भारत को स्विस बैंक में खाता रखने वाले भारतीयों की चौथी लिस्ट मिली
अधिकारियों ने गोपनीयता क्लॉज और आगे की जांच पर असर पड़ने की संभावना का हवाला देते हुए आंकड़ों के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इन आंकड़ों का संदिग्ध टैक्स चोौरी, मनी लॉन्ड्रिंग, और टेरर फंडिंग जैसे गलत कामों का पर्दाफाश करने के लिए किया जाएगा
भारत को कालाधन वापस लाने के मोर्चे पर एक और सफलता मिली है. स्विस बैंक में अकाउंट रखने वाले सैकड़ों भारतीयों और ऑर्गनाइजेशंस की चौथी लिस्ट भारत को सौंप दी गई है. भारत को यह लिस्ट एनुअल ऑटोमैटिक इंफॉर्मेशन एक्सचेंज के तहत मिली है. इस प्रोग्राम के तहत स्विट्जरलैंड अब तक 101 देशों के करीबन 34 लाख फाइनैंशल अकाउंट्स की जानकारी साझा कर चुका है.
हालिया लिस्ट में जो नाम दिए गए हैं उनमें सैंकड़ों भारतीयों और ऑर्गनाइजेशंस के नाम हैं. कई मामलों में तो एक ही शख्स, कॉरपोरेट्स और ट्रस्ट्स, अधिकारियों के नाम पर कई खाते हैं.
अधिकारियों ने गोपनीयता क्लॉज और आगे की जांच पर असर पड़ने की संभावना का हवाला देते हुए आंकड़ों के बारे में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इन आंकड़ों का संदिग्ध टैक्स चोौरी, मनी लॉन्ड्रिंग, और टेरर फंडिंग जैसे गलत कामों का पर्दाफाश करने के लिए किया जाएगा.
स्विस फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने एक बयान में कहा, इस साल एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन पैक्ट के तहत आने वाले देशों की सूची में 5 नए नाम जुड़े हैं. ये हैं अल्बानिया, ब्रुनेई दारुसलम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की. इसके अलावा पिछले साल के आंकड़ों के मुकाबले स्विस बैंक में खाता रखने वालों की संख्या करीबन 1 लाख बढ़ी है.
स्विट्जरलैंड का टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन इस पैक्ट के तहत 74 देशों ने आपस में जानकारी साझा करने का वादा किया था. जिनमें से स्विट्जरलैंड को सभी देशों से फाइनैंशल अकाउंट्स की जानकारी तो मिल गई है मगर 27 देशों को उसने अपने यहां के अकाउंट होल्डर्स की जानकारी नहीं दी है. इसके पीछे वजह बताई गई है कि या दतो ये देश गोपनीयता और डेटा सिक्योरिटी के मोर्चे पर अंतरराष्ट्रीय अनिवार्यता का पालन नहीं करते या फिर उन्होंने खुद से डेटा नहीं प्राप्त करने का फैसला किया है.
FTA ने 101 देशों के नाम और अन्य जानकारी तो नहीं दी मगर अधिकारियों ने बताया कि चौथी लिस्ट में भारतीयों की संख्या काफी अधिक है. स्विट्जरलैंड की तरफ से चौथी लिस्ट पिछले महीने जारी की गई थी. जबकि अकाउंट होल्डर्स की अगली लिस्ट सितंबर 2023 में साझा की जाएगी. इंडियो को AEOI के तहत पहली लिस्ट सितंबर 2019 में मिली थी.
लिस्ट अकाउंट होल्डर के डिपॉजिट, ट्रांसफर, इनवेस्टमेंट्स इन सिक्योरिटी और अन्य असेट से होने वाली कमाई का भी ब्यौरा देती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत को मिले डेटा से बेहिसाब संपत्ति रखने वालों के खिलाफ मजबूत केस बनाने में मदद मिलेगी. इस लिस्ट में ज्यादातर नाम NRI समेत अन्य बिजनेसमैन के नाम बताए जा रहे हैं. इस जानकारी के आधार पर टैक्स अधिकारी ये तय कर पाएंगे कि टैक्सपेयर्स ने इन खातों की जानकारी टैक्स रिटर्न में भरी है या नहीं है.
Edited by Upasana