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भारत को चाहिए ईमानदारी की संस्कृति न कि पक्षपात: Infosys के नारायण मूर्ति

मूर्ति ने कहा कि देश में लोगों का एक छोटा वर्ग कड़ी मेहनत करता है और अधिकांश लोगों ने उस संस्कृति को नहीं अपनाया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है.

भारत को चाहिए ईमानदारी की संस्कृति न कि पक्षपात: Infosys के नारायण मूर्ति

Friday February 24, 2023 , 3 min Read

देश की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एन आर नारायण मूर्ति (Infosys co-founder N R Narayana Murthy) ने गुरुवार को कहा कि भारत को एक देश के रूप में समृद्ध होने के लिए ईमानदारी, बिना पक्षपात, तेजी से निर्णय लेने और परेशानी मुक्त लेनदेन की संस्कृति की आवश्यकता है.

वह विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) द्वारा आयोजित एशिया आर्थिक संवाद (Asia Economic Dialogue) में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि देश में लोगों का एक छोटा वर्ग कड़ी मेहनत करता है और अधिकांश लोगों ने उस संस्कृति को नहीं अपनाया है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है.

नारायण मूर्ति ने कहा, "हमें तेजी से निर्णय लेने, तेज कार्यान्वयन, परेशानी रहित लेन-देन, लेन-देन में ईमानदारी, कोई पक्षपात नहीं करने की संस्कृति बनाने की आवश्यकता है."

उन्होंने कहा कि सभी विकसित देशों को जोड़ने वाला एकमात्र सामान्य पहलू ऐसी सांस्कृतिक विशेषताएं हैं.

उन्होंने कहा कि 1940 के दशक के अंत में भारत और चीन दोनों एक ही आकार के थे, लेकिन चीन ने जिस संस्कृति को आत्मसात किया है, उसके कारण यह भारत के आकार का छह गुना हो गया है.

मूर्ति ने कहा, "भारत का एक छोटा वर्ग है जो कड़ी मेहनत करता है, जो ईमानदार है, जिसके पास अच्छी कार्य नीति, अनुशासन है, कुल मिलाकर यह प्रमुख प्रकृति नहीं है."

उन्होंने एक घटना को याद करते हुए कहा कि 2006 में शंघाई में एक सुविधा स्थापित करते समय, शंघाई के मेयर ने उनके द्वारा चुने जाने के बाद एक दिन में 25 एकड़ जमीन आवंटित की थी और भारत में आंदोलन की ऐसी गति का अभाव है.

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार निचले स्तर पर मौजूद है और कहा कि उच्च स्तर वाले बहुत ईमानदार हैं.

"यदि हम चाहते हैं कि व्यवसायी केवल भारत में ही रहें और सब कुछ भारत में करें, तो मुझे लगता है कि उन्हें ऐसा करने में बहुत खुशी होगी. हम सभी सम्मानपूर्वक अनुरोध कर रहे हैं कि तेजी से निर्णय लिए जाएं, उन्हें शीघ्रता से लागू किया जाए और उन्हें कोई उत्पीड़न न हो, कोई अनावश्यक बाधा न हो," उन्होंने कहा.

उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को मूनलाइटिंग या वर्क फ्रॉम होम करने की जिद जैसी प्रथाओं में शामिल नहीं होना चाहिए, उन्होंने कहा कि नैतिकता और आलस्य पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, "युवाओं के लिए मेरी विनम्र विनती है कि कृपया इस जाल में न पड़ें कि मैं मूनलाइटिंग करूंगा, मैं घर से काम करूंगा, मैं सप्ताह में तीन दिन ऑफिस आऊंगा."