तेजी से हायरिंग कर रहीं भारतीय कंपनियां, SMBs और MSMEs ने 70 फीसदी जॉब्स मुहैया कराईं
देश की लीडिंग जॉब्स और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म Apna ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि साल 2021 की दूसरी तिमाही की तुलना में करीब 13 फीसदी स्मॉल-मीडियम बिजनेसेस (SMB’s) ने साल 2022 की दूसरी तिमाही में उनका प्लेटफॉर्म ज्वाइन किया है. यही नहीं, SME’s और MSME’s ने इसी अवधि में उनके प्लेटफॉर्म पर 70
एक ऐसे समय में जब आर्थिक मंदी की आशंकाओं के चलते अमेरिका स्थित सिलिकॉल वैली की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियां हायरिंग प्रॉसेस को धीमा करने के साथ खर्चों में कटौती कर रही हैं तब भारतीय कंपनियां डिमांड-सप्लाई में अचानक आए अंतर को कम करने के लिए विभिन्न जॉब रोल्स के लिए तेजी से हायरिंग कर रही हैं.
देश की लीडिंग जॉब्स और प्रोफेशनल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म
ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि साल 2021 की दूसरी तिमाही की तुलना में करीब 13 फीसदी स्मॉल-मीडियम बिजनेसेस (SMB’s) ने साल 2022 की दूसरी तिमाही में उनका प्लेटफॉर्म ज्वाइन किया है. यही नहीं, SME’s और MSME’s ने इसी अवधि में उनके प्लेटफॉर्म पर 70 फीसदी से अधिक हाइपरलोकल जॉब्स मुहैया कराए हैं.अपना ने मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी, एविएशन, ब्यूटी और वेलनेस में जॉब्स देने वाली कंपनियों में भी वृद्धि दर्ज की.
अपना द्वारा साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, देशभर की कंपनियां अन्य भूमिकाओं के साथ टेलीकॉलर्स, बीपीओ एक्जीक्यूटिव, कंप्यूटर डेटा एंट्री ऑपरेटर, बैक ऑफिस स्टाफ, डिलीवरी पार्टनर, सेल्स एक्जीक्यूटिव, अकाउंट्स और फाइनेंस एक्जीक्यूटिव जैसी भूमिकाओं के लिए हायरिंग कर रही हैं.
पिछले तीन महीने में अपना पर रजिस्टर होने वाली अधिकतर नई कंपनियां दिल्ली-एनसीआर, बेंगलुरु, मुंबई, पुणे, कोलकाता, हैदराबाद और अहमदाबाद जैसे शहरों से हैं. वहीं, 32 फीसदी नई कंपनियां भुवनेश्वर, वडोदरा और कटक जैसे टियर-2 शहरों से हैं.
उत्तर भारत की कंपनियां टेलीकॉलर्स, फील्ड सेल्स, डिलीवरी ब्वाय और फाइनेंस के लिए हायरिंग कर रही हैं जबकि दक्षिण और पूर्वी भारत की कंपनियां बिजनेस डेवलपमेंट, कूक मार्केटिंग और रिटेल/काउंटर सेल्स के लिए के लिए हायरिंग कर रही हैं.
हाइब्रिड वर्क सेटअप को मिल रहा बढ़ावा
वहीं, कोविड-19 महामारी के बाद 8 फीसदी से अधिक कंपनियों ने पिछली तिमाही में कुछ जॉब रोल्स के लिए अपने कर्मचारियों को स्थायी तौर पर वर्क फ्रॉम होम का विकल्प दे दिया है. वहीं, कई कंपनियों ने हाइब्रिड वर्क सेटअप में वर्क फ्रॉम होम या ऑफिस में चुनने की आजादी दे रही हैं.
इंडस्ट्री रिपोर्ट्स बताती हैं कि वर्कफोर्स 2019-20 में 68 लाख से बढ़कर 2029-30 तक लगभग 2.35 करोड़ होने की संभावना है.
रिपोर्ट से पता चला है कि कंपनियां 12वीं पास की एजुकेशनल क्वालीफिकेशन वाले प्रोफेशनल्स के साथ-साथ नौकरी की भूमिकाओं के लिए फ्रेशर्स को भी काम पर रखने के इच्छुक थे.
पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 12वीं पास से नौकरी के आवेदनों में 1.3 गुना और फ्रेशर्स के आवेदनों में 2 गुना वृद्धि हुई थी.
इस ग्रोथ पर टिप्पणी करते हुए, अपना के चीफ बिजनेस ऑफिसर मानस सिंह ने कहा कि भारतीय जॉब मार्केट अब डिमांड-सप्लाई के अंतर को कम करने की दिशा में काम कर रहा है, जिसके कारण हायरिंग में वृद्धि हुई है. हम
, , , , Speeder, Tekpillar Services Pvt. Ltd. आदि सहित देशभर में 3,00,000 से अधिक संगठनों के विश्वसनीय पार्टनर हैं.अपना द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, केवल पिछली तिमाही में, विभिन्न जॉब रोल्स के लिए 2.9 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए थे.
अपना ऐप 11 भाषाओं में सेवाएं प्रदान करता है. पिछली तिमाही में, जबकि अधिकांश उपयोगकर्ताओं ने अंग्रेजी को प्राथमिकता दी, 17 प्रतिशत से अधिक उपयोगकर्ताओं ने हिंदी को पसंद किया. इसके बाद तेलुगु, तमिल, बंगाली, मराठी और गुजराती भाषाओं के लोग थे.