युद्ध सेवा मेडल का ख़िताब पाने वाली पहली महिला स्क्वॉड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल
"याद करिए, 26 फरवरी, 2019 को किस तरह पूरी बहादुरी से भारतीय वायुसेना ने सीमापार एयर स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। उन रोमांचक क्षणों में पंजाब वायु सेना में तैनात अंबाला की मिंटी अग्रवाल ने वायुसेना के राडार कंट्रोल स्टेशन पर स्क्वॉड्रन लीडर की भूमिका को बेमिसाल कुशलता से अंजाम दिया।"
भारतीय वायुसेना की अग्रिम पंक्ति 'फाइटर कंट्रोल यूनिट' हमारे देश की हवाई सीमा की निगरानी करती है। यही सैन्य यूनिट एयर वार के वक़्त राडार पर हर लड़ाकू विमान की अटैक पॉजिशन, स्पीड के साथ दुश्मन के खिलाफ हर रणनीतिक दिशानिर्देश देती है। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी वायुसेना का गुमान चूर-चूर कर देने वाली भारतीय वायुसेना की उत्तरी कमांड का युवा स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल बतौर पाथ फाइंडर फाइटर कंट्रोल यूनिट का नेतृत्व कर चुकी हैं।
गौरतलब है कि वायुसेना के विंग कमांडर वर्धमान अभिनंदन ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। अभिनंदन की इस वीरता में उनकी सहयोगी महिला स्क्वॉड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल की अहम भूमिका रही। उस समय वह वायुसेना के राडार कंट्रोल स्टेशन पर तैनात थीं। उन्होंने उस तनावपूर्ण वातावरण में हालात को समझदारी से संभाला।
पुलवामा हमले को लेकर भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के बालाकोट पर हवाई हमला करने वाले जाबांज पायलटों को भारत सरकार वीरता पदक देने की घोषणा कर चुकी है। सम्मानित होने वालों में आईएएफ की स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल की दास्तान भी कुछ कम रोमांचक नहीं है। जब पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने उनके एयरबेस से उड़ान भरी और पीओके के रास्ते भारतीय वायुसीमा में प्रवेश करने के लिए आगे बढ़े, मिंटी अग्रवाल ने श्रीनगर स्थित वायुसेना के एयरबेस को सूचित कर दिया, जहां विंग कमांडर अभिनंदन सहित कई भारतीय लड़ाकू विमान हाई अलर्ट पर थे।
मिंटी अग्रवाल से सूचना मिलते ही अभिनंदन ने उड़ान भरी। उसके बाद मिंटी अग्रवाल हर पल पाकिस्तानी जेट की स्थिति के बारे में अभिनंदन को सचेत करती रहीं, जिससे उनका ऑपरेशन सफल हुआ। उस समय सुरक्षा कारणों से मिंटी अग्रवाल का नाम उजागर नहीं किया गया था। अब आगामी 08 अक्तूबर 2019 को मिंटी अग्रवाल को वायुसेना दिवस पर युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया जाएगा। यह गौरव हासिल करने वाली वह देश की ऐसी पहली बहादुर महिला होंगी।
याद करिए कि 26 फरवरी, 2019 को किस तरह पूरी बहादुरी से भारतीय वायुसेना ने सीमापार एयर स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। मिंटी अग्रवाल कहती हैं-
'उस दिन दुश्मन विमानों को सीमा पर आते देख मुझे लगा था, मानो उसी क्षण के लिए मैंने एयरफोर्स ज्वॉइन किया है। अब देश के लिए मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देने का समय आ गया है। आज मेरी मां जीवित होतीं तो उन्हे बड़ी खुशी मिलती।'
मिंटी अग्रवाल भारतीय वायुसेना की पंजाब यूनिट में तैनात हैं। उनका परिवार अंबाला शहर (हरियाणा) में रहता है। उनके पिता रिटायर्ड ऑनरेरी फ्लाइंग ऑफिसर रवींद्र अग्रवाल, भाई अरविंद अग्रवाल, पति राहुल गुप्ता को मिंटी अग्रवाल के पराक्रम पर गर्व होता है।
पिता रवींद्र अग्रवाल कहते हैं कि बिटिया ने मेरा सीना चौड़ा कर दिया है। मिंटी अपनी बहादुरी का प्रेरणा स्रोत सासु मां और भाभी को मानती हैं, जिनके प्रोत्साहन से वह देश के लिए अपना दायित्व सफलतापूर्वक निभा सकीं।
उन रोमांचक क्षणों को व्यक्त करती हुई पिंटी अग्रवाल बताती हैं-
'उस दिन सुबह मैं अपने निगरानी कक्ष में तैनात थी। राडार स्क्रीन पर मैंने जल्द ही भांप लिया कि करीब 25 पाकिस्तानी लड़ाकू विमान हमारी ओर बढ़ रहे हैं। कुछ ही पलों में मैं आश्वस्त हो चुकी थी कि इनका रुख श्रीनगर की ओर है और हम पर हवाई हमला होने जा रहा है। मैंने तुरंत अलार्म दे दिया। सबसे पहले श्रीनगर में तैनात तीन युद्धक विमानों को दुश्मन विमानों की लोकेशन बताते हुए उनका रास्ता रोका गया। अन्य जगहों पर भी हमारे लड़ाकू विमान अलर्ट मोड में थे। उन्हें भी पाकिस्तानी विमानों की लोकेशन बताते हुए सहायक दिशानिर्देश दिए। कुछ ही पलों में दुश्मन विमानों और हमारे विमानों के बीच हवाई लड़ाई शुरू हो चुकी थी। हम उन पर भारी पड़े। हमारे लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तानी विमानों को बम गिराने का मौका न देते हुए खदेड़ना शुरू कर दिया। मेरा काम दो स्तर पर था। एक, अपने पायलटों को दुश्मन विमानों की सटीक लोकेशन मुहैया कराने के साथ ही समन्वित रणनीति तैयार करना, दूसरा, दुश्मन को समय रहते ढेर कर देना। और वह क्षण आ गया, जब मैंने कहा- टारगेट, लॉक, हिट। अभिनंदन ने मिसाइल दाग दी और दुश्मन ढेर।'