चीन समेत विदेशी इकाईयों के 200 से ज्यादा सट्टेबाजी, जुए और कर्ज देने वाले ऐप्स फौरन बैन कर रहा भारत
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक तत्काल रूप से आपातकालीन आधार पर 138 सट्टेबाजी वाले चीनी एप्स और 94 लोन देने वाले चीनी एप्स को बैन और ब्लॉक करना शुरू कर दिया गया है.
भारत सरकार ने विदेशी इकाईयों के मालिकाना हक से चलाए जा रहे 200 से ज्यादा ऐप्स को बैन करने का फैसला किया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक तत्काल रूप से आपातकालीन आधार पर 138 सट्टेबाजी वाले चीनी एप्स और 94 लोन देने वाले चीनी एप्स को बैन और ब्लॉक करना शुरू कर दिया गया है.
गृह मंत्रालय की ओर से इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को ये सुझाव दिया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने यह कदम ये पुष्टि करने के बाद उठाया है कि ये सभी चीनी ऐप आईटी एक्ट की धारा 69 का उल्लंघन कर रहे थे.
इनमें ऐसी सामग्री है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा है. कई लोगों ने शिकायत की थी कि उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, 'सट्टेबाजी, जुए और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े 138 ऐप्स को बैन करने का आदेश शनिवार को आया था.
वहीं एक अलग आदेश में अनाधिकृत तरीके से कर्ज बांटने वाले 94 ऐप्स को बैन करने का भी फरमान जारी किया गया. इन ऐप्स को चीन समेत कई विदेशी इकाईयों के जरिए चलाया जा रहा था.'
हालांकि जिन ऐप्स को बैन किया गया है उनके नाम नहीं बताए गए हैं. जिन कर्ज देने वाले ऐप्स को बैन किया गया है उनके खिलाफ आम लोगों ने जबरन वसूली की शिकायत भी की थी. इन चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई का ये भी एक कारण है.
जानकारी के मुताबिक, बैन किए गए इन ऐप्स की चाइनीज इकाईयां चला रही थीं. इन एप्स का डायरेक्टर भारतीयों को बनाया गया था.
आर्थिक रूप से तंग लोगों को ये ऐप कर्ज के जाल में फंसाते थे और फिर कर्ज के ब्याज को 3,000 फीसदी तक बढ़ा दिया जाता था. इतना ही वसूली के लिए भड़काऊ मैसेज और उनकी एडिटेड फोटो को शेयर करने की धमकी देते थे.
खासतौर पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सुसाइड की खबरों के बाद इस तरह के मामलों पर सरकार की नजर गई. तेलंगाना, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों के साथ सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.
गौरतलब है कि इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय ने करीब 6 महीने पहले लोन देने वाली 28 चीनी ऐप का विश्लेषण करना शुरू किया था. फिर सामने आया कि 94 ऐसे ऐप हैं जो लोन देते हैं. इनमें से कुछ ऐप ई-स्टोर्स पर उपलब्ध थे और कुछ थर्ड पार्टी लिंक के जरिए काम करते थे.
Edited by Upasana