरबाइन फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर अतिरिक्त ड्यूटी बढ़ा दी है. सरकार की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 11,000 रुपये प्रति टन से घटाकर 9,500 रुपये प्रति टन कर दिया गया है.
यह कटौती 2 नवंबर 2022 यानी आज से लागू होगी.
ATF और डीजल एक्सपोर्ट पर कितनी बढ़ी दरें
विंडफॉल टैक्स की पाक्षिक समीक्षा में सरकार ने डीजल के एक्सपोर्ट पर टैक्स 12 रुपए से बढ़ाकर 13 रुपए प्रति लीटर कर दिया है. डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपए प्रति लीटर का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (आरआईसी) भी शामिल है.
इसके अलावा एयर टरबाइन फ्यूल (ATF) के एक्सपोर्ट पर लगने वाला टैक्स 3.50 रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है.
सरकार ने 1 जुलाई, 2022 को पेट्रोलियम उत्पादों पर अप्रत्याशित लाभ कर लगाने की घोषणा की थी. उस समय पेट्रोल के साथ डीजल और एटीएफ पर यह कर लगाया गया था. बाद की समीक्षा में इसके दायरे से पेट्रोल को बाहर कर दिया गया.
क्या होता है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स सरकार द्वारा कंपनियों पर लगाए जाना वाला टैक्स है. यह टैक्स सरकार ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाती है जिन्हें किसी खास तरह के हालात से तत्काल काफी फायदा होता है. मसलन, यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में काफी तेजी आई थी और डोमेस्टिक ऑयल कंपनियां स्थानीय ऑयल रिफायनरीज को इंटरनेशनल प्राइस के बराबर ही कच्चा तेल प्रोवाइड करवा रहे थे. जिससे डोमेस्टिक ऑयल कंपनियों को अप्रत्याशित रूप से फायदा हो रहा था. अमूमन सरकारें इस तरह के प्रॉफिट पर टैक्स के सामान्य रेट के ऊपर वन-टाइम टैक्स लगाती है. इसे विंडफॉल टैक्स कहते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. मार्च तिमाही में कच्चे तेल की कीमत 139 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी जो 14 साल में इसका उच्चतम स्तर था. क्रूड की कीमत में उछाल से ओएनजीसी जैसी कंपनियों का प्रॉफिट मार्च तिमाही में कई गुना बढ़ गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तब कहा था कि सरकार इस बात से खुश है कि निर्यात बढ़ रहा है और कंपनियां जमकर प्रॉफिट कमा रही हैं. उन्होंने कहा था कि अपने नागरिकों की भलाई के लिए हमें इस प्रॉफिट में कुछ हिस्सा चाहिए.
किन कंपनियों पर होगा प्रभाव
विंडफॉल टैक्स का प्रभाव उन कंपनियों पर होता है जो देश में मौजूद ऑयल फील्ड से तेल निकालती हैं या रिफाइन करती हैं. इसमें सरकारी कंपनी ओएनजीसी, वेदांता के स्वामित्व केयर्न एनर्जी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और रोजनेफ्ट आधारित नायरा एनर्जी शा
Edited by Prerna Bhardwaj