क्‍या जॉब इंटरव्‍यू के दौरान महिला की उम्र पूछना सही है?

आयरलैंड की कंपनी को 1973 में बना अपने ही देश का कानून पता नहीं था. यह अज्ञान कंपनी को भारी पड़ गया.

क्‍या जॉब इंटरव्‍यू के दौरान महिला की उम्र पूछना सही है?

Monday August 22, 2022,

5 min Read

अगर आप किसी नौकरी के लिए इंटरव्‍यू देने जा रही हैं तो क्‍या उस इंटरव्‍यू में आपकी काबिलियत, योग्‍यता, काम के अनुभव, स्किल आदि के अलावा इस तरह के सवाल पूछे जाने चाहिए-

1. आपकी उम्र क्‍या है ?

2. क्‍या आपकी शादी हो चुकी है ?

3. आपके कितने बच्‍चे हैं ?

4. आप भविष्‍य में कब शादी करने वाली हैं ?

5. क्‍या आप भविष्‍य में बच्‍चा पैदा करेंगी ?

6. क्‍या आप प्रेग्‍नेंट हैं ?

ये सवाल पूछना सही है या गलत, इसे लेकर कई मत हो सकते हैं. फिलहाल कुछ देशों में तो कानूनन यह जुर्म है. ऐसे ही एक देश आयरलैंड में डॉमिनोज की एक फ्रेंचाइजी के मालिक को इंटरव्‍यू में एक महिला से यह सवाल पूछना भारी पड़ गया और इसकी कीमत उसे हजारों पाउंड हरजाना भरकर चुकानी पड़ी.  

उत्‍तरी आयरलैंड की टाइरोन काउंटी में स्थित डॉमिनोज की एक फ्रेंचाइजी ने एक महिला से जॉब इंटरव्‍यू में उसकी उम्र पूछ ली और नतीजा ये हुआ कि कंपनी को मुआवजे के रूप में उस महिला को 4250 पाउंड यानि तकरीबन 4 लाख रुपए देने पड़े. उत्‍तरी आयरलैंड की रहने वाली जेनिस वॉल्‍श ने वहां पिज्‍जा डिलिवरी ड्राइवर की नौकरी के लिए अप्‍लाय किया था.

वो नौकरी जेनिस को नहीं मिली. जाहिर था, उनके साथ उम्र और जेंडर, दोनों के आधार पर भेदभाव हुआ था. इसके बाद जेनिस ने उस डॉमिनोज फ्रेंचाइजी के ओनर को फेसबुक पर एक लंबा-चौड़ा मैसेज भेजा. वहां से जवाब भी आया, जिसकी जेनिस को कतई उम्‍मीद नहीं थी. फ्रेंचाइजी के मालिक ने फोन करके जेनिस से माफी मांगी. उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें यह पता नहीं था कि जॉब इंटरव्‍यू में महिला की उम्र पूछना इक्‍वैलिटी लॉ के तहत गैरकानूनी है.

बाद में जेनिस को अन्‍य स्रोतों से पता चला कि डॉमिनोज की वह फ्रेंचाइजी अलिखित रूप से 30 वर्ष से कम उम्र के लोगों को ही नौकरी पर रख रही थी. जेनिस ने इक्‍वैलिटी कमीशन का दरवाजा खटखटाया और एक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उस फ्रेंचाइजी के मालिक जस्टिन क्‍वर्क को जेनिस वॉल्‍श को मुआवजे के रूप में 4250 पाउंड देने पड़े.

क्‍या कहता है दुनिया के विभिन्‍न देशों का कानून

अमेरिका में 1967 में एक कानून बना- ADEA (The Age Discrimination in Employment Act of 1967. हालांकि यह कानून महिला और पुरुष दोनों पर समान रूप से लागू होता है. नौकरी में उम्र को लेकर बरते जाने वाले भेदभाव और पूर्वाग्रहों को देखते हुए यह कानून बनाया गया, जिसके तहत 40 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्‍यक्ति से जॉब इंटरव्‍यू के दौरान उसकी उम्र पूछना कानूनन जुर्म है.

बाद में इस कानून को और विस्‍तृत करते हुए इसमें कई और सेक्‍शन जोड़े गए, जिसके तहत जॉब इंटरव्‍यू के दौरान मैरिटल स्‍टेटस, धार्मिक विश्‍वास आदि से जुड़े सवाल पूछना भी दंडनीय अपराध हो गया.

