भारतीयों ने 6G टेक्नोलॉजी के लिए हासिल किए 100 पेटेंट: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
आईटी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव (IT and Telecom Minister Ashwini Vaishnaw) ने गुरुवार को कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और शिक्षाविदों ने 6G टेक्नोलॉजी के लिए 100 पेटेंट हासिल कर लिए हैं. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित भारत स्टार्टअप समिट (Bharat Startup Summit) में बोलते हुए मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेज नेटवर्क के साथ 5G टेक्नोलॉजी में छलांग लगा रहा है.
वैष्णव ने कहा, "इलेक्ट्रॉनिक्स बहुत जटिल है, लेकिन जटिलता के बावजूद, हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और शिक्षाविदों ने मिलकर 6G में 100 पेटेंट हासिल किए हैं."
मंत्री ने साझा किया कि 31 मार्च, 2023 तक 200 शहरों में 5G नेटवर्क रोलआउट करने का लक्ष्य था है, जिसे पार करके वर्तमान में 397 शहरों में इसे रोलआउट कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि भारत 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का हो गया है, और यह शासन, बुनियादी ढांचे और व्यवसायों में परिवर्तन के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
वैष्णव ने कहा, "जब किसी देश या अर्थव्यवस्था को इस स्तर पर पहुंचना है तो हजारों व्यवस्थाओं को बदलने की जरूरत है. गवर्नेंस सिस्टम, लॉजिस्टिक्स सिस्टम, बैंकिंग सिस्टम और खुद की बिजनेस पद्धति में बदलाव. यह वह समय है जब सभी को इस परिवर्तन यात्रा पर लग जाना चाहिए. अगर हम यह परिवर्तन करने में सक्षम हैं तो ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने से रोक सके."
मंत्री ने कहा कि 10 साल पहले 99 फीसदी मोबाइल फोन इंपोर्ट किए जाते थे और अब भारत में इस्तेमाल होने वाली 99 फीसदी इकाइयां स्थानीय स्तर पर बनाई जाती हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने अमेरिका को टेलीकॉम प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट शुरू कर दिया है.
वैष्णव ने कहा, "पिछले 7-8 महीनों में भारत से रेडियो उपकरणों का निर्यात शुरू हुआ है और वह भी अमेरिका को."
वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कंपनियों से महिलाओं के नेतृत्व को प्रोत्साहित करने और समुद्री अर्थव्यवस्था के आसपास कारोबार तलाशने के अवसरों को देखने को कहा.
उन्होंने कहा, "अगले 3-4 सालों में, हमारे पास महासागर स्टार्टअप होंगे. हमारे पास 7,500 लंबी तटीय बेल्टें हैं, जो किसी भी अन्य देश की तुलना में लंबी हैं."
सिंह ने कहा कि भारतीय प्रायद्वीप में जमीन के ऊपर उपलब्ध खनिजों की तुलना में समुद्र में अधिक खनिज हैं.
उन्होंने कहा, "खनिज, धातु, सजीव, निर्जीव संसाधनों में बहुत सारा धन पड़ा है. आप मत्स्य पालन और मछली के भोजन के विश्व निर्यातक बन जाएंगे."
मंत्री ने कहा कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और उन्हें सही दिशा देने की जरूरत है.