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गुजरात यूनिवर्सिटी में अफगानी महिला को मिला गोल्ड मेडल, तालिबान को 'करारा जवाब'

गुजरात यूनिवर्सिटी में अफगानी महिला को मिला गोल्ड मेडल, तालिबान को 'करारा जवाब'

Tuesday March 07, 2023 , 3 min Read

अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत (Taliban leaders) ने महिलाओं के लिए हर मोर्चे पर पाबंदी लगा रखी है. यहां तक की उनकी पढ़ाई पर भी. लेकिन हाल ही में एक अफगानी महिला ने अपनी हुकूमत को करारा जवाब दिया है. और वह बाकी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनीं है. (Afghan woman receives MA gold)

इस सप्ताह के शुरू में वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (Veer Narmad South Gujarat University - VNSGU) में एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (MA Public Administration) में अपने काम के लिए स्वर्ण पदक (Gold medal) जीतने के बाद, अफगानी नागरिक रजिया मुरादी (Razia Muradi) ने अपने देश के तालिबानी नेताओं को करारा जवाब दिया है.

रजिया ने अपने दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि वह उन अफगान महिलाओं के लिए बोलती हैं जिन्हें अभी भी शिक्षा से वंचित रखा गया है. उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि वह तालिबान सरकार को यह दिखाना चाहती हैं कि मौका मिलने पर महिलाएं किसी भी विषय में सफल हो सकती हैं. ये तालिबान को मेरा जवाब है.

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दीक्षांत समारोह में रजिया को शारदा अम्बेलाल देसाई पुरस्कार (Sharda Ambelal Desai Award) से भी नवाजा गया.

रज़िया ने अप्रैल 2022 में अपना एमए पूरा किया और अब लोक प्रशासन में पीएचडी (PhD in public administration) कर रही हैं. भारत आने के बाद, उन्होंने कोविड लॉकडाउन के कारण अपनी पढ़ाई ऑनलाइन मोड में शुरू कर दी. पहले दो सेमेस्टर में उनकी अधिकांश कक्षाएं और परीक्षाएं ऑनलाइन आयोजित की गईं. उनको एमए में 8.60 का सीजीपीए मिला है, जो इस विषय में सर्वोच्च स्कोर है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relations - ICCR) ने लगभग 14,000 अफगान छात्रों को भारत में पढ़ाई करने (Afghan students to study in India) के लिए छात्रवृत्ति दी है. रजिया को ICCR द्वारा प्रायोजित भी किया गया था.

VNSGU में कार्यक्रम में नामांकन से पहले, मुरादी ने अफगानिस्तान में मानवीय सहायता कार्यकर्ता के रूप में काम किया. लेकिन, कोविड-19 महामारी के परिणामस्वरूप 2020 में फंडिंग कम होने के कारण, मुरादी के प्रयास मुश्किल में पड़ गए. मुरादी दो साल के एमए प्रोग्राम के लिए भारत आई थीं, लेकिन अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से वह इसे पूरा नहीं कर पाई थीं.

मुरादी ने टीओआई को बताया कि जहां वह अपनी उपलब्धियों से रोमांचित हैं और इस बात से नाखुश हैं कि वह तीन साल तक अपने परिवार को नहीं देख पाएंगी, स्वर्ण पदक प्राप्त करना मिश्रित भावनाएं लाता है.

उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई करने के लिए भी कहा और कहा कि हालात सामान्य होने पर वह अफगानिस्तान लौटना चाहेगी.

तालिबान ने इस्लामिक कानून की अपनी सख्त व्याख्या को व्यापक रूप से लागू किया है. तालिबान ने देश में महिलाओं के लिए औपचारिक शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया है.

रजिया मुरादी ने तालिबान सरकार पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि ये शर्मनाक है कि तालिबान ने लड़कियों और महिलाओं के शिक्षा प्राप्त करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने कहा कि भारत ने सरकार ने मुझे यह अवसर दिया, जिसके लिए मैं आभारी हूं. रजिया ने कहा, "मैं भारत के लोगों का भी धन्यवाद करती हूं."