टिड्डियों के हमले से प्रभावित किसानों को मुआवजा देगी गुजरात सरकार
गुजरात में टिड्डियों का आंतक, किसानों की फसल को करोड़ों का नुकसान। टिड्डियों के आक्रमण की वजह से कपास, गेंहूं, वरियाली, समेत कई फसलों को नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने किया मुआवजे का एलान।
गुजरात सरकार ने बनासकांठा जिले और उत्तर गुजरात के अन्य क्षेत्रों में टिड्डियों के हमले के शिकार हुए किसानों को मुआवजा देने की बृहस्पतिवार को घोषणा की।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से आये टिड्डियों के झुंडों ने बनासकांठा, मेहसाणा, कच्छ, पाटन और साबरकांठा जिलों में, सरसों, अरंडी, सौंफ, जीरा, कपास, आलू, गेहूं और जतरोफा जैसी फसलों पर हमला किया।
अधिकारी ने कहा कि बनासकांठा में लगभग 5,000 हेक्टेयर से भी अधिक रकबे में फसलों को नुकसान पहुंचा है।
इस समस्या से निपटने के लिए 11 केंद्रीय टीमें गुजरात में पहुंची है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने संवाददाताओं को बताया,
‘‘हमने केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को मिलाकर 27 दलों का गठन किया है। अभी तक हमने बनासकांठा में 1,815 हेक्टेयर में कीटनाशकों का छिड़काव किया है।’’
उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार एक सर्वेक्षण करेगी और प्रभावित किसानों को मुआवजा देगी।
राज्य सरकार कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की संभावना भी तलाश रही है।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि
‘‘टिड्डियों को फसल से दूर रखने के लिए किसानों को टायर जलाने, ड्रम बजाने और धातु की वस्तुओं को हिलाने, खेतों में टेबल पंखे लगाने और यहां तक कि संगीत बजाने सहित विभिन्न उपायों का निर्देश दिया गया है।’’
पिछले सप्ताह बनासकांठा के सुइगम, दांता, दीसा, पालनपुर और लाखनी तहसीलों में टिड्डियों को पहली बार देखा गया था। वहां से वे मेहसाणा जिले की सतलसाना तहसील चले गए।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पहले कहा था,
‘‘इन्होंने (टिड्डियों के झुंड ने) पाकिस्तान के रेगिस्तानी इलाकों से गुजरात में प्रवेश किया। यह एक महीने में दूसरी बार है कि टिड्डियों ने उत्तर गुजरात के खेतों पर हमला किया है।’’
स्थानीय किसानों ने कहा कि वे लगभग एक दशक के बाद ऐसी घटना देख रहे हैं।
राज्य के कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पूनमचंद परमार ने कहा कि बनासकांठा जिले में 5,000 हेक्टेयर में फसलों पर असर पड़ा है।
(Edited by रविकांत पारीक )