1978 में बने प्रेग्‍नेंसी डिस्क्रिमिनेशन एक्‍ट के तहत जॉब इंटरव्‍यू में किसी महिला से उसकी प्रेग्‍नेंसी से जुड़ा कोई भी सवाल पूछना प्रतिबंधित कर दिया गया. अब कोई भी इंप्‍लॉयर नौकरी के इंटरव्‍यू में महिला से ये नहीं पूछ सकता कि क्‍या वह प्रेग्‍नेंट है या फ्यूचर में बच्‍चे पैदा करने की उसकी क्‍या योजना है. शिकायत होने पर इंप्‍लॉयर को तीन साल तक की जेल हो सकती है.

पिछले साल दिसंबर में चीन के प्रमुख अखबारों में एक खबर छपी थी. चीन की पार्लियामेंट में एक नए कानून का पहला ड्राफ्ट पेश किया गया था, जो इसी मुद्दे से संबंधित था. इस कानून में कहा गया है कि कोई भी इंप्‍लॉयर किसी महिला से नौकरी के इंटरव्‍यू में उसकी उम्र, मैरिटल स्‍टेटस, रिलेशनशिप और प्रेग्‍नेंसी से जुड़ा कोई सवाल नहीं पूछ सकता. पहले ड्राफ्ट में इसे दंडनीय करार देते हुए 3 से 5 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान रखा गया है.  हालांकि चीन में यह कानून अभी पास होना बाकी है.  

इतिहास के पन्‍नों से

पूरी दुनिया में शिक्षा और नौकरी में महिलाओं की हिस्‍सेदारी का इतिहास ही मुश्‍किल से 7 दशक पुराना है और उतना ही पुराना है वर्कप्‍लेस पर जेंडर के आधार पर भेदभाव का इतिहास. एक जर्मन फेमिनिस्‍ट इतिहासकार जेर्डा हेडविग लर्नर का इस पर काफी काम है.

जेर्डा लिखती हैं कि यह बहुत पुरानी बात नहीं, जब यूरोप और अमेरिका में विवाहित महिलाओं को नौकरी पर नहीं रखा जाता था. यदि नौकरी के दौरान कोई महिला विवाह करती तो उसकी नौकरी खत्‍म हो जाती. हालांकि विधवा स्त्रियों पर यह नियम लागू नहीं था. जेर्डा लिखती हैं कि पहले और दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान इन नियमों में थोड़ी ढील दी गई, लेकिन उसका बुनियादी कारण उस समय की सामाजिक और आर्थिक जरूरतें थीं.

नीदरलैंड में बना पहला कानून

दूसरे विश्‍व युद्ध के बाद यूरोप और अमेरिका में शुरू हुआ सेकेंड वेव फेमिनिस्‍ट मूवमेंट समाज में हर स्‍तर पर जेंडर भेदभाव को खत्‍म करने की लड़ाई लड़ रहा था. 1957 में वर्कप्‍लेस पर जेंडर भेदभाव को खत्‍म करने का पहला कानून बना नीदरलैंड में. यह कानून लाने वाला नीदरलैंड दुनिया का पहला देश था, जिसके तहत जॉब इंटरव्‍यू में महिला की उम्र या मैरिटल स्‍टेटस से जुड़ा सवाल पूछना दंडनीय अपराध हो गया. आयरलैंड दुनिया का दूसरा देश था, जिसने 1973 में यह कानून लागू किया.

जेनिस वॉश उसी आयरलैंड की रहने वाली हैं, जिन्‍हें अपने कानूनी हक के बारे में पता था और जिसके लिए उन्‍होंने न्‍यायालय का दरवाजा खटखटाया. एक छोटा सा सवाल डॉमिनोज को बड़ा महंगा पड़ गया.

आज की तारीख में नॉर्वे, स्‍वीडन, जर्मनी, फ्रांस, आइसलैंड, डेनमार्क, फिनलैंड, न्‍यूजीलैंड और यूके में यह कानून लागू है. यदि चीन की संसद कानून पास करती है तो इस फेहरिस्‍त में शामिल होने वाला वह दक्षिण एशिया का पहला देश होगा.