क्या है सतत विकास लक्ष्य-3? कैसे सुनिश्चित करेगा यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज?
SDG के 17 लक्ष्यों में तीसरा और बेहद महत्वपूर्ण लोगों के लिए स्वास्थ्य और आरोग्यता है. यह स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है और सभी उम्र के लोगों के लिए कल्याण को बढ़ावा देने का आह्वान करता है.
सतत विकास लक्ष्य (SDG) या ‘2030 एजेंडा’ बेहतर स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन और सबके लिए शांति और समृद्ध जीवन सुनिश्चित करने के लिए सभी से कार्रवाई का आह्वान करता है. वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे एक सार्वभौमिक आह्वान के रूप में अपनाया गया था. 17 सतत विकास लक्ष्य और 169 उद्देश्य सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा के अंग हैं.
SDG के 17 लक्ष्यों में तीसरा और बेहद महत्वपूर्ण लोगों के लिए स्वास्थ्य और आरोग्यता है. यह स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है और सभी उम्र के लोगों के लिए कल्याण को बढ़ावा देने का आह्वान करता है.
SDG-3 में लक्ष्यों की ओर प्रगति को मापने के लिए 13 लक्ष्य और 28 संकेतक हैं. पहले 9 लक्ष्य टारगेट हैं:
1. मातृ मृत्यु दर में कमी
2. 5 वर्ष से कम आयु की सभी रोकी जा सकने वाली मौतों को समाप्त करना
3. संचारी रोगों से लड़ना
4. गैर-संचारी रोगों से मृत्यु दर में कमी सुनिश्चित करना और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना
5. मादक द्रव्यों के सेवन को रोकना और उपचार करना
6. सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करना
7. यौन और प्रजनन देखभाल, परिवार नियोजन और शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना
8. यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्राप्त करना
9. खतरनाक रसायनों और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना
SDG-3 लक्ष्य प्राप्त करने के चार साधन हैं:
10. तंबाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ फ्रेमवर्क कन्वेंशन को लागू करना
11. किफायती टीकों और दवाओं तक अनुसंधान, विकास और सार्वभौमिक पहुंच का समर्थन
12. विकासशील देशों में हेल्थ फंडिंग में वृद्धि और स्वास्थ्य कार्यबल का समर्थन
13. वैश्विक स्वास्थ्य जोखिमों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणाली में सुधार करना
SDG-3 का उद्देश्य यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज प्राप्त करना है, जो सभी पुरुषों और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की समान पहुंच की मांग करता है. यह नवजातों, शिशुओं और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों (बाल मृत्यु दर) की रोकथाम योग्य मृत्यु को समाप्त करने और महामारी को समाप्त करने का प्रस्ताव करता है.
सतत विकास और 2030 एजेंडा के लिए अच्छा स्वास्थ्य आवश्यक है. यह व्यापक आर्थिक और सामाजिक असमानताओं, शहरीकरण, जलवायु संकट, एचआईवी और अन्य संक्रामक रोगों के निरंतर बोझ पर ध्यान केंद्रित करता है, गैर-संचारी रोगों जैसी उभरती चुनौतियों को नहीं भूलता. कोविड-19 की वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए, वैश्विक स्तर पर अच्छे स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण ध्यान देने की आवश्यकता है.
हर दो सेकेंड में 30 से 70 साल के 1 शख्स की मौत
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की रिपोर्ट के अनुसार, 30 से 70 साल की उम्र का कोई ना कोई इंसान हर 2 सेकेंड पर गैर-संचारी बीमारियों (Non-Communicable Desease) से मर जाता है.
आंकड़ों के अनुसार, साल 2020 में 5 साल से कम उम्र के 50 लाख बच्चों की मौत हो गई थी. इसमें अधिकतर मौतें ऐसी बीमारियों की वजह से हुईं जिन्हें रोका जा सकता था और जिनका इलाज हो सकता था. वहीं, करीब आधी यानी 24 लाख मौतें नवजात बच्चों की हुईं और उनकी मौत पैदा होने के 28 दिनों में ही हो गई.
1990 के बाद से बाल मृत्यु दर को कम करने में पर्याप्त वैश्विक प्रगति हुई है. दुनियाभर में 5 साल से कम उम्र की मौतों की कुल संख्या 1990 में 1.26 करोड़ से घटकर 2020 में 50 लाख रह गई है.
1990 के बाद से, दुनियाभर में 5 साल कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में 60 फीसदी की गिरावट आई है. साल 1990 में जहां पैदा होने वाले प्रति 1000 बच्चों पर 93 मौतें होती थीं तो वहीं 2020 में यह संख्या 37 तक आ गई है. यह 1990 में 5 वर्ष की आयु तक पहुंचने से पहले 11 में से 1 बच्चे की मौत हो जाती थी, जबकि 2020 में 27 में से 1 बच्चे की मौत हो रही है.
भारत में 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में आई कमी
नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) सांख्यिकीय रिपोर्ट 2020 के अनुसार, भारत में 5 वर्ष से कम आयु में मृत्यु दर 2019 में प्रति 1,000 जीवित शिशुओं में से 35 के मुकाबले 2020 में घटकर 32 रह गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा है कि देश 2030 तक SDG प्राप्त करने की दिशा में है.
रिपोर्ट के अनुसार छह राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, केरल (4), दिल्ली (9), तमिलनाडु (9), महाराष्ट्र (11), जम्मू और कश्मीर (12) और पंजाब (12) ने पहले ही नवजात मृत्यु दर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है.
रिपोर्ट के अनुसार ग्यारह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (UT) - केरल (8), तमिलनाडु (13), दिल्ली (14), महाराष्ट्र (18), जम्मू कश्मीर (17), कर्नाटक (21), पंजाब (22), पश्चिम बंगाल (22), तेलंगाना (23), गुजरात (24), और हिमाचल प्रदेश (24) पहले ही यू5एमआर के एसडीजी लक्ष्य को प्राप्त कर चुके हैं.
Edited by Vishal Jaiswal