भारत में 450 के पार पहुंची कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या, घरों और अपार्टमेंट्स को किया गया क्वारंटीन
भारत में पहली बार कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पूरे अपार्टमेंट और घरों ने खुद को क्वारंटीन किया है। जहां केंद्र और राज्य दोनों सरकारें नागरिकों से COVID-19 के कॉन्ट्रैक्ट से बचने के लिए सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का अपनाने के लिए कह रही हैं, तो वहीं कुछ अपार्टमेंट और घरों को लॉकडाउन किया जा रहा है। इसके साथ ही महाराष्ट्र और पंजाब की सरकारों ने सोमवार को राज्यव्यापी कर्फ्यू लागू कर दिया जबकि भारत के अधिकतर हिस्सों में लॉकडाउन हो गया है.
दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्सों में, घरों और अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के बाहर नोटिस लगाए गए थे जिसमें कहा गया कि कौन सा फ्लैट क्वारंटीन किया जा रहा है। इसमें ये भी कहा गया कि किस फ्लैट के किस व्यक्ति को कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है।
हालांकि ये उपाय थोड़े अलग हो सकते हैं, लेकिन स्ट्रेटेजी गैराज के सह-संस्थापक और बीपीएसी की मानद सीईओ रेवती अशोक ने YourStory को बताया कि नोटिस लगाना उन लोगों को ट्रेस करने के लिए महत्वपूर्ण था, जो संभवत: पॉजिटिव पाए गए किसी व्यक्ति के संपर्क में थे।
वे कहती हैं,
“हालांकि व्यक्तियों और उनके घरों की प्राइवेसी को संरक्षित किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसे में परामर्श और जागरूकता पैदा करने के लिए कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। सरकार ने ये उपाय किसी न किसी रूप में पता लगाने के लिए किए हैं। कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग एक बहुत ही नाजुक और अहम भूमिका निभाता है। आइडिया यह है कि हम यह समझें कि यदि आप संक्रमित लोगों में से किसी के संपर्क में आए हैं, तो अधिकारियों को तुरंत सूचित करना महत्वपूर्ण है।"
80 से अधिक शहरों और जिलों में लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए उन्हें लॉकडाउन के तहत रखा गया है। कई राज्यों में अब धारा 144 और कर्फ्यू लगा हुआ है, वहीं मुंबई जैसे शहरों में स्विगी जैसी फूड डिलीवरी सर्विसेस भी बंद हैं। हाल ही में, मुंबई की एक झुग्गी में एक 68 वर्षीय महिला कोरोना वायरस पॉजिटिव पाई गई। महिला को वायरस उस घर से हुआ था जहां वह हाउस हेल्प के रूप में काम करती थी।
डोमेस्टिक ट्रांसमिशन के मामलों की संख्या में वृद्धि के कारण सरकारों ने कड़े कदम उठाए हैं। कोरोनो वायरस का प्रसार ऐसे लोगों के जरिए काफी बढ़ रहा है जो उन लोगों के संपर्क में आए हैं जिन्होंने विदेश की यात्रा की है और खुद को आइसोलेट नहीं किया हैं।
कर्नाटक सरकार ने 23 मार्च, 2020 के एक परिपत्र में कहा है कि सभी विदेश से आने वाला हर शख्स सख्त घरेलू क्वारंटीन में रहेगा। होम क्वारंटीन (घर में खुद को बंद करने) का उल्लंघन दंडात्मक कार्रवाई होगी और ऐसे व्यक्तियों को सरकारी क्वारंटीन सेंटरों में भेज दिया जाएगा। कर्नाटक ने अब महामारी रोग अधिनियम 1897 की धारा 2, 3 और 4 का प्रयोग किया है।
फिर भी, कनिंघम रोड, बेंगलुरु और व्हाइटफील्ड और मुंबई के विभिन्न हिस्सों में कई अपार्टमेंट कॉम्प्लैक्स ने इमारतों को बंद कर दिया है। रेवती ने कहा,
“उनके पास 10 से 15 दिनों के लिए अपने स्वयं के लॉक-डाउन अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स हैं और उन्होंने डिलीवरी बॉयज को ड्रॉप पॉइंट के बारे में बताने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए हैं, और पिकअप की व्यवस्था की है। ये उपाय कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करने के लिए एक लंबा रास्ता तय करते हैं। अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स के लोगों को ईवनिंग वॉक न करने की सलाह भी दी गई है, क्योंकि कोई नहीं जानता कि कौन वायरस का कैरियर हो सकता है। यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है कि महामारी का आगे प्रसार न हो।”
हाल ही में, 12 मार्च को चौधिया मेमोरियल हॉल (Chowdiah Memorial Hall) में आयोजित एक संगीत समारोह में एक व्यक्ति ने भाग लिया, जो बाद में पॉजिटिव पाया गया। वो व्यक्ति जितने भी लोगों के संपर्क में आया है अधिकारी उन सभी के टच में हैं।
रेवती कहते हैं,
“सरकार तक पहुँचने और उसे सूचित करने के लिए यह एक सामुदायिक जिम्मेदारी है। यह आइडिया किसी को भयभीत करने का नहीं है, बल्कि लोगों के बड़े आधार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। अधिक से अधिक लोगों को शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है। और सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदम उसी ओर अग्रसर हैं।”
अधिकारियों के लिए 1.3 बिलियन से अधिक लोगों का सर्वे करना मुश्किल है, और जिन लोगों ने विदेश यात्रा की है, बड़े समूहों में होने के कारण उन्हें बाहर आने और जानकारी देने की आवश्यकता है। वे कहती हैं,
"जानकारी छिपाना सिर्फ समस्या को और बड़ा बनाता है।"
भारत में सोमवार को कोविड-19 से दो और लोगों की मौत हो गई जिससे देश में मरने वालों की संख्या नौ हो गई है तथा 95 और लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद संक्रमित लोगों की कुल संख्या 471 हो गई है। एक दिन में कोरोना मामलों में यह सर्वाधिक वृद्धि है।