एयरफोर्स की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनीं हिना जायसवाल
चंडीगढ़ की हिना जायसवाल पढ़ाई के दिनो में सैन्य वेश के सपने देखा करती थीं। वायु सेना ने उनके सपनों को पंख लगा दिए हैं। वह देश की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर के रूप आधी आबादी के सशक्तीकरण की ताज़ा मिसाल बनी हैं।
हर भारतीय के दिल में किसी महिला सेनानी के लिए विशेष श्रद्धा भाव होता है। वे स्त्री होने के बावजूद हमेशा पूरे देश की रक्षा करती हैं। इसलिए भी उनका दायित्व एक आदर्श के रूप में लिया जाता है। यह भी गौरतलब होता है कि स्त्री होने के बावजूद वह किस तरह सेना की कठिन ट्रेनिंग लेती हैं। प्रशिक्षित हो जाने के बाद वह भारत की महिलाओं ही नहीं, पूरे देश के लिए एक मिसाल बन जाती हैं। मोदी राज में महिला सशक्तीकरण की ऐसी ही ताजा मिसाल बनी हैं वायु सेना की पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर हिना जायसवाल।
उनके जज्बे और लगन को हर भारतीय दिल सलाम कर रहा है। हिना कहती हैं- 'पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनने की मेरी उपलब्धि सपना पूरा होने जैसी है क्योंकि मैं बचपन से ही सैनिकों की वेशभूषा पहनने और पायलट बनने के लिए प्रेरित होती रही थी। मैं विमानन में अपने काम को लेकर उत्साहित हूं और काम के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हूं।'
हमारी सरकारें महिलाओं के बूते पर यकीन करें तो वह देश और समाज के मुश्किल से मुश्किल काम चुटकियों में आसान कर सकती है। देखिए न कि हमारे देश का रक्षा मंत्रालय ही एक महिला मंत्री निर्मला सीतारमण ने संभाल रखा है। भारत की वीर नारियों ने नौसेना में नाविक सागर परिक्रमा नामक मिशन आईएलएसवी नौका तारिणी के जरिए पूरा किया। सभी महिला सदस्यों के इस दल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया। आज देश की वीर नारियां नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार हिना जायसवाल ने येलाहांका वायु सेना स्टेशन में कोर्स पूरा करने के बाद पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनने का इतिहास रचा है। चंडीगढ़ की हिना वायु सेना की इंजीनियरिंग शाखा में पांच जनवरी 2015 को सैनिक के रूप में भर्ती हुई थीं। उनका फ्लाइट इंजीनियरिंग का कोर्स गत दिवस 15 फरवरी 2019 को ही पूरा हुआ है। छह महीनों के पाठ्यक्रम के दौरान हिना ने अपने पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रशिक्षण लेते हुए अपनी प्रतिबद्धता, समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया। हिना ने पंजाब यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। उल्लेखनीय है कि पुरुष सैनिक बहुल फ्लाइट इंजीनियर ब्रांच को पिछले साल सरकार द्वारा महिला अधिकारियों के लिए भी मंजूर कर दिया गया।
हिना जायसवाल से पहले देश की वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में तीन महिलाओं की नियुक्ति ने पूरे देश को गर्वोन्नत कर दिया था- अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह, जो भारतीय वायु सेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल की गईं। महिला सशक्तीकरण की दृष्टि से वह एक और बड़ी उपलब्धि ही नहीं, मिसाल भी रही है। इंडियन एयर फोर्स की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला हैं। अवनी ने अकेले मिग-21 उड़ाकर एक नया इतिहास रचा। 19 फरवरी, 2018 को अवनी चतुर्वेदी ने गुजरात के जामनगर एयरबेस से अकेले ही फाइटर एयरक्राफ्ट मिग-21 से उड़ान भरी। इसी तरह शुभांगी स्वरूप के रूप में नेवी को पहली महिला पायलट मिलीं। यह ऐतिहासिक क्षण नेवी के लिए तब आया जब नेवी में महिलाओं को शामिल करने का निर्णय पहली बार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में लिया था। निकट अतीत में शुभांगी के साथ ही आस्था सहगल, रूपा ए. और शक्तिमाया भी नेवी के शस्त्र विभाग की इंस्पेक्शन ब्रांच में पहली बार शामिल की गईं।
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