चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.5% की दर से बढ़ी देश की GDP
देश की अर्थव्यवस्था (india's economy) में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 13.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि (India's GDP grows at 13.5% in Q1) हुई है. यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे अधिक है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) से बुधवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. इससे पिछले वित्त वर्ष (2021-22) की अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (Gross domestic product - GDP) की वृद्धि दर 20.1 प्रतिशत रही थी. इस साल जनवरी से मार्च के बीच देश का आर्थिक विकास दर 4.1 फीसदी रहा था.
वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ₹ 36.85 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि 2021-22 की पहली तिमाही में यह ₹ 32.46 लाख करोड़ थी. पहली तिमाही में 2021-22 के 20.1 प्रतिशत की तुलना में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शायी गई है.
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नॉमिनल जीडीपी या जीडीपी 2021-22 की पहली तिमाही में ₹ 51.27 लाख करोड़ के मुकाबले ₹ 64.95 लाख करोड़ रहने का अनुमान है, यह 2021-22 की पहली तिमाही के 32.4 प्रतिशत की तुलना में 26.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट 4.8 फीसदी रहा है जबकि 2021-22 की पहली तिमाही में 49 फीसदी रहा था. कृषि क्षेत्र का विकास दर 2.2 फीसदी रहा है जबकि 2021-22 की पहली तिमाही में 4.5 फीसदी रहा था.
कंस्ट्रक्शन सेक्टर का ग्रोथ रेट 16.8 फीसदी रहा है जबकि 2021-22 की पहली तिमाही में 71.3 फीसदी रहा था. इसी तरह ट्रेड, होटल, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन और ब्रॉडकास्टिंग से जड़ी सेवाओं का ग्रोथ रेट 25.7 फीसदी रहा है जो 2021-22 की पहली तिमाही में 34.3 फीसदी रहा था. फाइनेंशियल, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सर्विसेज का ग्रोथ रेट 9.2 फीसदी रहा है जो बीते वर्ष की पहली तिमाही में 2.3 फीसदी रहा था.
कई विश्लेषकों ने तुलनात्मक आधार को देखते हुए देश की आर्थिक वृद्धि दर दहाई अंक में रहने का अनुमान जताया था.
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13 प्रतिशत जबकि भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में इसके 15.7 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी.
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में 2022-23 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर करीब 16.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.
वित्त सचिव टी वी सोमनाथन ने बुधवार को पहली तिमाही के GDP की वृद्धि दर के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था महामारी-पूर्व के स्तर के मुकाबले चार प्रतिशत ऊपर है.
उन्होंने आयात बढ़ने से राजकोषीय स्थिति पर दबाव पड़ने की चिंताओं को दूर करते हुए कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 6.4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए आश्वस्त है.
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि अगस्त में माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह 1.42-1.43 लाख करोड़ रुपये के दायरे में रहने की संभावना है. इससे अर्थव्यवस्था में तेजी का संकेत मिलता है.
उन्होंने कहा कि सकल स्थिर पूंजी निर्माण अप्रैल-जून में 34.7 प्रतिशत बढ़ा, जो 10 वर्षों में सबसे अधिक है.