ISRO ने हासिल की एक और बड़ी उपलब्धि; POEM-3 मिशन ने कर दिखाया ये कारनामा
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "PSLV-C58/XPoSat मिशन ने व्यावहारिक रूप से कक्षा (ऑर्बिट) में शून्य मलबा छोड़ा है."
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो - ISRO) ने सोमवार को घोषणा की कि उसका PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल-3 (POEM-3) ऑर्बिट में कोई मलबा छोड़े बिना पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गया. इसरो ने इसे "एक और मील का पत्थर" करार दिया है.
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, "PSLV-C58/XPoSat मिशन ने व्यावहारिक रूप से कक्षा (ऑर्बिट) में शून्य मलबा छोड़ा है."
ऑपरेशन 1 जनवरी, 2024 को हुआ. सभी उपग्रहों को उनकी निर्धारित कक्षाओं में सफलतापूर्वक स्थापित करने के बाद, पीएसएलवी के अंतिम चरण को 3-अक्ष स्थिर प्लेटफॉर्म में परिवर्तित कर दिया गया, जिसे POEM-3 के नाम से जाना जाता है.
फिर इस चरण को 650 किमी से 350 किमी की ऊंचाई से डीऑर्बिट किया गया, जिससे पुन: प्रवेश प्रक्रिया में तेजी आई. इसके अलावा, आकस्मिक ब्रेक-अप से जुड़े संभावित जोखिमों को कम करने के लिए, अवशिष्ट प्रणोदकों (residual propellants) को हटाने सहित चरण को निष्क्रिय करने के लिए उपाय किए गए थे.
नव विकसित स्वदेशी प्रणालियों पर और वैज्ञानिक प्रयोग करने के लिए POEM-3 को कुल 9 विभिन्न प्रयोगात्मक पेलोड के साथ कॉन्फ़िगर किया गया था. इनमें से छह पेलोड एनजीई द्वारा IN-SPACe के माध्यम से वितरित किए गए थे. इन पेलोड के मिशन उद्देश्य एक महीने में पूरे हो गए.
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) ने पीएसएलवी के चौथे चरण को बढ़ाकर POEM की अवधारणा और उसे साकार करने का बीड़ा उठाया है.