जानिए 20 लाख करोड़ के प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त की मुख्य बातें
नयी दिल्ली, कोरोना वायरस महामारी तथा इसकी रोकथाम के लिये देश भर में लागू लॉकडाउन की मार से अर्थव्यवस्था को उबारने के 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की पांचवीं किस्त की रविवार को घोषणा की गयी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवीं किस्त में चौथी किस्त के सुधारों को और आगे बढ़ाया। पांचवीं किस्त की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...
* वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के लिये रोजगार को बढ़ावा देने को लेकर मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन
* स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय बढ़ेगा
* भविष्य की महामारियों के लिये ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर बनाना
* एक साल तक नयी दिवाला कार्यवाही का स्थगन
* दिवाला एवं ऋणशोधन प्रक्रियाके लिए बकाया कर्ज की न्यूतनतम सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की गयी।
* मामूली तकनीकी चूक से संबंधित कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक किया गया
* समाधान योग्य अधिकांश अपराधों को आंतरिक न्याय निर्णय व्यवस्था में डाला जायेगा।
*भारतीय कंपनियों को प्रतिभूतियों को सीधे स्वीकृत विदेशी बाजारों में सूचीबद्ध कराने की छूट*
निजी कंपनियों के लिये सारे क्षेत्र खोले गये, सरकारी कंपनियां चुनिंदा तय क्षेत्रों में ही होंगी।
* रणनीतिक क्षेत्रों में कम से कम एक सरकारी कंपनी रहेंगी, लेकिन निजी कंपनियों को भी मिलेंगे अवसर
* रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़ शेष सरकारी कंपनियों का होगा निजीकरण, व्यवहार्यता पर समय निर्भर होगा।
* वित्त वर्ष 2020-21 के लिये राज्यों की उधार उठाने की कुल सीमा उनके सकल घरेलू उत्पाद के तीन प्रतिशत से बढ़ाकर पांच प्रतिशत की गयी, इससे राज्यों जुटा सकेंगे अतिरिक्त 4.28 लाख करोड़ रुपये।
* विशिष्ट सुधारों से जुड़ी होगी उधार उठाने की सीमा में की गयी वृद्धि
* कुल प्रोत्साहन पैकेज 20,97,053 करोड़ रुपये का है, जिसमें आरबीआई के 8,01,603 करोड़ रुपये के मौद्रिक उपाय भी शामिल।
* मार्च में 1.70 लाख करोड़ रुपये की पीएम गरीब कल्याण योजना सहित 1,92,800 करोड़ रुपये की योजनाएं भी पैकेज का हिस्सा।
* प्रोत्साहन की पहली किस्त में 5.94 लाख करोड़ रुपये, दूसरी किस्त में 3.10 लाख करोड़ रुपये, तीसरी किस्त में 1.50 लाख करोड़ रुपये और चौथी एवं पांचवीं किस्त में 48,100 करोड़ रुपये के उपाय।
Edited by रविकांत पारीक