मेरे तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा: पीएम मोदी
2024 के आम चुनावों से पहले, पीएम मोदी ने नए इंटरनेशनल एग्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर (IECC) परिसर में बोलते हुए कहा कि जब 2014 में उनकी सरकार ने सत्ता संभाली, तो भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में दसवें स्थान पर थी और अब पांचवें स्थान पर आ गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनके तीसरे कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगी. देश अभी अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान के बाद दुनिया में पांचवें स्थान पर है.
2024 के आम चुनावों से पहले, पीएम मोदी ने नए इंटरनेशनल एग्जीबिशन-कम-कन्वेंशन सेंटर (IECC) परिसर में बोलते हुए कहा कि जब 2014 में उनकी सरकार ने सत्ता संभाली, तो भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में दसवें स्थान पर थी और अब पांचवें स्थान पर आ गई है. राष्ट्रीय राजधानी के मध्य में एक विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर का अनावरण करने के बाद उन्होंने कहा, "हमें अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य हासिल करना है."
उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, भारत निश्चित रूप से गरीबी मिटा सकता है. उन्होंने उस परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा, जिसका नाम उन्होंने 'भारत मंडपम' रखा है, उन्होंने कहा, "हम राष्ट्र पहले, नागरिक पहले के सिद्धांत पर काम करते हुए भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएंगे."
उन्होंने कहा कि भारत मंडपम, जो भारत की अध्यक्षता में सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. यह सम्मेलन पर्यटन को बढ़ावा देगा. पीएम मोदी ने कहा, "दुनिया भारत के बढ़ते कद को देखेगी जब नवनिर्मित भारत मंडपम जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा."
IECC कॉम्प्लेक्स भारत का सबसे बड़ा MICE (eetings, incentives, conferences, and exhibitions) डिस्टेनेशन है. आयोजनों के लिए उपलब्ध कवर किए गए स्थान के संदर्भ में, यह परिसर दुनिया के शीर्ष प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में अपना स्थान पाता है. इसमें कन्वेंशन सेंटर, प्रदर्शनी हॉल और एम्फीथिएटर सहित कई आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत पुनर्निर्माण की क्रांति देख रहा है क्योंकि पिछले नौ वर्षों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर 34 ट्रिलियन रुपये खर्च किए गए. उन्होंने कहा कि इस साल भी पूंजीगत व्यय 10 ट्रिलियन रुपये रखा गया है. उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में 40,000 किलोमीटर रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण हुआ, जबकि उससे पहले के सात दशकों में केवल 20,000 किलोमीटर का विद्युतीकरण हुआ था.