HUL और Godrej का दिवाली गिफ्ट, 15% तक सस्ते कर दिए चुनिंदा साबुन

दाम घटाने के पीछे पाम तेल और अन्य कच्ची सामग्री की वैश्विक कीमतों में कमी आना प्रमुख कारण है.

HUL और Godrej का दिवाली गिफ्ट, 15% तक सस्ते कर दिए चुनिंदा साबुन

Tuesday October 11, 2022,

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FMCG (Fast Moving Consumer Goods) कंपनियों हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) ने साबुन के कुछ ब्रांड के दामों में 15 प्रतिशत तक की कटौती की है. दोनों कंपनियों ने कच्चे माल की कीमतें घटने के चलते ऐसा किया है. एचयूएल ने लाइफबॉय और लक्स ब्रांड के तहत पश्चिमी क्षेत्र में की जाने वाली अपनी पेशकशों में 5 से लेकर 11 प्रतिशत तक की कटौती की है. वहीं गोदरेज समूह की कंपनी जीसीपीएल ने साबुन के दाम 13 से 15 प्रतिशत घटाए हैं.

विश्लेषकों का कहना है कि दामों में कटौती से चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बिक्री में वृद्धि होगी, खासकर जब उच्च मुद्रास्फीति की वजह से कुल मांग कमजोर है. उन्होंने कहा कि दाम घटाने के पीछे पाम तेल और अन्य कच्ची सामग्री की वैश्विक कीमतों में कमी आना प्रमुख कारण है.

दाम में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जीसीपीएल के मुख्य वित्तीय अधिकारी समीर शाह ने कहा, ‘‘जिंसों की कीमतों में कमी आई है और जीसीपीएल उन एफएमसीजी कंपनियों में पहली है, जिन्होंने दाम में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया है.’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘विशेषकर साबुनों के लिए जीसीपीएल ने दामों में 13 से 15 प्रतिशत की कटौती की है. गोदरेज नंबर वन के 100 ग्राम के 5 साबुनों के एक पैकेट की कीमत 140 रुपये से घटाकर 120 रुपये कर दी गई है.’’

एचयूएल के प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पश्चिमी क्षेत्र में लाइफबॉय और लक्स के दामों में कटौती की गई है.’’ हालांकि सर्फ, रिन, व्हील और डव जैसे अन्य ब्रांड के दामों में कटौती की खबरों से उन्होंने इनकार किया.

HUL की बिक्री बढ़ने की उम्मीद

एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज में कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा कि बीते एक साल में एचयूएल की बिक्री दामों में वृद्धि के कारण प्रभावित हुई लेकिन अब इसका उलटा हो रहा है. ऐसे में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है. बता दें कि एफएमसीजी कंपनियां, उच्च खुदरा महंगाई ओर सितंबर तिमाही में ग्रामीण इलाकों में स्लोडाउन से चुनौतियों का सामना कर रही हैं. इन कंपनियों ने ब्रिज पैक्स के प्रॉडक्शन को बढ़ाया था, जिनकी कीमत पॉपुलर एंट्री लेवल पैक्स और बड़े पैक्स के बीच में होती है.


Edited by Ritika Singh