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भारतीय नौसेना की महिला एयरक्रू ने रचा इतिहास, आज से पहले कभी नहीं हुआ था ऐसा

भारतीय नौसेना की महिला एयरक्रू ने रचा इतिहास, आज से पहले कभी नहीं हुआ था ऐसा

Friday August 05, 2022 , 3 min Read

भारत की नारी शक्ति (Nari Shakti) अब हर सेक्टर में अपने कारनामों से सफलता की नई ईबारत लिख रही है. महिलाएं अब आर्मी, एयरफोर्स और नेवी में अपने अदम्य साहस और हौसले का परिचय देते हुए आने वाली पीढ़ी को प्रेरित कर रही है.

हाल ही में नेवल एयर एन्क्लेव, पोरबंदर (Naval Air Enclave, Porbandar) में स्थित भारतीय नौसेना (Indian Navy) के आईएनएएस 314 (INAS 314) की पांच अधिकारियों ने 3 अगस्त, 2022 को डोर्नियर 228 विमान (Dornier 228 aircraft) पर सवार होकर उत्तरी अरब सागर (North Arabian Sea) में पहला सर्व-महिला स्वतंत्र समुद्री टोही और निगरानी मिशन (all-women independent maritime reconnaissance and surveillance mission) पूरा कर इतिहास रच दिया है.

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फोटो साभार: PIB

विमान की कप्तानी मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा ने की. उनकी टीम में पायलट, लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते और सामरिक तथा सेंसर अधिकारी, लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और एसएलटी पूजा शेखावत थीं. आईएनएएस 314 पोरबंदर, गुजरात में स्थित एक फ्रंटलाइन नेवल एयर स्क्वाड्रन है और यह अत्याधुनिक डोर्नियर 228 समुद्री टोही विमान संचालित करता है. स्क्वाड्रन की कमान एक योग्य नेविगेशन प्रशिक्षक कमांडर एस के गोयल संभाल रहे हैं.

इस ऐतिहासिक उड़ान से पहले महिला अधिकारियों को महीनों का जमीनी प्रशिक्षण और व्यापक मिशन ब्रीफिंग दी गई.

सशस्त्र बलों में परिवर्तन लाने में भारतीय नौसेना सबसे आगे रही है. यह प्रभावी और अग्रणी महिला सशक्तिकरण पहल है, जिसके तहत महिला पायलटों को शामिल करना, हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में महिला वायु संचालन अधिकारियों का चयन करना शामिल है और इसने 2018 में दुनिया भर में एक अखिल महिला नौकायन अभियान का संचालन किया.

हालांकि अपनी तरह का यह पहला सैन्य उड़ान मिशन अनूठा था और इससे विमानन क्षेत्र में महिला अधिकारियों को अधिक जिम्मेदारी और अधिक चुनौतीपूर्ण भूमिका दिए जाने का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है. यह शायद सशस्त्र बलों के लिए एक अनूठी उपलब्धि का प्रतीक है कि केवल महिला अधिकारियों के एक दल ने एक बहु-चालक समुद्री निगरानी विमान में एक स्वतंत्र परिचालन मिशन को अंजाम दिया.

इन अधिकारियों को सफलतापूर्वक यह मिशन पूरा करने और इसके परिणामस्वरूप भारत और दुनिया भर में लाखों महिलाओं को सभी बंधनों से मुक्त होकर अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा देने के लिए बहुत-बहुत बधाई. यह वास्तव में एक ऐसा मिशन था, जिसने "नारी शक्ति" का प्रदर्शन किया.

गौरतलब हो कि अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) में महिलाओं को नौसैनिक (Indian Navy) बनने का मौका भी दिया जाएगा. अभी तक नौसेना में महिलाएं सिर्फ अधिकारी-वर्ग में ही चुनी जा सकती हैं. अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) के रजिस्ट्रेशन में अग्निवीर (Agniveer) बनने के लिए महिलाओं के लिए 80 हजार से ज्यादा आवेदन आए हैं. नौसेना में अग्निवीर के पहले बैच में 3000 रिक्तियां हैं जिसमें से 20 प्रतिशत महिलाओ के लिए आरक्षित है.

आपको बता दें कि भारतीय नौसेना सशस्त्र सेनाओं को महिलाओं के लिए अनुकूल परिवर्तन लाने में अग्रणीय है. नौसेना में महिलाओ को पायलट, हेलीकॉप्टर विंग में वूमेन एयर ऑपरेशन्स ऑफिसर और पृथ्वी का चक्कर काटने के लिए ऑल-वूमेन सेलिंग टीम शामिल है.