टिकट बुकिंग के साथ IRCTC से पेमेंट करने की भी मिलेगी सुविधा, एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन की तैयारी
IRCTC के पास 10 करोड़ यूजर्स का बेस है. केवल पिछले फाइनेंशियल ईयर में इसके पास 8.2 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे जबकि इसी दौरान IRCTC 42.7 करोड़ टिकट बुक हुए.
देश के 10 करोड़ लोगों के डेटाबेस वाली इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करने के योग्य हो गई है. बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे की टिकट-बुकिंग शाखा ने कंपनी रजिस्ट्रार, एनसीटी, दिल्ली और हरियाणा से मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन के मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन के मेन ऑब्जेक्ट क्लॉज को बदलने और पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में काम करने के लिए एक नया क्लॉज शामिल करने के लिए मंजूरी मिल गई है.
शेयरधारकों द्वारा एक विशेष प्रस्ताव पारित करने पर, कंपनी की हाल ही में संपन्न एनुअल जरनल मीटिंग (एजीएम) में निर्णय लिया गया था. आईआरसीटीसी के पास वर्तमान में I-PAY नामक एक खुद पेमेंट गेटवे है, जो आईआरसीटीसी वेब और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से टिकट और पैकेज बुकिंग के लिए ट्रांजैक्शन का प्राइमरी तरीका है.
I-PAY, IRCTC वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर रेल, बस हवाई यात्रा और टूर पैकेज के टिकट बुकिंग के लिए पेमेंट को सक्षम बनाता है. इसका मतलब है कि IRCTC के पास पहले से ही यूजरबेस का एक डेटा है जो कि उसका ही पेमेंट गेटवे इस्तेमाल करना चाहेगा. वहीं, मर्चेंट्स के साथ टाइअप करने से IRCTC का दायरा और भी बढ़ सकता है.
आईआरसीटीसी की एनुअल जनरल मीटिंग नोटिस के अनुसार, एक पेमेंट एग्रीगेटर के रूप में यह देश और विदेश में सभी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक और वर्चुअल पेमेंट सिस्टम सर्विसेज, पेमेंट गेटवे और एग्रीगेटर सेवाओं, प्रीपेड और पोस्ट-पेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स के कारोबार को जारी रखेगा और पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स के ओपन, क्लोज्ड, सेमी क्लोज्ड सिस्टम सहित पेमेंट सिस्टम्स के विकास और डिजाइन को आगे बढ़ाएगा.
वहीं, IRCTC गेटवे बिल यूटिलिटी बिल्स, फीस और नगर पालिका टैक्स जैसी पेमेंट सर्विसेज मुहैया कराने के लिए एक बिल पेमेंट गेटवे के रूप में भी काम करेगा. यह भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के तहत काम करेगा.
पेमेंट एग्रीगेटर बनने के लिए नियम
बता दें कि, फिलहाल सभी नॉन-बैंकिंग पेमेंट एग्रीगेटर्स को पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम एक्ट, 2007 के तहत आरबीआई से मंजूरी की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही, आवेदक इकाई का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) पेमेंच एग्रीगेटर के रूप में ऑपरेशन की प्रस्तावित गतिविधि के तहत कवर होना चाहिए. हालांकि, अभी IRCTC को आवेदन देने और आरबीआई से मंजूरी मिलने में समय लग सकता है.
आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर्स के पास मार्च, 2021 तक 15 करोड़ रुपये का नेट वर्थ और मार्च, 2023 तक 25 करोड़ रुपये का नेट वर्थ होना चाहिए. इसके साथ ही उन्हें हमेशा ही 25 करोड़ रुपये की नेटवर्थ बरकरार रखनी होगी.
बता दें कि, फिलहाल, IRCTC के पास 10 करोड़ यूजर्स का बेस है. केवल पिछले फाइनेंशियल ईयर में इसके पास 8.2 करोड़ एक्टिव यूजर्स थे जबकि इसी दौरान IRCTC 42.7 करोड़ टिकट बुक हुए.
Edited by Vishal Jaiswal