भारत की पनामा में भारतीय कंपनियों के लिए लॉजिस्टिक सेंटर खोलने की योजना: एस जयशंकर
विदेश मंत्री ने कहा, "भारत और लैटिन अमेरिका के बीच लगभग 50 अरब डॉलर का व्यापार बहुत विविधतापूर्ण है. खनन, ऊर्जा, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि से इसे और बढ़ावा मिलेगा."
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत, पनामा में भारतीय कंपनियों के लिए लॉजिस्टिक सेंटर खोलने पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का लैटिन अमेरिका के साथ व्यापार बढ़ रहा है और यह अब 50 अरब डॉलर के पास पहुंचने वाला है. विदेश मंत्री सोमवार को पनामा पहुंचे. यहां से पहले वह गुयाना के दौरे पर थे. उन्होंने पनामा के राष्ट्रपति नितो कॉर्टिजो से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बधाई दी.
कॉर्टिजो ने कहा, बैठक के दौरान उन्होंने पनामा के लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण, प्रभावी और सस्ती दवाएं प्राप्त करने के लिए भारतीय दवा उद्योग के साथ गठबंधन करने की इच्छा के बारे में बात की. उन्होंने ट्वीट में कहा, "हमारे बीच पनामा के लोगों के लिए गुणवत्ता वाली, सस्ती और प्रभावी दवाओं के लिए भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग के साथ गठजोड़ पर चर्चा हुई."
जयशंकर ने पनामा के विदेश मंत्री जनैना तेवने मेंकोमो से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तौर-तरीकों पर चर्चा की. बाद में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत की. उन्होंने कहा कि नया भारत और नया पनामा समकालीन युग में मिलकर काम करेंगे. पनामा ने खुद को लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख लॉजिस्टिक केंद्र के रूप में स्थापित किया है.
उन्होंने कहा कि भारत और लैटिन अमेरिका के बीच लगभग 50 अरब डॉलर का व्यापार बहुत विविधतापूर्ण है. खनन, ऊर्जा, कृषि और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि से इसे और बढ़ावा मिलेगा.
विदेश मंत्री ने कहा कि पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, दुनिया भर में भारत की उपस्थिति तेजी से बढ़ रही है, देश के भीतर विनिर्माण, बुनियादी ढांचे, नवाचार और स्टार्ट-अप संस्कृति में परिवर्तन परिवर्तनकारी है. जयशंकर ने कहा कि 100 देशों को टीके और 150 देशों को दवाइयां मुहैया कराकर भारत को 'दुनिया की फार्मेसी' बताने का सभी ने स्वागत किया है.
उन्होंने कहा कि भारत में लंबे समय से प्रतीक्षित सुधारों से रिकॉर्ड भारतीय निर्यात हुआ है, भले ही उन्होंने एक आकर्षक बाजार के रूप में लैटिन अमेरिका की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत में एक मजबूत डिजिटल बैकबोन सार्वजनिक वस्तुओं और व्यापार के उपकरणों के वितरण की अनुमति देता है. प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव्स के जरिए मैन्युफैक्चरिंग पिकअप और वेंडर चेन और एमएसएमई को सपोर्ट. जयशंकर ने कहा कि भारतीय उत्पाद लैटिन अमेरिकी मध्यम वर्ग के लिए स्वाभाविक रूप से उपयुक्त हैं.
Edited by रविकांत पारीक