Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पिता सब्जी बेचते हैं, बेटी ने कोडिंग की भाषा में लिखी सफलता की कहानी

"पिता हमेशा से चाहते थे कि मैं एक सॉफ्टवेयर डेवलपर बनूं."

Apurva P

yourstory हिन्दी

पिता सब्जी बेचते हैं, बेटी ने कोडिंग की भाषा में लिखी सफलता की कहानी

Sunday June 12, 2022 , 3 min Read

गुणसुंदरी तमिलनाडु के तंजौर के एक बहुत साधारण से परिवार से आती हैं. वो स्कूल और कॉलेज, दोनों में टॉपर रहीं. उन्हें हमेशा बदलती टेक्नोलॉजी में रुचि रही और कोडिंग सीखने की इच्छा थी. गुणसुंदरी के शब्दों में कहें तो उन्हें कुछ 'क्रिएटिव' और 'नया' सीखने का मन था.

गुणसुंदरी के पिता उनके भाई के साथ सब्जी की दुकान लगाते हैं. लेकिन सीमित आय को उनके पिता ने उनके सपनों की राह का रोड़ा नहीं बनने दिया. उन्होंने बेटी को इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रेरित किया.

"मेरे पिता हमेशा से चाहते थे कि मैं एक सॉफ्टवेयर डेवलपर बनूं", 21 साल की गुणसुंदरी बताती हैं.

शुरुआती दिन

हालांकि तंजौर एक बड़ा शहर है लेकिन गुणसुंदरी के सपनों को समेटने के लिए छोटा पड़ गया. जिस तरह की टेक्निकल जानकारी गुणसुंदरी सीखना चाहती थीं, वो उनके शहर में नहीं मिली. अपने पूरे परिवार में वो पहली इंसान थीं जो कॉलेज जा रही थीं. उन्होंने तंजौर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ट्रेड में बीटेक में एडमिशन लिया.

उनके कॉलेज में 'पाइथन' (प्रोग्रामिंग लैंग्वेज) की शुरुआती ट्रेनिंग तो दी जाती थी. लेकिन कोई ख़ास कोर्स नहीं था जो स्पेशलाइज़ेशन देता हो.

कॉलेज के आखिरी साल में गुणसुंदरी ने 'टेक सक्षम' नाम के एक प्रोग्राम में एनरोल किया. इस प्रोग्राम में महिलाओं को टेक फील्ड में करियर बनाने के लिए प्रेरित और सपोर्ट किया जाता है. जो लड़कियां कोर्स पूरा करती हैं उन्हें सर्टिफिकेट के साथ-साथ इंटर्नशिप दिलवाने में मदद की जाती है.

गुणसुंदरी से जब पूछा गया कि कोडिंग के बारे में उन्हें सबसे खूबसूरत बात क्या लगती है, उन्होंने बताया:

जब कोई प्रोग्राम कोड एक ही बार में बिना किसी गलती के रन कर जाए तो मुझे बहुत ख़ुशी मिलती है.

गुणसुंदरी ने टेक सक्षम के साथ पहली ही क्लास में परफेक्ट कोड बनाकर अपना जौहर दिखा दिया था. इसके बाद गुणसुंदरी ने वेब डिजाइनिंग में भी कमाल का काम कर दिखाया. 6 महीने के भीतर उन्होंने टेक सक्षम की ट्रेनिंग में वेब डिजाइनिंग में खुद को एक्सपर्ट बना लिया.

सफलता की कोडिंग

गुणसुंदरी ने 6 महीने की क्लासेज के दौरान कई वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेशन अटेंड किए. प्रैक्टिकल एक्सरसाइज की मदद से टैलेंट में और निखार आता गया.

gunasundari

अपनी ट्रेनिंग के दौरान गुणसुंदरी ने पाया कि वो टेक्नोलॉजी के साथ सहज हैं और आज भी माइक्रोसॉफ्ट और SAP जैसी कंपनियों के कोर्सेज पर नज़र रखती हैं.

इसके बाद वो नौकरी की तैयारी करने लगीं. अलग-अलग असेसमेंट टेस्ट लेतीं, मॉक इंटरव्यू में हिस्सा लेतीं और प्लेसमेंट इंटरव्यूज की तैयारी करतीं. टेक सक्षम में होने वाले तमाम सेशन की मदद से वो प्रोफेशनल इंटरव्यूज की तैयारी करती रहीं.

मेहनत रंग तब लाई जब उन्होंने दो जॉब ऑफर अपने नाम किए. पहला एर्नस्ट्स एंड यंग से, दूसरा कैपजैमिनी से.

ये गुणसुंदरी के लिए और भी बड़ी बात है क्योंकि न सिर्फ वो अपने परिवार की वो पहली पीढ़ी हैं जो कॉलेज गईं बल्कि किसी ग्लोबल कंपनी में काम करने वाली अपने परिवार की पहली सदस्य हैं.

गुणसुंदरी बताती हैं कि सबकुछ इतना आसान नहीं था. शुरुआत के दिनों में परिवार वाले उनकी सक्सेस को लेकर बहुत सहज नहीं महसूस करते थे क्योंकि उन्हें आइडिया नहीं था कि वे किस फ़ील्ड में चली गई हैं. 

"पहले ऑफर लेटर पर तो उन्होंने यकीन ही नहीं किया. जब दूसरी चिट्ठी आई तब उन्हें अहसास हुआ कि मैंने कर दिखाया है."

गुणसुंदरी आगे बताती हैं,

"वो मुझे मिलने वाले मौकों को लेकर बहुत खुश हैं. मैं इस कोशिश में हूं कि उन्हें इस बात के लिए मना सकूं कि मुझे किसी बड़े शहर में शिफ्ट होने दें.

अपनी ट्रेनिंग के दौरान गुणसुंदरी ने पाया कि वो टेक्नोलॉजी के साथ सहज हैं और आज भी माइक्रोसॉफ्ट और SAP जैसी कंपनियों के कोर्सेज पर नज़र रखती हैं.

गुणसुंदरी सिर्फ अपने भाई-बहनों के लिए ही नहीं, पूरे समुदाय के लिए आज एक रोल मॉडल हैं.


Edited by Prateeksha Pandey