राज्य में बीते बुधवार को शुरू में सिर्फ 10 जिलों में 24 घंटे के लिये इंटरनेट सेवा रोकी गई थी, गुरुवार को इसे पूरे प्रदेश में अगले 48 घंटों के लिये बढ़ा दिया गया।
सांकेतिक फोटो, साभार: Livemint
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में देश के पूर्वोतर राज्यों में हाहाकार मचा हुआ है। जगह-जगह बिल के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों को देखत हुए अब एहतियात के तौर पर सरकार ने असम में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। जानकारी के मताबिक असम के कुल 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने में सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से प्रदेश में सोमवार को अगले 24 घंटों के लिये इंटरनेट सेवा को और स्थगित रखने का फैसला किया गया। इंटरनेट सेवा बंद होने की यह जानकारी अधिकारियों ने साझा की है।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बीच राज्य में बीते बुधवार से ही इंटरनेट सेवाएं स्थगित है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं राजनीतिक मामले) संजय कृष्ण ने पीटीआई को बताया है कि
“समूचे असम में इंटरनेट सेवाएं मंगलवार तक स्थगित रहेंगी।”
उनके अनुसार, ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि,
“फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर और यू-ट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया माध्यमों के अफवाहों को फैलाने के लिये इस्तेमाल होने के साथ ही तस्वीरें, वीडियो और ऐसे टेक्स्ट के प्रसारित होने की आशंका है। इनसे आक्रोश भड़क सकता है और कानून-व्यवस्था के लिये गंभीर स्थिति बन सकती है।”
राज्य में बीते बुधवार को शुरू में सिर्फ 10 जिलों में 24 घंटे के लिये इंटरनेट सेवा रोकी गई थी, गुरुवार को इसे पूरे प्रदेश में अगले 48 घंटों के लिये बढ़ा दिया गया।
इससे पहले त्रिपुरा में भी विरोध के चलते 48 घंटे तक इंटरनेट पर बैन लगाया गया था। त्रिपुरा में बीते मंगलवार को ही एसएमएस और इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गई थी। इन दोनों राज्यों में प्रदर्शन किस स्तर पर हो रहे हैं, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां इंडियन आर्मी की तैनाती की गई है।
पूर्वोत्तर राज्यों के मूल निवासियों का मानना है कि इस बिल के आते ही वे अपने ही राज्य में अल्पसंख्यक बन जाएंगे और इस बिल से उनकी पहचान और आजीविका पर खतरा मंडराने लगेगा।
