भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने को तैयार: S&P Global
फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन सर्विस फर्म ने कहा कि इस अवधि में अर्थव्यवस्था दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 7.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जो 2022 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर थी. भारत वर्तमान में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो 2020 में यूके से आगे निकल गया है.
S&P Global Market Intelligence के अनुसार, तेज डिजिटल परिवर्तन और तेजी से बढ़ते मध्यम वर्ग से भारत के विकास को गति मिलने की उम्मीद है, जिससे 2030 तक इसकी अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगी. इससे वह जर्मनी और जापान को पछाड़कर केवल अमेरिका और चीन से पीछे रह जाएगा.
फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन सर्विस फर्म ने कहा कि इस अवधि में अर्थव्यवस्था दोगुनी से भी अधिक बढ़कर 7.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी, जो 2022 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर थी.
भारत वर्तमान में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो 2020 में यूके से आगे निकल गया है.
S&P Global Market Intelligence के मुख्य अर्थशास्त्री (एशिया प्रशांत) राजीव बिस्वास ने इस सप्ताह की शुरुआत में जारी एक रिपोर्ट में कहा, "भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक बात इसका बड़ा और तेजी से बढ़ता मध्यम वर्ग है, जो उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में मदद कर रहा है. भारत में चल रहे डिजिटल परिवर्तन से ईकॉमर्स के विकास में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे अगले दशक में खुदरा उपभोक्ता बाजार का परिदृश्य बदल जाएगा."
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष को उम्मीद है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2026 में जर्मनी और 2027 में जापान से अधिक हो जाएगी और 2028 में 6 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी.
सरकार के पूंजीगत व्यय विस्तार और घरेलू मांग से बल पाकर भारत ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 7.8% की वृद्धि दर्ज की.
S&P Global Market Intelligence का अनुमान है कि भारत चालू वित्त वर्ष में 6.6% की वृद्धि दर्ज करेगा, अगले तीन वित्तीय वर्षों में 6.3% की औसत वृद्धि होगी. बिस्वास ने कहा, "निकट अवधि का आर्थिक दृष्टिकोण 2023 के शेष भाग के दौरान और 2024 के लिए निरंतर तीव्र विस्तार का है, जो घरेलू मांग में मजबूत वृद्धि पर आधारित है."
इसमें कहा गया है कि फर्म द्वारा किए गए औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) और क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) सर्वे जैसे उच्च आवृत्ति संकेतक विकास की गति जारी रहने का संकेत देते हैं.
इस महीने की शुरुआत में जारी आंकड़ों से पता चला कि अगस्त में IIP में 10.3% की वृद्धि हुई, जो 14 महीनों में सबसे अधिक है. PMI डेटा ने सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के बीच मजबूत आशावाद की ओर इशारा किया. सितंबर में सेवा आशावाद नौ वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर था. 2023 की शुरुआत के बाद से मैन्युफैक्चरिंग लैंडस्केप में सबसे बेहतर सुधार हुआ है.
बिस्वास ने मुद्रास्फीति के दबाव में कमी की ओर भी इशारा किया. सितंबर में भारत की मुद्रास्फीति घटकर 5% हो गई, जो पिछले महीने में 6.8% थी.
S&P ने कहा कि भारत की जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल उसे 2030 तक एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में मदद करेगी. फर्म ने आगे कहा, "पिछले एक दशक में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह में तेजी, अनुकूल दीर्घकालिक विकास दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसे युवा जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल और तेजी से बढ़ती शहरी घरेलू आय द्वारा मदद मिली है."
वित्त वर्ष 2023 में भारत का शुद्ध $71 बिलियन एफडीआई प्रवाह वित्त वर्ष 2004 के 4 बिलियन डॉलर से लगभग 18 गुना अधिक था.
बिस्वास ने कहा, "भारत के मजबूत एफडीआई प्रवाह को Google और Facebook जैसी ग्लोबल टेक मल्टीनेशनल कंपनियों के बड़े निवेश से बढ़ावा मिला है, जो भारत के बड़े, तेजी से बढ़ते घरेलू उपभोक्ता बाजार की ओर आकर्षित हैं, साथ ही मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से एफडीआई प्रवाह में मजबूत उछाल आया है."
उन्होंने कहा कि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 2020 में 500 मिलियन से 2030 में लगभग दोगुनी होकर 1.1 बिलियन हो जाने से यूनिकॉर्न बनाने में मदद मिलेगी, जो बदले में मल्टीनेशनल कंपनियों से निवेश आकर्षित करेगी.
'सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था' का टैग भारत को मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बना देगा, जिसमें "ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स और कैमिकल जैसी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज के साथ-साथ बैंकिंग, इंश्योरेंस, असेट् मैनेजमेंट, हेल्थकेयर और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसी सर्विस इंडस्ट्रीज" में निवेश होगा.