भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2040 तक 40 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है: डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में 'विकसित भारत @2047' विषय के अंतर्गत चंद्रयान 3 पर 'कैंपस डायलॉग' में उद्घाटन करते हुए अध्यक्षीय भाषण दे रहे थे.
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सफल चंद्रयान-3 मिशन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के बाद कहा कि 'भारत की अंतरिक्ष यात्रा के लिए आकाश अब कोई सीमा नहीं है'
डॉ. जितेंद्र सिंह जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में 'विकसित भारत @2047' विषय के अंतर्गत चंद्रयान 3 पर 'कैंपस डायलॉग' में उद्घाटन करते हुए अध्यक्षीय भाषण दे रहे थे.
शिक्षाविदों और छात्रों के साथ बातचीत करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 8 अरब (बिलियन) डॉलर की होने के साथ अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की लंबी छलांग केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को अतीत के बंधनों से मुक्त करने के लिए लिए गए साहसी निर्णय के कारण संभव हो पाई है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2040 तक 40 अरब (बिलियन) डॉलर से अधिक हो जाने का अनुमान है और एडीएल (आर्थर डी लिटिल) रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2040 तक 100 अरब (बिलियन) डॉलर से अधिक बढ़ने की क्षमता रखती है, जो एक बड़ी छलांग होगी.
G20 शिखर सम्मेलन और चंद्रयान-3 मिशन के सफल आयोजन पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आज संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों के समकक्ष है, जिन्होंने हमसे दशकों पहले अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी. यह कहते हुए कि भारत ने पिछले नौ वर्षों में अपनी अंतरिक्ष यात्रा में लंबी छलांग लगाई है, मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक सहायक पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष स्टार्ट-अप्स की संख्या में तेजी से वृद्धि के साथ अंतरिक्ष क्षेत्र को सार्वजनिक निजी भागीदारी के लिए खोल दिया गया है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी शिक्षण केंद्र खोलने का मिशन शुरू किया है. इस संबंध में मंत्री ने जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय में स्थापित भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संस्थान (ISRO) शिक्षण केंद्र का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इसी तरह का एक केंद्र पूर्वोत्तर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), अगरतला में भी स्थापित किया गया है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) 2020 की मुख्य विशेषताओं को गिनाते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के युवा अब "अपनी आकांक्षाओं के बंधन में" नहीं हैं क्योंकि यह नीति अब उन्हें उनकी योग्यता, कौशल, रुचि और अन्य कारकों के आधार पर स्वतंत्र रूप से विषयों को चुनने या बदलने का अधिकार देती है.