गुजरात की पहली ट्रांसजेंडर महिला अलीशा पटेल को मिला पहचान पत्र, 8 लाख रुपये में 3 सर्जरी कराकर संदीप बने 'अलीशा'
उन्होंने कहा कि वह 12 साल की उम्र से जानती थी कि वह अंदर से एक महिला है। पटेल को स्कूल में, कॉलेज में और वर्कप्लेस पर भी भेदभाव का सामना करना पड़ा।
अलीशा पटेल, नए नियमों के अनुसार गुजरात सरकार द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाली राज्य की पहली ट्रांसजेंडर महिला बन गई हैं। उन्हें ट्रांसजेंडर पहचान पत्र भी मिला है। सूरत के कलेक्टर ने उन्हें प्रमाण-पत्र देकर ट्रांसवुमन की आधिकारिक मान्यता दे दी है।
वह चार दशकों से इसके लिए संघर्ष कर रही थी, और अब आखिरकार वह सफल हो गई है। अब उनकी पहचान अलीशा पटेल के रूप में हुई है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, पटेल ने कहा कि जेंडर डिस्फोरिया से डायग्नोस होने के बाद, ट्रांसफॉर्मेशन प्रोसेस में मुझे तीन साल लगे और 8 लाख रुपये का खर्च आया।
उन्होंने कहा कि वह 12 साल की उम्र से जानती थी कि वह अंदर से एक महिला है। पटेल को स्कूल में, कॉलेज में और वर्कप्लेस पर भी भेदभाव का सामना करना पड़ा।
अलीशा ने बताया, "जेंडर डिस्फोरिया का पता चलने के बाद, ट्रांसफॉर्मेशन प्रोसेस में मुझे 3 साल लगे और मुझे 8 लाख रुपये खर्च करने पड़े। मैं अब एक महिला के रूप में अपना जीवन खुशी से जी रही हूं। यह मेरे लिए पुनर्जन्म की तरह है।"
अलीशा ने आगे कहा, "मेरे परिवार ने बिना किसी आपत्ति के मेरा पूरा साथ दिया है। शुरूआत में, अन्य लोगों में कुछ आशंकाएं थीं, लेकिन मैं उन सभी से बच गयी हूं।"
Edited by Ranjana Tripathi